Friday, 8 April 2016

भारत के प्राचीन विज्ञान के द्वारा खोले जा सकते हैं मानव जगत से जुड़े प्रकृति के अनंत रहस्य ,बशर्ते सरकार मदद करे तो !

    भारत के प्राचीनविज्ञान को भी जाँचा परखा जाए और कसा जाए आधुनिक  विज्ञान की कठिन कसौटियों पर ! यदि सही  लगे तो प्राचीनविज्ञान पर भी रिसर्च के लिए सहयोग दें !
    बंधुओ ! हमने निजी स्तर पर इसी प्राचीन विज्ञान के द्वारा अभी तक कई क्षेत्रों में काम किया है उसमें कई उत्साह वर्धक परिणाम सामने आए हैं रोगों , मनोरोगों,  मौसम, भूकंप एवं जीवन से जुड़े अन्य विषयों के भी रहस्य सुलझाने में भी प्राचीनविज्ञानकी महत्वपूर्णभूमिका है । 
  बंधुओ ! प्रकृति में घटित होने वाली भूकंप आदि प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन  करके लगाया जा सकता है भविष्य में घटित होने वाली प्राकृतिक घटनाओं का अनुमान !वर्षा आँधी तूफान भूकंप आदि की देश काल परिस्थिति से जाना जा सकता है प्राकृतिक एवं सामाजिक भविष्य !
विशेष निवेदन-

 भारत के प्राचीन विज्ञान के द्वारा प्राकृतिक घटनाओं पर रिसर्च कार्य में आप सभी से सहयोग प्राप्त करने हेतु निवेदन !    प्रकृति में घटित हो रही घटनाएँ भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं के संकेत देती हैं जैसे 26-10 -2015 को हिंदू कुश में जो भूकंप आया वो भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों को मधुर बनाने और मद्रास जैसे समुद्र के किनारे बसे किसी भी शहर में अतिवर्षा के संकेत दे रहे थे इस भूकंपीय शकुन का प्रभाव भविष्य में 6 महीने तक रहना होता है अतएव 26-10 -2015 जैसे भूकंप आने के बाद अप्रैल 2016 तक पाकिस्तान पर भरोसा करके चला जा सकता था इसके बाद नहीं ये बात ज्योतिष विज्ञान के द्वारा मैंने अपने ब्लॉग पर 26-10 -2015 को "इस भूकंप के विषय में क्या कहता है भारत का प्राचीन विज्ञान !जानिए आप भी -"
प्रकाशित किया था जो बिना किसी एडिटिंग के वैसा ही वहाँ पड़ा है उसकी सच्चाई की जाँच भी की जा सकती है और पढ़ा भी जा सकता है see more.... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_26.html
   केवल इतना ही नहीं अपितु ऐसे ही तीन भूकंप हिंदूकुश में लगातार आए जो शकुन शास्त्र की दृष्टि से एक जैसे ही होने के कारण भारत और पाकिस्तान को मिलाने के पक्षधर थे यही कारण है कि जब जब भारत और पाकिस्तान के बिच कोई हलचल हुई तो भूकंप आया जैसे -     बंधुओ ! आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस समय भारत और पाकिस्तान को आपस में मिलाने में ये भूकंप भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं !पहली बार 26 अक्टूबर 2015 को गीता भारत आई तो उसी दिन भूकंप आया दूसरी बार 25 दिसंबर 2015 को मोदी जी पाकिस्तान गए तो उसी रात में भूकम्प आया !तीसरी बार 2 जनवरी 2016 पाकिस्तान के आतंकवादियों ने भारत में पठान कोट पर हमला किया तो भूकंप आया !
        ऐसी ही दूसरी प्राकृतिक घटना नेपाल में आए भयंकर भूकंप की है जो 25 अप्रैल 2015 को आया था इस  भूकंप का केंद्र नेपाल में जिस जगह था उसी जगह से 22 अप्रैल 2015 को भीषण तूफान आया था जिसने  साथ भारत में भीषण तवाही मचाई थी इसमें बहुत लोग मारे गए थे ज्योतिष में शकुन शास्त्र की दृष्टि से भूकंप से तीन दिन पहले आया तूफान 25 अप्रैल 2015 को आने वाले भूकंप की सूचना दे रहा था !
      ऐसी ही तीसरी घटना अक्टूबर 2015 के आसपास दिल्ली और पंजाब के आकाश में छाई धूल की है ये धूल केवल प्रदूषण न होकर अपितु पाकिस्तान में हुए आतंकी हमले की सूचक थी यदि एस न होता तो भारत के शासकों के लिए इससे और अधिक भय होता !
    महोदय ! आपसे मेरा निवेदन है कि समय समय पर ऐसी अन्य प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन भी मेरे द्वारा किया गया है जिसके परिणाम भी होते देखे गए हैं ज्योतिषशास्त्र में ऐसी प्राकृतिक घटनाओं के प्रमाण मिलते हैं उन्हीं को आधार बनाकर हमारे द्वारा प्राकृतिक  अध्ययन किया जाता है।ग्रहों नक्षत्रों पेड़ों पौधों पशुओं पक्षियों बादलों एवं आकाश के बदलते रंगों सूर्य चंद्र के मंडलों में होने वाले बदलावों ,नदियों समुद्रोंसरोवरों से संबंधित घटनाओं का अध्ययन करके भविष्य में घटित होने वाली वर्षा भूकंप एवं और भी कई प्रकार की घटनाओं का अग्रिम अनुमान लगाया जा सकता है !
     महोदय ! ऐसी  प्राकृतिक घटनाओं पर भारत के प्राचीन विज्ञान के द्वारा अध्ययन एवं रिसर्च करने के लिए भारत सरकार से हमें सहयोग की अपेक्षा है क्या सरकार इसमें रूचि लेगी यदि हाँ तो इसके लिए हमें सरकार के किस मंत्रालय में किससे  संपर्क करना चाहिए ?
:प्रार्थी  भवदीय :
                              आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
                 संस्थापक :राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान (रजि.)         
         एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी,एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी, पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसीsee more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_7811.html
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