Tuesday, 3 May 2016

उत्तर प्रदेश का मतदाता अपने प्रशासक को पहचानने की पात्रता ही खो चुका है !



उत्तर प्रदेश गरीब है ये सारी दुनियाँ को भले कसकता हो किंतु उत्तर प्रदेश का मतदाता इससे बेखबर है इसलिए  वो जाति क्षेत्र के नाम पर ऐसे लोगों को मुकुट पहनाया करता है देती है जो जनता को कुछ समझते नहीं हैं वो केवल अपने गाँव को गाँव समझते हैं बाकी  सारा प्रदेश उनके लिए जंगल की तरह है जो केवल कमाई का साधन मात्र है प्रदेश के पैसे से उत्सव अपने घर गाँव में ही मनाते हैं इसके साथ ही वो शासन करने लायक केवल अपने  घर खानदान वालों और नाते  रिस्तेदारों मानते हैं !इसके अलावा वो सरकारी नौकरियों में अच्छे पदों लायक  केवल अपनी जाति के लोगों को ही समझते हैं इसके अलावा सारे प्रदेश की जनता को  गुलाम मानते हैं फिर भी जनता उन्हें मसीहा न मानती होती तो वो सरकार कैसे बना लेते !वो कमाकर टैक्स रूप में जो देती है सारी ऐश उसी पर होती है ! को 

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