Friday, 8 July 2016

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महामहिम राज्यपाल महोदय जी 
                                         सादर प्रणाम !  
विषय:  20 वर्ष पुरानी हमारी जगह में बनी हमारी दीवार तोड़ कर दरवाजा रखने की धमकी देकर गए हैं पडोसी उन्हें रोकने हेतु !
     महोदय            
      विदित हो कि मैं दिल्ली में रहता हूँ विश्वहिंदू परिषद के आयाम 'भारतजागरण' के दिल्ली प्रदेश का दायित्व निर्वाह कर रहा हूँ । कानपुर (इंदलपुर)जन्मभूमि है मैं कई पुस्तकों का लेखक हूँ  20 किताबें  प्रारंभिक स्कूलों में भी पढ़ाई भी जाती हैं मेरे कई काव्य एवं गद्यग्रंथ हैं 9 ब्लॉग हैं जिनमें भ्रष्टाचार विरोधी संगठन संबंधी और नैतिक जन जागरण से जुड़े लगभग 2000 आर्टिकल  प्रकाशित हैं जो लाखों बार पढ़े जा चुके हैं वैसे दिल्ली में ही स्वतंत्र पत्रकारिता भी करताहूँ । 
    महोदय !कानपुर के कल्याणपुर 'कला' में फूलेश्वर शिवमंदिर के पीछे हमारा घर है । यह प्लाट मैंने सन  1997 में हरीसिंह से खरीदा था जिसका प्लाट नंबर 27 है !इसकी रजिस्ट्री तुरंत हो गई थी और दाखिल ख़ारिज 1999 में हो गया था!यहाँ हमारे भाई साहब पिछले 19 वर्षों से रहते हैं ।
      श्रीमान जी !हरीसिंह जी ने हमारे प्लॉट के सामने तक ही रोड बनाकर हमें प्लॉट बेचा था और हमसे कहा था कि इसके आगे दीगर भूमि की बाउंड्री है इसलिए ये रोड यहाँ से बंद है । इस बाउंड्री के उधर से तुम्हारा कोई लेना देना नहीं है और इस बाउंड्री के इधर से दीगर भूमि वालों का कोई लेना देना नहीं है । 
     मान्यवर ! ये रोड यदि  लगभग तीस फिट और आगे बढ़ जाता तो पनकीरोड के मेन लिंक रोड में मिल सकता था जिससे इधर रहने वाले काफी बड़े समूह का आवागमन बहुत आसान हो जाता किंतु दीगर भूमि होने के कारण ही यह रोड पनकीरोड के लिंक रोड में मिलाया नहीं जा सका इसे लगभग 30 फिट पहले ही रोक देना पड़ा ।पिछले 19 वर्षों से हम लोग यहाँ रह रहे हैं और बाउंड्री वैसी ही बनी हुई है रोड हमारे दरवाजे पर ही रुका हुआ है न उनका इधर से कोई मतलब था और न हमारा उधर से !
      महोदय !अभी 2 -7-2016 को दीगर भूमि वाले साबूसिंह पुत्र रघुनाथ सिंह ने हमारे भाईसाहब ब्रजकिशोर वाजपेयी जी से बोला है कि मैं तुम्हारी तरफ गेट खोलूँगा तो भाई साहब ने कहा कि तुम्हारा इधर से क्या संबंध !करना ही है तो रोड को बाउंड्री की दीवार पार करके आगे अपनी जगह में ले जाओ वहाँ खोलो अपना दरवाजा !साथ ही यदि आप हमारी तरफ क़ी जमीन पर बने रोड का फायदा उठाना चाहते हैं तो आप इस रोड को उधर के रोड से भी मिलाएँ ताकि हम लोगों को भी आने जाने की सुविधा मिले !
     इस पर दीगर भूमि वाले साबूसिंह कहते हैं कि "यह रोड तो यहीं तक रहेगी इसे आगे नहीं बढ़ने दूँगा और अपनी बाउंड्री एवं उसके साथ वाली तुम्हारी दीवाल तोड़कर तुम्हारे चबूतरे पर दरवाजा खोलूँगा ।"ये उनकी हमारे लिए अंतिम चेतावनी  है इसके बाद वो कभी भी आकर हमारी दीवार तोड़कर अपना दरवाजा बना लेंगे !
    महोदय ! हमने पैसे देकर जगह खरीदी है और ये साबूसिंह की गाँव समाज की कब्ज़ा की हुई जमीन बताई जाती है जिसका दरवाजा वो हमारी तरफ खोलना चाह रहे हैं सरकार यदि अपनी जमीन की जाँच करवाकर अवैध कब्जे से मुक्त करवाले  तो भी हमारी समस्या का समाधान हो जाएगा और रोड भी आपस में मिलाया जा सकेगा जिससे बहुत सारे लोगों को सुविधा हो जाएगी !अन्यथा यहाँ  कब्ज़ा दिखाने के लिए अभी तक जो अस्थाई निर्माण किए गए थे वो अब स्थाई किए जाने लगे हैं जो भविष्य में सरकार के लिए भी समस्या बन सकते हैं । 
     श्रीमान जी ! अतएव मेरा आपसे निवेदन है कि यदि साबूसिंह को दरवाजा खोलना ही है तो रोड को आगे बढ़ाकर आर पार करें एवं अपनी जगह में अपना  दरवाजा खोलें और हमें भी अपनी तरफ से निकलने का रास्ता दें अन्यथा उनका दरवाजा हमारी तरफ से किसी भी कीमत पर न खुलने दिया जाए !
                                            भवदीय 
                         डॉ.शेष नारायण वाजपेयी 
                           9811226973\9838239075
                                        प्लॉट नं 27, हरीसिंह की बगिया
                          फूलेश्वर शिव मंदिर के पीछे ,कल्याणपुर कला  कानपुर 
     
महोदय !कृपया इसे भी देख लीजिए इसमें वहाँ के कुछ चित्र आदि भी हैं -http://samayvigyan.blogspot.in/2016/07/blog-post_6.html

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