Monday, 18 August 2014

dincharya 2

भोजन करने सम्बन्धी महत्वपूर्ण नियम 

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[१] पांच अंगो ( दो हाथ , २ पैर , मुख ) को अच्छी तरह से धोकर ही भोजन करें !

[२] गीले पैरों खाने से आयुमें वृद्धि होती है !

[३] प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है , क्योंकि पाचन क्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से २ घंटे बाद तक एवं सूर्यास्त से २-३ घंटे पहले तक प्रवल रहती है !
[४] पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुँह करके ही भोजन करना चाहिए !
[५] दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके किया हुआ भोजन प्रेत को प्राप्त होता है !
[६] पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन करने से रोग की वृद्धि होती है !
[७] शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे वर्तनों में भोजन नहीं करना चाहिए !
[८] मल मूत्र का वेग होने पर,कलह के माहौल में,अधिक शोर में,पीपल,वट वृक्ष के नीचे भोजन नहीं करना चाहिए !
[९] परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए !
[१०] खाने से पूर्व अन्न देवता , अन्नपूर्णा माता की स्तुति करके , उनका धन्यवाद देते हुए ,
तथा सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो ऐसी प्रार्थना करके भोजन करना चाहिए !
[११] भोजन बनाने वाला स्नान करके ही शुद्ध मन से, मंत्र जप करते हुए ही रसोई में भोजन बनाये और सबसे पहले ३ रोटियाँ अलग निकाल कर ( गाय , कुत्ता , और कौवे हेतु ) फिर अग्नि देव का भोग लगा कर ही घर वालों को खिलाये !
[१२] ईर्षा , भय , क्रोध, लोभ,रोग , दीन भाव,द्वेष भाव के साथ किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है !
[१३] आधा खाया हुआ फल , मिठाईयाँ आदि पुनः नहीं खानी चाहिए !
[१४] खाना छोड़ कर उठ जाने पर पुनः उस भोजन को नहीं करना चाहिए !
[१५] भोजन के समय मौन रहें !
[१६] भोजन को बहुत चबा चबा कर खाएं !
[१७] रात्री में भरपेट न खाएं !
[१८] गृहस्थ को ३२ ग्रास से ज्यादा नहीं खाना चाहिए !
[१९] सबसे पहले मीठा , फिर नमकीन , अंत में कडुवा खाना चाहिए !
[२०] सबसे पहले रस दार , बीचमें गरिष्ठ , अंत में द्राव्य पदार्थ ग्रहण करें !
[२१] थोडा खाने वाले को --आरोग्य , आयु , बल , सुख, सुन्दर संतान , और सौंदर्य प्राप्त होता है !
[२२] जिसने ढिंढोरा पीट कर खिलाया हो वहाँ कभी न खाएं !
[२३] कुत्ते का छुवा , रजस्वला स्त्री का परोसा, श्रृाद्ध का निकाला , बासी , मुँह से फूँक मारकर
ठंडा किया , बाल गिरा हुआ भोजन , अनादर युक्त , अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन
कभी न करें !
[२४] कंजूस का, राजा का,वेश्या के हाथ का,शराब बेचने वाले का दिया भोजन कभी नहीं करना चाहिए

 

 बहाने 

 

1 - मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला 

अचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला ।

2- बचपन मे ही मेरे पिता का देहाँत हो गया था

प्रख्यात संगीतकार ए . आर . रहमान के पिता का भी देहांत बचपन मे हो गया था।

3 - मै अत्यंत गरीब घर से हू 

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे ।

4- बचपन से ही अस्वस्थ था 

आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी ।

5 -मैने साइकिल पर घूमकर आधी जिंदगी गुजारी है

निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी जिन्दगी गुजारी ।

6- एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी

प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है ।

7 - मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है 

थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जाता था।

8 - मै इतनी बार हार चूका अब हिम्मत नही 

अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने।

9 - मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी

लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी।

10 - मेरी लंबाई बहुत कम है 

सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है। 

11 - मै एक छोटी सी नौकरी करता हू इससे क्या होगा 

धीरु अंबानी भी छोटी नौकरी करते थे।

12 - मेरी कम्पनी एक बार दिवालिया हो चुकी है , अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा 

दुनिया की सबसे बङी शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी दो बार दिवालिया हो चुकी है ।

13 - मेरा दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है , अब क्या कर पाऊगा 

डिज्नीलैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।

14 - मेरी उम्र बहुत ज्यादा है 

विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड के मालिक ने 60 साल की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला था।

15 - मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है पर लोग अस्वीकार कर देते है 

जेराँक्स फोटो कापी मशीन के आइडिये को भी ढेरो कंपनियो ने अस्वीकार किया था पर आज परिणाम सामने है ।

16 - मेरे पास धन नही 

इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पङे।

17 - मुझे ढेरो बिमारिया है 

वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी अनेको बीमारियो मे थे | राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर काम नही करते थे।

कुछ लोग कहेगे कि यह जरुरी नही कि जो प्रतिभा इन महानायको मे थी , वह हम मे भी हो ________

सहमत हू मै लेकिन यह भी जरुरी नही कि जो प्रतिभा आपके अंदर है वह इन महानायको मे भी हो 

सार यह है कि 

"" आज आप जहा भी है या कल जहाँ भी होगे इसके लिए आप किसी और को 
जिम्मेदार नही ठहरा सकते , इसलिए आज चुनाव करिये " सफलता और सपने चाहिए या खोखले बहाने .......?



 

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