Tuesday, 19 August 2014

रेप रोकने के लिए सरकार को कानून बनाना था सो बना दिया अब बारी है समाज की !

         बंधुओ ! रेप की बढ़ती वारदातें निःसंदेह घोर चिंता का विषय हैं अभी तक तो केवल बलात्कार ही था  पाँच पाँच वर्ष की बच्चियों एवं बच्चों के मलमूत्रांगों से जो खिलवाड़ किया जा रहा है उसे बलात्कार नहीं अपितु उन पर दारुण दुराचार माना  जाएगा जिन बेचारों को ये भी नहीं पता है कि सेक्स होता क्या है उन्हें सेक्स गतिविधियों में सम्मिलित किया जाना एवं के साथ सेक्स कितना गिरता जा रहा है समाज !
        भाइयो बहनो ! इसे मिलजुल कर रोकना होगा सरकार को जो कानून बनाना था सो बना दिया अपराधियों को जो सजा फाँसी होगी सो देखी जाएगी किन्तु लाख टके का  सवाल ये है कि अभी क्या हो क्योंकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए अभी कुछ करना होगा


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