Sunday, 7 September 2014

गंगा जी में साईं पत्थर कल प्रकट होने पर देवता बताए जाएँगे तब क्या होगा !

      आखिरकार सनातन धर्म के मंदिरों से उठा उठाकर नदियों में फेंके जाने लगे साईं पत्थर !
अथवा यूँ कह लिया जाए कि धोखे से सनातन धर्म मंदिरों में घुसे साईं निकाल बाहर किए जाने लगे मंदिरों से !     
       सनातन धर्म के जिम्मेदार लोगों की लापरवाही से सनातन धर्म एवं धर्म स्थलों के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हुआ कि एक अदना सा बुड्ढा सनातन धर्मियों का न केवल भगवान  बन बैठा अपितु सनातन धर्म के प्रतीक श्री राम कृष्ण शिव दुर्गा गणेश जैसे देवी देवताओं की बराबरी कर बैठा , यह भी स्वतंत्र  भारत में हुआ यह भी प्रेम पूर्वक हुआ सबके सामने हुआ ,और सनातन धर्मियों के जिम्मेदार लोगों के पूरे होश हवाश में हुआ आखिर अब तक कहाँ था ध्यान उन महापुरुषों का ! निस्संदेह चूक हुई है ,जरा से आलस्य से इतनी बड़ी दुर्घटना घटने जा रही थी सनातन धर्मियों के साथ ,जिसे श्रद्धेय शंकराचार्य जी की सजगता से रोका  जा सका !इसके लिए सनातनी समाज उनके इस पुरुषार्थ का अभिनन्दन करता है !
  
        गंगा जी में साईं पत्थर कल प्रकट होने पर देवता बताए जाएँगे तब क्या होगा !
          तब  इसके  साइड इफेक्ट और अधिक भयंकर होंगे !आज जो साईँ पत्थर मूर्ति के रूप में गंगा जी में फेंके जा रहे हैं कल इन पर बालू बैठ जाएगी और ये दब जाएँगे मिट्टी में ,इसके बाद इसकी क्या गारंटी कि ये दुबारा मिट्टी से निकलेंगे नहीं जब मिट्टी हटेगी और ये साईँ पत्थर  दिखेंगे तो साईंयों का जमघट फिर लगेगा और इसबात का दुष्प्रचार किया जाएगा कि साईं प्रकट हुए हैं तब वहीँ इनकी पूजा आरती होगी और वहीँ इनके मंदिर बनाए जाएँगे इस परिस्थिति में  समय ऐसा भी आ सकता है कि गंगा जी के किनारे देव मंदिर कम और साईं वृद्धाश्रम (मंदिर) अधिक दिखाई दें उसके विषय में भी आज ही सोचना होगा !

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