शिवाजी पैदा तो हों किन्तु पड़ोसी के घर ये कौन नहीं चाहता है !
जो राजनैतिक साधू लोग व्यापार कर सकते हैं राजनीति कर सकते हैं जब ये सब करने में कोई रोकटोक नहीं है वो विवाह भी कर सकते थे !
बंधुओ ! चार चार पाँच पाँच संताने पैदा करने की सलाह वो लोग देते हैं जिन्होंने संतानों के भरण पोषण से भयभीत होकर ही संभवतः विवाह नहीं किया होगा अन्यथा जो साधू लोग व्यापार कर सकते हैं राजनीति कर सकते हैं वो विवाह क्यों नहीं कर सकते थे और विवाह करते तो बच्चे भी होते जितने चाहते उतने होते !उनका उदाहरण देखकर उनसे बहुत लोग प्रेरित भी होते !
बंधुओ !आज की महँगाई में अपना जीवन चला पाना बोझ होता है बच्चों के गर्भ में आने पर ही आजकल ठीके लगाने लगते हैं प्रसव पर भारी भरकम खर्च !हिजड़े तक हजारों में बातें करते हैं लाखों रूपए लेकर छोटे छोटे बच्चों के एडमीशन स्कूलों में होते हैं ! सरकारी स्कूलों में पढ़ने पर कितना जलील होना पड़ता है उन्हें !और यदि बच्चियाँ हुईं तो उन्हें पढ़ापाना और सुरक्षित रख पाना कितना कठिन होता है !ये बच्चों के माता पिता से पूछो कि उनपर क्या बीतती है जब गरीब लोग अपने बच्चों की अँगुली पकड़कर सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए ले जा रहे होते हैं रास्ते में वे छोटे छोटे बच्चे हठ बड़े बड़े स्कूलों की ओर इशारे करके पूछते हैं कि पापा हमारा एडमीशन इस स्कूल में क्यों नहीं करवा देते ! ऐसा कहकर रुक जाते हैं रोने लगते हैं वे और उसी स्कूल में जाने की हठ करते हैं लोग देख देख कर हँस रहे होते हैं उस समय क्या बीतती होगी उस बाप पर ! हृदय पर हाथ रखकर देखिए !!!
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