देश का प्रधानमंत्री देश का स्वाभिमान होता है सोनियाँ गाँधी जी ने इस मर्यादा का ध्यान रखा उन्होंने अपने सांसदों को PM का नाम लेने को रोका किंतु तुम्हें लज्जा नहीं आई ! केजरीवाल जी ! अब आप सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं दिल्ली जैसे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं अपनी नहीं तो पद की ही कुछ मर्यादा रख लेते आप !छोटे छोटे बच्चों की तरह रोज चें चें करते रहते हैं !
केजरीवाल जी !दिल्ली में डेंगू पर खर्च होने वाला पैसा आपने विज्ञापनों
पर फूँक दिया इसीलिए डेंगू ने तोड़ा 19 वर्षों का रिकार्ड !
अब आप मोदी जी
से अपनी तुलना करते हैं कितने लज्जा शून्य होते जा रहे हैं आप !
आखिर
524 करोड़ कम तो नहीं होते !आपको अपने और अपने विधायकों के बजट तो ध्यान रहा
तो आपने सैलरी बढ़ा ली किंतु दिल्ली वालों के बिगड़ते बजट के लिए क्या सोचा
आप ने !see more.... http://sahjchintan.blogspot.in/2015/12/blog-post_24.html
"AAP विधायक अमानतउल्लाह के पास बच्चों की फीस भरने के पैसे नहीं, स्कूल ने काटा नाम !"-एक खबर
किंतु विधायक जी ! 524 करोड़ विज्ञापन के नाम पर जो पास किए गए थे उसमें आपका हिस्सा आपको नहीं मिला क्या ?अकेले ही खा गए होंगे आपकी पार्टी के मुखिया लोग !
केजरीवाल जी !गरीबों का मजाक उड़ाने की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में ताले क्यों नहीं डलवा देते हैं आप ?
हे केजरीवाल जी !जब आपके विधायक आपके द्वारा नियंत्रित सरकारी स्कूलों पर
भरोसा नहीं करते तो दिल्ली सरकार के ऐसे अविश्वसनीय स्कूलों को बंद क्यों
नहीं करवा देते हैं आप !आखिर गरीबों के बच्चों के भविष्य के साथ क्यों
खिलवाड़ कर रहे हैं आप !
"AAP विधायक अमानतउल्लाह के पास बच्चों की फीस भरने के पैसे नहीं, स्कूल ने काटा नाम !"-एक खबर
केजरीवाल जी !ऐसे विधायकों के बच्चे पढ़वाने के लिए और पास कर लीजिए सौ दो सौ करोड़ !क्यों मुशीबत उठा रहे हैं ये बेचारे आपके विधायक ! दिल्ली की जनता जैसे विधायकों की बढ़ी सैलरी भुगतेगी जैसे आपके विज्ञापन के 524 करोड़ भुगत रही है ऐसे ही वो भी भुगत लेगी !वैसे केजरीवाल जी !फीस के लिए रोने धोने वाले आपके विधायक आपके सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ते हैं अपने बच्चे ? दूसरीबात जब तक विधायक नहीं बने थे तबतक कहाँ से देते थे अपने बच्चों की फीस ?
केजरीवाल जी !ऐसे विधायकों के बच्चे पढ़वाने के लिए और पास कर लीजिए सौ दो सौ करोड़ !क्यों मुशीबत उठा रहे हैं ये बेचारे आपके विधायक ! दिल्ली की जनता जैसे विधायकों की बढ़ी सैलरी भुगतेगी जैसे आपके विज्ञापन के 524 करोड़ भुगत रही है ऐसे ही वो भी भुगत लेगी !वैसे केजरीवाल जी !फीस के लिए रोने धोने वाले आपके विधायक आपके सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ते हैं अपने बच्चे ? दूसरीबात जब तक विधायक नहीं बने थे तबतक कहाँ से देते थे अपने बच्चों की फीस ?
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