Thursday, 24 December 2015

DELhi BJP

वैसे नेता वहाँ पहले तो आने नहीं दिए जाते  और यदि किसी तरह घुस आवें तो टिकने नहीं दिए जाते और जो टिके वे पेंशन लेकर ही निकलेंगे तब तक पार्टी की सेवा अब वही लोग करते रहेंगे और वे अपने नेता बने रहने भर के लिए पार्टी चला ही लेंगे और उससे अधिक उन्हें करना भी क्या है ?मुख्यमंत्री केजरीवाल जी हैं ही इसके पहले पहले शीला जी मुख्यमंत्री के रूप में काम कर ही रही थीं । भगवान जाने दिल्ली भाजपा के इन संतुष्ट नेताओं को नींद कैसे पड़ती है देश की नंबर दो वाली पार्टी पंद्रह वर्ष से दिल्ली की सत्ता से न केवल बाहर है अपितु मात्र तीन सीटें लेकर आई है फिर भी वे नेता नेतृत्व और पार्टी उनकी कार्य कुशलता से संतुष्ट है राजनैतिक पार्टी के रूप में चाणक्य ने लिखा है राजा यदि संतुष्ट हो जाए तो उसका बिनाश होता है !

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