Monday, 21 March 2016

"ब्राह्मणों सवर्णों को गरियाकर करोड़पति बने दलित नेता व चिंतक पर दलित आज भी जस के तस "

   आपके  इस आर्टिकल की विषयसामग्री जिस लेख से ली गई उस लेखक से अनुमति ली गई है क्या ?

 To - Revolt Press
  महोदय ,
       आपने  1 मार्च 2016 को हमारा एक आर्टिकलकिसी और के नाम से प्रकाशित किया है जबकि इस लेख की संपूर्ण विषय वस्तु हमारे इस लेख से उठाई हुई है आपका वो लेख है ये -
"ब्राह्मणों सवर्णों को गरियाकर करोड़पति बने दलित नेता व चिंतक पर दलित आज भी जस के तस "see more.... http://hindi.revoltpress.com/blog/the-fundamentalism-of-dalit-leaders-thinkers/ "

जिस लेख से विषय वस्तु उठाई गई है   हमारा वो लेख है ये -  
"Sunday, 6 December 2015

ब्राह्मणों को गालियाँ दे देकर लोग कितने बड़े बड़े पदों पर पहुँच गए किंतु ब्राह्मणों ने कभी किसी का बुरा नहीं किया !see more.... http://samayvigyan.blogspot.in/2015/12/blog-post_6.html"
   महोदय !आपकी दृष्टि से यदि ये उचित है तो आपके द्वारा प्रकाशित  की गई किसी भी विषय वस्तु को  हेडिंग और कुछ लाइनें बदलकर मूल विषय वस्तु को जैसा का तैसा किसी और के नाम से प्रकाशित करना उचित माना जाएगा क्या ? इसलिए उचित होगा कि इस आर्टिकल को अविलंब हटाया जाए साथ ही हमारे आर्टिकल को प्रकाशित करने का उचित पारिश्रमिक हम तक पहुँचाया जाए ! अन्यथा एक सप्ताह बाद किसी भी दिन कानूनी मदद लेने के लिए हम भी विवश होंगे !
                     निवेदक -   डॉ. शेष नारायण वाजपेयी 

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