वायुप्रदूषण के विषय में पूर्वानुमान लगाने की एक नई तकनीक !
इस विषय में जो नई तकनीक खोजी गई है उसके अनुशार यह अनुभव में आया है कि वायुप्रदूषण समय के साथ
साथ घटता और बढ़ता है क्योंकि वाहनों के धुआँ
फेंकने,परालीजलाने,पटाकाफोड़ने या निर्माण कार्यों के विषय में बिना किसी
अध्ययन अनुसंधान के यदि केवल उस नई तकनीक के आधार पर ही लगाए गए पूर्वानुमान सच होते हैं तो उन पर विश्वास होना स्वाभाविक भी है |
इसलिए उचित होगा यदि इन पूर्वानुमानों का सम्यक परीक्षण करके उन्हें भी यदि सही लगे तो इस नई तकनीक से प्राप्त पूर्वानुमानों का भी देश और समाज के हित में उपयोग किया जाए |
वायुप्रदूषण बढ़ने घटने के विषय में इस नई तकनीक से लगाए गए अक्टूबर महीने
के पूर्वानुमान 1 अक्टूबर को एवं नवंबर महीने के पूर्वानुमान 31 अक्टूबर को
प्रधानमंत्री जी समेत कुछ मुख्यमंत्रियों एवं कुछ पत्रकारों के मेल पर भेज दिए गए थे
जो प्रायः सही सिद्ध हुए हैं | वो इस नई तकनीक के आधार पर ही
लगाए गए थे |
प्रधानमंत्री
जी आदि के मेल पर जो पूर्वानुमान मैंने भेजे थे उनमें स्पष्ट रूप से लिखा
गया है कि 29 और 30 अक्टूबर को वायु प्रदूषण बढ़ कर 500 के आँकड़े को पार कर
जाएगा |
इसके बाद 2 नवंबर को
वायुप्रदूषण कम होना शुरू हो जाएगा तथा 4 नवंबर से 10 नवंबर के बीच घटकर
300 के आसपास रह जाएगा आज 5 नवंबर को 300 के आसपास ही लगभग पहुँच गया है |उन दोनों मेलों
की फोटो कॉपी मैं यहाँ संलग्न कर रहा हूँ|साथ ही वे जीमेल भी आपको फॉरवर्ड कर दूँगा | पिछले वर्ष अर्थात सन 2018 के भी
वायुप्रदूषण से संबंधित इसी प्रकार के और भी प्रमाण मेरे पास संगृहीत हैं |
अतएव मैं आपलोगों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ कि इस नई तकनीक से प्राप्त पूर्वानुमानों का भी परीक्षण करके यदि इसके आधार पर पूर्वानुमान लगाया जाए तो बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है | इन पूर्वानुमानों को लगाने की प्रक्रिया अत्यंत कम खर्चीली है इसके आधार पर काफी पहले पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं |इसलिए उचित होगा यदि इन पूर्वानुमानों का सम्यक परीक्षण करके उन्हें भी यदि सही लगे तो इस नई तकनीक से प्राप्त पूर्वानुमानों का भी देश और समाज के हित में उपयोग किया जाए |
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