Wednesday, 11 February 2015

मोदीलहर के लोभ में अलसाई भाजपा को बहा ले गईं लहरें केजरीवाल की !

भाजपा को जिताने का ईमानदार प्रयत्न भी नहीं किया जा सका !चुनाव लड़ने की तैयारियाँ अंत तक चलती रहीं !

    अब बात मोदी लहर की !-

  बंधुओ ! यदि ये बात भाजपा के लोगों की समझ में आ जाए कि मोदी लहर तब भी नहीं थी जब मोदी सरकार बनी थी ! अपितु आजकल सरकारों से असंतुष्ट जनता मजबूरी में डालने जाती है वोट !ऐसे में मोदी लहर या किसी नेता की लहर कैसे हो सकती है और                                         यदि होती भी तो किस बात से ! अपने काम भी तो देखने चाहिए देश में UPA और  NDA दो बड़े गठबंधन हैं UPA सरकार की नीतियों से त्रस्त जनता ने उसपर रोष प्रकट किया और पराजित कर दिया तो NDA को जीतना ही था इसके अलावा जनता के पास और कोई विकल्प था ही नहीं या तो चुनावों का बहिष्कार करती किन्तु कब तक !इसलिए UPA को हराने के लिए NDA को जिताना ही था इसमें लहर कहाँ किसकी और क्यों होती !       

        माना कि UPA सरकार की नीतियों से जनता त्रस्त थी किन्तु NDA से भी तो खुश नहीं थी क्योंकि NDA का कोई नेता UPA सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने के लिए प्रभावी रूप से जनता के साथ खड़ा नहीं हुआ !अकर्मण्य विपक्ष की भूमिका का निर्वाह अन्ना और बाबा जी को निभानी पड़ी जबकि ये काम NDA का था !इस विषम परिस्थिति में मोदी जी और अमित शाह जी तो कभी  जनता को हिम्मत बँधाने भी नहीं आए फिर उनकी लहर यदि होती भी तो किस बात के लिए !

          प्रधानमंत्री पद की दौड़ में उस समय मोदी जी ,राहुल गांधी जी और अरविन्द केजरी वाल तीन लोग दिखाई देते थे उसमें सबसे मजबूत अनुभवी एवं उम्रदराज मोदी जी ही थे इसलिए जनता ने उन्हीं का विकल्प चुना !उसे लगा कि ये काम करेंगे काम करने को कह तो ये अभी भी रहे हैं किन्तु करना कब शुरू करेंगे इसका पता ही नहीं चल पा रहा है ! और जो काम ये कर भी रहे हैं उसके लाभ हानि का असर जब तक जनता पर पड़ेगा तब तक तो तमाम केजरीवाल तैयार हो जाएँगे और ये लहर लिए बैठे रहेंगे ! 


पक्ष लिया




यदि    अपराध समर्थक नहीं है की इसलिए कार्यकर्ता के लिए गर्व का विषय है !

 की हार का कारण     इसलिए अपराध समर्थक नहीं है   


हीं है के कारण नहीं हारी की पराजय का कारण उसका नहीं मुझे इसका अभी भी गर्व है !


 भाजपा के सिद्धांतों और में भ्रष्टाचार नहीं है भ्रष्टाचारी नहीं है

भाजपा की पराजय का कारण उसकी अकर्मण्यता हो सकती है किंतु भ्रष्टाचार नहीं है

भाजपा हारी अपने कर्मों से किन्तु घपले घोटाले के कारण नहीं

 भाजपा की हार का कारण और कुछ भी हो किन्तु उसके घोटाले भ्रष्टाचार आदि

भाजपा को  कोसना ठीक नहीं है

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