जनता से किए गए अधिकाँश वायदों को पूरा करने के लिए केजरीवाल जी को उन सरकारों से सहयोग लेना होगा जिन पार्टियों की ईमानदारी पर वे शक करते रहे हैं ऐसे में उनसे सहयोग की अपेक्षा वे कैसे कर सकते हैं और वो सरकारें ऐसा करने के लिए बाध्य कैसे हैं ऐसे में अपनी माँगें मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन के अलावा और विकल्प ही क्या बचता इनके पास !
इस सरकार के हर मंत्रालय के कार्यों से सम्बंधित जनता को जो आश्वासन दिए गए हैं वो अन्य सरकारों का सहयोग लेकर ही पूरे करना है वे उन पार्टियों की सरकारें हैं जिन्हें केजरीवाल जी भ्रष्ट बेईमान आदि कहते रहे हैं तो उनसे अच्छे सहयोग की उम्मींद इन्हें करनी भी नहीं चाहिए आखिर उनका भी आत्म सम्मान है !साथ ही केंद्र सरकार की प्रमुख पार्टी के वर्तमान मुखिया पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली में हमसे डरने वाली सरकार चाहिए ऐसे डराने के शौकीन लोगों से सहयोग की अपेक्षा ! हाँ वैधानिक सहयोग तो उन्हें भी करना ही होगा किन्तु इतने भारी भरकम वायदे उतने से पूरे कैसे हो पाएँगे !
इसलिए केजरीवाल सरकार में जिन्होंने मंत्रालय लिए हैं उन्हें भी काम काज तो जस तस बाक़ी धरना प्रदर्शन ही अधिक करना होगा इसके अलावा उनके पास काम क्या है अर्थात वो आखिर करेंगे क्या ! दिल्ली के कई बड़े काम पड़ोसी राज्यों पर निर्भर हैं यूपी हरियाणा से पानी आता है बिजली हिमाचल उत्तराखंड से बिजली आती है केंद्र सरकार से काम करने के लिए फंड मिलता है योजनाएँ पूरी करने के लिए जमीनें मिलती हैं रही बात साफ सफाई नाले नालियों की वो निगम के हाथ हैं रही बात पुलिस व्यवस्था की तो वो केंद्र सरकार के हाथ में है और भी बहुत सारी योजनाएँ दूसरों तीसरों के आधीन हैं ।
पीने वाले पानी की ही बात लें तो नियम है कि सीवर के पाइप पीने वाले पानी के पाइप से नीचे डाले जाने चाहिए ताकि सीवर के पाइप से निकलने वाला गन्दा पानी पीने वाले पानी के पाइप पर न गिरे किन्तु पीने वाला पानी दिल्ली सरकार का और सीवर वाला निगम का और निगम वालों ने सैकड़ों जगह डाल रखे हैं इसी प्रकार के पाइप और आगे नहीं डालेंगे इसकी क्या गारंटी !और यदि ऐसा ही होता रहा तो गंदे पानी की समस्या का समाधान कैसे करेंगे केजरीवाल जी !क्योंकि जलबोर्ड के पाइप अनेकों जगहों पर गल चुके हैं जिन्हें बदले बिना साफ पानी की परिकल्पना कैसे की जाए !और पाईप बदलने में दो बड़ी समस्याएँ हैं पहला तो फंड जो केंद्र सरकार के आधीन है और दूसरा समय अर्थात फंड मिल भी जाए तो पाइप बदलने के लिए समय तो चाहिए किन्तु जनता में इतना धैर्य कहाँ है जिसने मोदी जी विरुद्ध नौ महीने में ही फैसला सुना दिया वो केजरीवाल जी को क्यों पाँच वर्ष दे देगी !और बात बात में अपने कार्य न कर पाने के लिए दूसरी सरकारों को दोषी ठहराया जाना भी बर्दाश्त नहीं करेगी !आखिर जनता को आश्वासन आपने अपने बल पर दिए हैं इसलिए जनता से वायदे करने से पूर्व दिल्ली सरकार की क्षमताओं का अध्ययन तो किया ही जाना चाहिए था ।इसलिए इस सरकार के प्रमुख अस्त्र शस्त्र धरना प्रदर्शन ही होते दिख रहे हैं !
केजरीवाल जी को अपने आंदोलन के माध्यम से प्रसिद्ध पहचान दिलाने वाले अादरणीय अन्ना हजारे जी एवं उनके आंदोलन रूपी दही को विलोने से निकले आम आदमी पार्टी रूपी मक्खन का और अधिक विस्तार करने के लिए सुना है कि अादरणीय अन्ना हजारे जी अपने धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम पुनः प्रारम्भ करने जा रहे हैं किन्तु ये बात न तो हमसे किसी ने बताई है और न ही हम किसी को बता रहे हैं ये अनुमान हमारा है अनुमान ही आप भी लगाइए !हमारा अनुमान तो ये भी है कि वायदे पूरे न होने पर जनता की फजीहत झेलने के बजाए त्याग प्रधान पार्टी इस असफलता का सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ कर बिसर्जन कर सकती है अपनी सरकार और ये आम आदमी पार्टी की ये सारी राम लीला मंडली रामलीला मैदान पहुँचकर करने लगे पुनः धरना प्रदर्शन !
खैर ,निजी तौर हमारी ओर से इस सरकार को बहुत बहुत शुभ कामनाएँ !
No comments:
Post a Comment