भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Tuesday, 17 February 2015
प्रेम के महान पर्व शिवरात्रि को मानने वाला कोई हिंदू मजनुओं वाले वेलेंटाइन डे को क्यों मनाएगा !
बंधुओ ! हिंदू धर्म को से जुड़े हर व्यक्ति को पता है जिस कन्या का विवाह न होता या पति के साथ संबंधों में अनबन चलती रहती है ऐसी कन्याएँ या स्त्रियाँ माता पार्वती की आराधना करके अपने वैवाहिक जीवन को मधुर बनाया करती हैं ।इस प्रकार से माता पार्वती ने केवल अपना पति प्रेम ही नहीं बनाया और बचाया अपितु अपनी भक्त कन्याओं स्त्रियों को वैवाहिक सुख प्रदान करती आ रही हैं !इस पुनीत पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती को कोटिशः प्रणाम !
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