Tuesday, 17 February 2015

प्रेम के महान पर्व शिवरात्रि को मानने वाला कोई हिंदू मजनुओं वाले वेलेंटाइन डे को क्यों मनाएगा !

पति पत्नी के पवित्र प्रेम के महान पर्व शिवरात्रि पर आप सभी भाई बहनों को कोटि कोटि बधाई !भगवती की कृपा से आप सभी का वैवाहिक जीवन मंगलमय  हो भगवान शिव एवं माता पार्वती की चरण शरण में मन लगा रहे !

   दो.   आज महाशिव रात्रि का पावन पर्व पुनीत ।

         शंभु चरण चित  लाइए भजहु शंभु जग जीत ॥


प्रेम का महान पर्व शिवरात्रि -

भगवान शिव की प्रिय पत्नी जगज्जननी  माता सती ने अपने पति प्रेम में इतना समर्पित थीं कि पिता दक्ष के द्वारा भी किया गया पति का अपमान सहा  नहीं था किंतु पिता का गौरव भी बनाए और बचाए रखने के लिए पिता से कुछ कहा नहीं मध्यम मार्ग निकालते हुए पति प्रेम में समर्पिता माता सती  ने अपना शरीर छोड़ दिया था । यह समाचार सुनते ही भगवान शिव ने अपने सारे सहज श्रंगार तक छोड़ दिए थे सती का शरीर लेकर पागलों की भाँति नाचते रहे इसी प्रकार सती के प्रेम में समर्पित भावना  से जगह जगह भटकते और विरह की ज्वाला में  जलते रहे !तब माता सती ने गिरिजा जी के रूप में अवतार लिया और उद्घोष किया कि मैं विवाह करूंगी तो भगवान शिव से अन्यथा क्वाँरी बनी रहूँगी !इसके लिए उन्हें कई कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ा अंत में माता पार्वती और भगवान शिव का मिलन आज के दिन ही हुआ था!उस जन्म जन्मान्तर तक चलने वाले परं प्रेम की यादगार का दिन है  महाशिवरात्रि !

     बंधुओ ! हिंदू धर्म को से जुड़े हर व्यक्ति को पता है जिस कन्या का विवाह न होता या पति के साथ संबंधों में अनबन चलती रहती है ऐसी कन्याएँ या स्त्रियाँ माता पार्वती  की आराधना करके अपने वैवाहिक जीवन को मधुर बनाया करती हैं ।इस प्रकार से माता पार्वती ने केवल अपना पति प्रेम ही नहीं बनाया  और बचाया अपितु अपनी भक्त कन्याओं स्त्रियों को वैवाहिक सुख प्रदान करती आ रही हैं !इस पुनीत पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती को कोटिशः प्रणाम !

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