मोदी जी का सूट अब होगा नीलाम, लोकभावना के सम्मान को सलाम ॥
ये है लोकतंत्र की सच्ची उपासना, जहाँ जन भावना को ही सर्वोपरि रखकर चलना होता है !
इसी लोकतंत्र की रक्षा हेतु रामायण के इतिहास में कितनी बढ़ी घटना घट चुकी है जो आज भी लोगों के गले नहीं उतरती है कि एक धोबी के कहने पर राजरानी सीता को मिला होगा बनवास ! चूँकि विश्व की किसी संस्कृति के इतिहास में आज तक लोकतंत्र की रक्षा के लिए इतने बड़े बलिदान का कोई उदाहरण नहीं मिलता इसी कारण "रामराज्य"आजतक किसी शासन सत्ता से तौला नहीं जा सका है । सीता जी से अपार स्नेह रखने वाले प्रभु श्री रामजी को विश्वास था कि सीता जी निर्दोष हैं यह माता सीता को भी पता था साथ ही यह भी पता था कि इस विषयमें कोई किसी की मदद नहीं कर सकता इसमें हमें ही कूदना होगा इसीलिए प्रभु की भावना और विवशता से सुपरिचित माता सीता ने रामराज्य के विमल यश में खरोंच न आने देने के लिए ही तो बनवास का वरण किया था अन्यथा एक धोबी की बातों को महत्व देकर जंगल क्यों चली जातीं !ये है लोकतंत्र की सच्ची साधना !अन्यथा यदि न जातीं तो क्या हो जाता !किन्तु लोकतंत्र में जनमत के चरणों में चढ़ाना ही होता है अपनामत !अन्यथा लोकतंत्र किस बात का !
इसी भावना से सही दिशा में अग्रसर मोदी जी को बहुत बहुत बधाई पुनः एक बार !
"बंधुओ !मोदी जी का मंदिर भी बनाया गया था जो मोदी जी की नाराजगी के बाद तोड़ा गया ॥"
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