Friday, 20 February 2015

माँझी साहब ! ऐसे दुर्गंधित बयानों की बदबू में जीना बहुत मुश्किल !!

माँझी की जहरीली बयानावली  से बच पाओ तो बचो नहीं जो साथ देगा उसे  डुबा देंगे बीच मजधार में !

   "मांझी ने कहा कि 90 फीसदी से अधिक लोग दूसरों की पत्नियों के साथ घूमने  जाते और डेटिंग करते हैं।"

 क्या ये सहने लायक बयान है क्या ऐसे देश में हम लोग रह रहे हैं संस्कार के देश भारत की कैसी पहचान बनाने पर आमादा हैं ऐसे लोग !ऐसे तो जो आपका साथ देगा वो भोगेगा भले ही उसे आप जातियों के नाम पर शोषण कहें तो कहते रहें ! 

 माँझी के छिछोरे बयान !

    माँझी ये अक्सर भूल जाते रहे कि वे महादलित होने के साथ साथ मुख्य मंत्री भी हैं उसकी गरिमा तो बना और बचा कर रखनी  ही चाहिए थी ! क्या हम लोग वास्तव में उस देश में रहते हैं जहाँ लोगों का चरित्र इतना गिर चुका  है कि 90 प्रतिशत लोग अपनी नहीं अपितु दूसरों की पत्नी पसंद करते हैं इसीलिए उनके साथ घूमते हैं और उन महिलाओं का भी कोई चरित्र नहीं है जो ऐसे लोगों का साथ देती हैं !

जीतन राम माँझी  ऐसे भस्मासुर हैं जो साथ देगा उसी का नाश करेंगे !

     माँझी को समर्थन देकर भाजपा उत्तर प्रदेश में दिए गए मायावती के समर्थन वाली गलती दोबारा दोहराने जा रही थी जिसके साइड इफेक्ट होने भी स्वाभाविक थे नितीश कुमार एक गंभीर नेता हैं उन्होंने पारदर्शिता पूर्वक जवाबदेय शासन चलाया था जिसे लोगों ने भी अनुभव किया था । जीतनराम माँझी का विश्वास इसलिए करना ठीक नहीं है कि ये कब क्या बोल जाएँगे पता नहीं ,दूसरा जातिवादी नेता हैं तीसरा विश्वसनीय नहीं हैं!

इस सारे ड्रामें में माँझी प्रसिद्ध हुए हैं जबकि भाजपा को खल नायक सिद्ध करने में जेडीयू सफल हुई है !

  माँझी के संपूर्ण विवादित प्रकरण से माँझी प्रसिद्ध हुए हैं यदि वो मुख्य मंत्री पद  नहीं भी बचा पाए तो भी वो घाटे में नहीं हैं दूसरी ओर नितीश कुमार भी इसलिए घाटे में नहीं हैं क्योंकि वो कह सकते हैं कि एक दलित को मैंने आगे बढ़ाया किन्तु उन्होंने मेरा विश्वास तोड़ा है जो सच भी है बिहार की भावुक जनता इसपर भरोसा करेगी क्योंकि नितीश जी की निजी शाख माँझी से अधिक है उन माँझी का साथ देकर भाजपा वो करने जा रही थी जो किसी का घर फोड़ने के लिए उसके बिगड़ैल बच्चे का हौसला बढ़ाकर  किया जाता है । 

माँझी के सत्ता छोड़कर भागने में ही भाजपा की भी भलाई है !अन्यथा कहाँ तक ढो पाती वो इस पाप के पुलिंदे को !जोलगातार झूठ ही बोलता है !

        जीतन राम माँझी से मेल ,बिहार में बिगाड़ देता भाजपा का खेल ॥

      माँझी कभी गंभीर नहीं रहे यहाँ तक कि अपने भाषाई असंयम के कारण उन्होंने देश को कई बार शर्मिंदा किया है आप स्वयं सोचिए क्या हम लोग उस भारत में रह रहे हैं जिसमें 95 प्रतिशत लोग दूसरे की पत्नियों के साथ डेटिंग करते या घूमते हैं !

मध्यप्रदेश के बाबूलाल गौर हों या जीतनराममाँझी एक के हटाने को सही तो दूसरे को गलत नहीं कहा जा सकता !

    चूँकि मध्य प्रदेश में भाजपा ने भी एक मुख्य मंत्री के साथ ऐसा ही किया था इसलिए आज नितीश कुमार के द्वारा माँझी को हटाए जाने की बात को वो गलत कैसे कह सकती है और इससे  कैसे मिल जाएगी महादलितों की सहानुभूति ! इसलिए इस संपूर्ण प्रकरण में नैतिकता का लबादा ओढ़कर भाजपा यदि तटस्थ रह जाती और इसमें सम्मिलित हुए बिना दूर से देखती सारा खेल तो नितीश और माँझी के बीच चल रही उठापटक एवं अस्थिरता से त्रस्त जनता की पहली पसंद नैतिकता और स्थिरताके नाम पर भाजपा ही होती !उसके ऊपर जीतन राम माँझी को उकसाने का आरोप न लगने पता तो और अच्छा होता !यद्यपि आजकल राजनीति में ये सबकुछ चलता है किन्तु भाजपा से लोग संयम स्वच्छता एवं नैतिकता की अपेक्षा करते हैं वो विश्वसनीयता  बचाकर रखनी चाहिए भाजपा को  !

 माँझी के ऐसे छिछले बयान !

"परिवार का पेट पालने के लिए कालाबाजारी को सही बताने, थोड़ी शराब पीने को गलत न मानने, बिजली के बिल के सेटलमेंट के लिए घूस देने से और पेट भरने के लिए चूहा खाने से लेकर पुल के ठेकेदारों से कमिशन लेने की बात कह चुके हैं।"

                  -दैनिक जागरण

पढ़ें हमारा ये लेख भी -
 बारे जीतन राम माँझी साहब !वाह कमाल कर दिया !!कैसे माना जा सकता है कि दलितों का शोषण कोई कर पाया होगा कभी  कोई !!!  मनुस्मृति को गलत बताने वालों को भी माँझी जी ने समझा दिया कि मनुस्मृति की बातें गलत नहीं हो सकतीं किसी को समझ में भले ही देर से आवें  !मनुस्मृति को कोसने वाले अब भोगें ! भाजपा ने यू. पी.में भोगा  था अब जदयू वाले भोगें बिहार में ! 
       अब तो मनुस्मृति उन्हें भीsee more...http://samayvigyan.blogspot.in/2015/02/blog-post_6.html

                            

        

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