दूसरों की कमियाँ दिखाने के लिए केजरीवाल जी किसी भी हद तक जा सकते हैं
किंतु अपनी कमियाँ लापरवाही गैर जिम्मेदारी अदूरदर्शिता सरकारी धन की
बर्बादी लगता उन्हें दिखाई ही नहीं देती शिकायती पत्रों पर न कार्यवाही
होती है और न ही जवाब दिए जाते हैंआखिर क्या बदलाव हुआ दिल्ली में
!
केजरीवाल जी !कहाँ गई आपकी सादगी ?प्रदूषण मुक्त दिल्ली बनाने की केवल
बातें करके करोड़ों रुपए पानी की तरह विज्ञापनों में बहा रहे हैं आप तो
प्रदूषण हटाने में कितना धन खर्च करेंगे ! दिल्ली की हकीकत ये है कि साठ
साठ फिट चौड़े रोड 30 -30 फिट में समिट कर रह गए हैं वहाँ घंटों का लगता है
जाम !कई मार्केटों में जिनकी पाँच फिट की दुकानें हैं वे दस फीड रोड पर
लगाए बैठे हैं मुख्यमंत्री में यदि हिम्मत है ईमानदारी है औरउन्हें
वास्तव में घूस का लोभ नहीं है और यदि वो दिखाना चाहते हैं कि दिल्ली से
भ्रष्टाचार भगा दिया गया है तो अतिक्रमण हटाने की चुनौती को स्वीकार करें
और हटाएँ उन्हें !'ऑड इवन' के नियम से भी यदि गाड़ियाँ चलें तो क्या जाम में
फँसने पर वो धुआँ नहीं सुगंध फेंकेगी !इसी प्रकार से कई पार्कों की जगह
में मकान बने खड़े हैं हिम्मत है तो गिराएँ न !
'ऑडइवन' के ड्रामे से दिल्ली को उस प्रदूषण से

ऐसी सामूहिक बिल्डिंगों की छत पर टॉवर में फाल्ट ठीक करने के नाम पर
जाने वाले अपरिचित टेक्नीशियन आदि छतों पर टावर के बहाने कभी भी कितना भी
बड़ा विस्फोटक रख रख कर जा सकते हैं उनसे कोई पूछने वाला नहीं होता है कौन
जिम्मेदार होगा उस महबिनाश का ?
ऐसे मोबाइल टावरों से निकलने वाला रेडिएशन भुगत रहे हैं बिल्डिंगों में
रहने वाले लोग !रेडिेशन के दुष्प्रभाव से लोग रोगी और मनोरोगी होते चले जा
रहे हैं दिल्ली का बढ़ता अपराध ग्राफ इसका जीता जागता उदाहरण है ये जनता
की अपनी रिसर्च है इसे झुठलाने वालों को खुले मंच पर बहस की चुनौती है !ऐसे
भयंकर रेडिेशन का खतरा भुगत रहे हैं वो लोग जिनकी जेब में टावर के किराए
का एक पैसा भी नहीं जाता है ऐसे गुंडे मवालियों का कोर्ट कचहरियों में
सामना करना उन फ्लैटों में रहने वालों के बश की बात नहीं होती है !
कई जगहों पर तो ऐसी बिल्डिंगों में इसी गुंडागर्दी के बलपर बिल्डिंग में
रहने वाले लोगों की पहले से लगी हुई पानी की टंकियाँ तक छत से उतार दी गई
हैं बिल्डिंग में रहने वाले अपनी टंकियों में पानी तक नहीं भर सकते
!भगवान न करे यदि ऐसी बिल्डिंगों में कहीं कोई आग लग जाए तो बिल्डिंग में
रहने वाले लोगों के पास आग बुझाने तक का पानी नहीं होता है और ये सारा काम
भ्रष्टाचार के कारण ही तो है !केजरीवाल जी !भ्रष्टाचार घटने के पोस्टर लगा
रहे हैं !
जाते हैं जिस प्रदूषण से दिल्ली में भ्रष्टाचार न होता तो स्थितियाँ ऐसी न
होतीं !कहने को सरकारें बदलती हैं बाकी वास्तविकता वही रहती है क्योंकि
पैसा हर किसी को प्यारा होता है !आप स्वयं देखिए -
ये समझने के लिए अपनी आँखों से देखिए दिल्ली और अनुभव कीजिए पूछिए दिल्ली
की जनता से कि वो क्या फेस कर रही है !बैनरों पोस्टरों खबरों को देखकर
भ्रमित मत होना ये तो सरकारें अपने बेरोजगार नाते रिस्तेदारों को रोजगार
उपलब्ध करने के लिए जो बजट पास करती हैं उसे दिखाने के लिए कुछ बैनर पोस्टर
तो लगाने ही पड़ते हैं !
स्कूल की छुट्टी दोपहर दो बजे होती है तपती दोपहर में छुट्टी होने से पहले खुली धूप में बच्चों का इंतजार किया करते हैं अभिभावक कुछ अभिभावक आने में लेट हो जाते हैं उनका इन्तजार इसी धूप में खड़े बच्चे किया करते हैं छुट्टी होते समय भीड़ बहुत होती है जाम लग जाता है तो बच्चे तपती धूप में उस जाम में फँसे से रहते हैं अगर जाम खुलने का इंतजार करना चाहें तो कहाँ खड़े हों गेट पर जो जगह जो छाया बच्चों के खड़े होने की है उसमें अतिक्रमण हो गया है घड़े वाले कहते हैं कि हमारा पैसा हर विभाग में पहुँचता है कोई हटा ले उसे चुनौती !दिल्ली सरकार कहती है दिल्ली में भ्रष्टाचार ख़त्म हो गया है !
विज्ञापनों पोस्टरों और हकीकत के अंतर को समझने के लिए दिल्ली आपको अपनी आँखों से देखनी पड़ेगी तब अनुभव होगा कि नेता झूठे विज्ञापनों पर जनता का पैसा कितना बर्बाद करते हैं उतना काम करें तो राम राज्य हो जाए !see more...http://samayvigyan.blogspot.in/2016/04/blog-post_18.html
स्कूल की छुट्टी दोपहर दो बजे होती है तपती दोपहर में छुट्टी होने से पहले खुली धूप में बच्चों का इंतजार किया करते हैं अभिभावक कुछ अभिभावक आने में लेट हो जाते हैं उनका इन्तजार इसी धूप में खड़े बच्चे किया करते हैं छुट्टी होते समय भीड़ बहुत होती है जाम लग जाता है तो बच्चे तपती धूप में उस जाम में फँसे से रहते हैं अगर जाम खुलने का इंतजार करना चाहें तो कहाँ खड़े हों गेट पर जो जगह जो छाया बच्चों के खड़े होने की है उसमें अतिक्रमण हो गया है घड़े वाले कहते हैं कि हमारा पैसा हर विभाग में पहुँचता है कोई हटा ले उसे चुनौती !दिल्ली सरकार कहती है दिल्ली में भ्रष्टाचार ख़त्म हो गया है !
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