Monday, 30 May 2016

मोदी सरकार के दोसाला 'खुशीपर्व' का महत्त्व जनता को नौकर समझने वाले घमंडीनेता क्या समझेंगे !

   जिनका CM पद ही भूकंप जोन में आता हो वे भी PM  बनने  का सपना देख रहे हैं उधर जनता मोदी के नाम पर अभी भी  मोहर लगाए जा रही है ?मोदी सरकार जनता के इसी विश्वास को बरकरार रखने का जश्न मना रही है !PM के रूप में अभी भी जनता की पहली पसंद हैं वे !जश्न मनाने के लिए किसी उपलब्धि से ये कम है क्या ! 
      मोदी सरकार को लगातार नोचने वाले गिद्धों के पास आज भी PM पद लायक मोदी के कद का नेता नहीं है ! जनता स्वामी होती है सरकार सेवक !सच्चे सेवक के लिए तो उसका स्वामी ही सबसे बड़ा सम्राट होता है जो सेवक अपने स्वामी को खुश कर लेता है वो कर्तव्य के द्वंद्व में विश्व का सबसे बड़ा विजेता होता है अपने स्वामी का मन जीतना आसान काम है क्या ?मोदी सरकार ने दो वर्ष बाद भी जनता का भरोसा  बरकरार रखा है ये सर्वे बता रहे हैं ये छोटी उपलब्धि तो नहीं है । 
    इसी समय देश में दो तीन लोग ही हैं जिन्हें प्रधानमंत्री बनने की ज्यादा खुजली लगी है वे ही  ज्यादा मचले घूम रहे हैं उनमें से एक को तो जो लिखकर दे दिया जाता बस उतना बोल लेते हैं वे कहीं कुछ सन्देश लिखना हुआ तो मोबाईल में कोई मैसेज भेज देता है तो वो देख देख कर लिख देते हैं मोदी जी सूट पहन लें तो सूट  बूट चिल्लाने लगते हैं कुर्ता पजामा पहन लें तो कुर्ता कुर्ता करने लगते हैं ये पागलों वाली हरकतें करने वाला कोई भी व्यक्ति इतने बड़े देश का प्रधानमंत्री बनने लायक है क्या ?
    दूसरे को भी PM की दौड़ में धकियाया था एक राजनैतिक कॉमेडीकिंग ने किंतु उन्हें समझ में आ गई अपनी औकात अब कहते हैं हम नहीं हैं PMकी दौड़ में !उन्हें पता है कि जिस सरकार में वे बैठे हैं उस कुर्सी की मात्र दो टाँगें ही मजबूत हैं रही दो टाँगें वो तो कॉमेडीकिंग के हाथों में हैं कभी खींच लेंगे !
      मामामारीच  में यदि इतनी ही हिम्मत थी तो बनारस से चुनाव हार कर क्यों भाग आये थे दिल्ली वहाँ  गंगा जी में डूब मरने भर का पानी तो था !आज जनता ने जो काम सौंपा है उसे करने के बजाए दिन भर मोदी और मोदी सरकार की निंदा करते रहते हैं !क्या जनता ने इसलिए सौंपी है दिल्ली की गद्दी कि खुद कुछ न करना दूसरों के दोष गिनाते रहना !सोचो भला ऐसा व्यक्ति यदि देश का प्रधानमंत्री बन भी जाए तो कुछ करेगा ही नहीं करने की अकल तो है ही नहीं वहाँ पहुँच कर पडोसी देशों की बुराई करेगा यहाँ दिल्ली पुलिस माँगता है वहाँ वीटो पावर माँगते माँगते समय पार कर लेगा ! माँगना ऐसी चीज जो मिल नहीं सकती ! 
     मोदी जी के विकासकार्य जनता तक भले न पहुँचे हों किंतु सर्वे अभी भी नंबर एक पर दिखा रहे हैं उन्हें ये भरोसा जीतना और बरकरार रखना कम है क्या ?  इसकी ठंडक भले जनता को न मिल पायी हो अभी तक जनता तक किंतु मोदी जी PM के रूप में जनता की अभी भी पहली पसंद हैं ।

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