प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान 'समय विज्ञान' की दृष्टि से -
'समयविज्ञान' के द्वारा मैं स्वभावों और स्वभाव परिवर्तनों पर रिसर्च कार्य कर रहा हूँ जिसका जब जैसा समय होता है तब तैसा स्वभाव बदलता रहता है क्योंकि समय परिवर्तन शील है इसीलिए स्वभाव भी परिवर्तन शील होता है समय की शिराएँ हर पल बदल रही हैं । सभी प्राणियों के जन्म ,कर्म,रोग -चिकित्सा और प्रकृति में जन्म लेने वाली भूकंप आदि घटनाएँ अपने घटित होने के तिथि समय और स्थान के आधार पर ही फल देती हैं अर्थात इसी के आधार पर जीवन और प्रकृति में परिवर्तन होते रहते हैं । प्रकृति भी तो नेचर अर्थात स्वभाव ही है चूँकि स्वभाव समय के आधीन होता है ऐसा समझकर ही प्रकृति का अध्ययन करने के लिए मैंने 'समयविज्ञान' जैसी वैज्ञानिक विधा को आधार बनाया है ।
इसी 'समयविज्ञान' के आधार पर ही मैं समझ सका हूँ कि प्रकृति में घटने वाली अधिकाँश घटनाएँ एक दूसरे से संबंधित होती हैं जिनका पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रकृति में घटित हुई हर बड़ी घटना के तिथि समय और स्थान का अध्ययन होना चाहिए ! संभव है कि उनमें से कुछ घटनाओं का संबंध भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं से भी हो !यदि ऐसा होता है तो भविष्य में उससे संबंधित घटनाओं का पूर्वानुमान लगा पाना काफी आसान हो जाएगा !
ऐसे ही कुछ भूकंपों के आने के तिथि समय और स्थान का अध्ययन करके इन भावी घटनाओं की विवेचना की गई है जो सच साबित हुई है जो भूकंप आने के दिन ही ब्लॉग पर प्रकाशित की गई थीं उनका पुनः संशोधन नहीं किया गया है विश्वास के लिए इस बात की जाँच भी की जा सकती है -
जैसे- नेपाल में 21 \ 22 -4-2015 को आए तूफान के कारण 25-4-2015 को भूकंप आया था और 25-4-2015को भूकंप आने के कारण 10 -6 -2015 तक आफ्टर शॉक्स आने के विषय में पूर्वानुमान सही घटित हुए हैं ।
ऐसे ही कुछ भूकंपों के आने के तिथि समय और स्थान का अध्ययन करके इन भावी घटनाओं की विवेचना की गई है जो सच साबित हुई है जो भूकंप आने के दिन ही ब्लॉग पर प्रकाशित की गई थीं उनका पुनः संशोधन नहीं किया गया है विश्वास के लिए इस बात की जाँच भी की जा सकती है -
जैसे- नेपाल में 21 \ 22 -4-2015 को आए तूफान के कारण 25-4-2015 को भूकंप आया था और 25-4-2015को भूकंप आने के कारण 10 -6 -2015 तक आफ्टर शॉक्स आने के विषय में पूर्वानुमान सही घटित हुए हैं ।
- इसी प्रकार से 26 -10-2015 को हिंदूकुश से भारत तक आए भूकंप के कारण नदी या समुद्र के किनारे के शहरों में भीषण बाढ़ का पूर्वानुमान लगाया गया था जो मद्रास में हुई लंबी अवधि की बर्षात के रूप में सही साबित हुआ है ।
- 10 -4-2016 को आए भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में नदियाँ कुएँ तालाब आदि बहुत तेजी से सूखने लगे ,गर्मी बहुत अधिक बढ़ गई एवं आग लगने संबंधी घटनाएँ बहुत तेजी से बढ़ने लगीं ऐसी सभी घटनाओं का पूर्वानुमान 10 -4-2016 को ही लगा लिया गया था जो सच साबित हुआ है ।
- 13 -4-2016 को आए भूकंप से चीन ,भारत ,बँगलादेश आदि जो जो देश ,प्रदेश या शहर आदि इस भूकंप से प्रभावित हुए थे अर्थात इस भूकंप का जहाँ जैसा कम्पन महसूस किया गया था उन उन देशों प्रदेशों शहरों में भूकंप आने के बाद हुई भीषण वर्षा और भयंकर बाढ़ का पूर्वानुमान 13 -4-2016 को ही प्रकाशित किया जा चुका था !जो सच साबित हुआ है ।
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