निवेदन -
श्रीमान जी !ये
अक्टूबर महीने में वायु प्रदूषण संबंधी मेरे द्वारा किया गया पूर्वानुमान
है जो मैंने 1 अक्टूबर को पीएमओ एवं दिल्ली के cm आदि के यहाँ भेजा था
जिसमें लिखा गया था कि 30 और 31 अक्टूबर के दिन वायु
प्रदूषण अपनी सीमा रेखा अर्थात 500 से अधिक होगा |मेरे पूर्वानुमान लगाने
का आधार गणित ,आयुर्वेद और योग है |ये पूर्वानुमान CCR से मेल खाते हैं |
मेरी गणना में दिवाली, पराली,वाहन,
उद्योग,निर्माणकार्यों आदि से निकलने वाले धुआँ धूल आदि से संबंधित कोई भी
अध्ययन अनुसंधान आदि सम्मिलित नहीं है | ऐसी परिस्थिति में प्रश्न ये उठता
है कि ऐसे काल्पनिक कारणों का वायु प्रदूषण बढ़ने से कोई संबंध है भी या
नहीं | यदि इनका कोई संबंध नहीं है तो प्रदूषण रोकने के नाम पर ऑडइवन जैसी योजनाएँ लागू करके जनता के कार्यों में रूकावट पैदा करना कितना न्यायोचित है |
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