सनातन धर्मी संतों की शीर्ष अदालत में साईँ बाबा हाजिर हों !3!!
बंधुओ ! सनातन धर्म की परम्पराओं से जो परिचित हैं उन्हें पता है कि हमारे यहाँ भगवान भी जब अवतार लेते हैं तब उन्हें ज्ञान दुर्बल आम जनता तो उस तरह से पहचान नहीं पाती है आम लोग तो किसी को भी पूजने लगते हैं इसलिए संत ही आगे बढ़ कर शास्त्रीय आधार पर भगवान के अवतार होने के समय का निर्णय लेते हैं और समाज में अवतार की घोषणा करते हैं तब भगवान के अवतार की प्रतीक्षा और होती है। और स्वागत की तैयारियाँ और उनके दर्शन के लिए चराचर जगत प्रकृति श्रंगार कर लेती है क्या अनुपम वातावरण होता है ! किन्तु आज साईं वाले कहने लगे कि साईं भी भगवान ही थे ! यह सुनकर सनातन धर्मी संतों की शीर्ष अदालत ने तलब किया है सईंयों को कि यहाँ आकर रखें अपना पक्ष !आखिर एक चिल्मी आदमी को भगवान कहने के पीछे उनका अपना स्वार्थ क्या है ?
साईं बाबा अपने भक्तों के सपने में आए और भगवान बनने से मुकर गए !
सनातन धर्मी संतों की शीर्ष अदालत में पहुँचने से जस्ट दो दिन पहले अचानक साईँ बाबा ने अपने भक्तों को स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि पागलो !मैंने तुमसे कब कहा था कि तुम मुझे भगवान मानो !मेरी मूर्तियाँ मंदिरों में घुसेड़ कर लगा दो और करने लगो आरती पूजा का ड्रामा !आखिर तुमने तो लड्डुओं का धंधा चलाने के लिए हमें मरवा दिया !वहाँ एक से एक विद्वान संत महात्मा इकट्ठे हो रहे हैं जब तुम सनातन धर्म के सगे नहीं हुए जिसमें तुम्हारा जन्म हुआ है तो तुम हमारे क्या होगे ! तुम तो हमारे नाम पर चंदा उगाहने एवं लड्डुओं का व्यापार करने के लिए हमें चौराहे पर खड़ाकर रखा है महीनों से असली सनातन धर्मियों की गालियाँ खा रहा हूँ !हे लड्डू व्यापारियो ! हे चंदा भिखारियो खबरदार !हमारा नाम बदनाम करवाने के लिए अब श्री राम भक्त सनातन धर्मी संतों की शीर्ष अदालत में पहुँच मत जाना तुम नाक कटाने के लिए !तुम्हें तमीज से बोलना नहीं आता वो लोग वेद शास्त्रों की बातें बोलेंगे वो सब बातें तुम्हारे सर के ऊपर से निकलेंगी इसलिए कुंद्बुद्धियो ! मत जाना वहाँ यह कहते हुए साईं बाबा अंतर्ध्यान हो गए !
इसके बाद साईं वालों ने धर्मसंसद में अचानक न जाने का निर्णय लिया और नहीं ही गए तो अब मुझे भी यह सपना सच लगने लगा है ।वैसे यह बात साईं संप्रदाय के ही किसी व्यक्ति ने हमें बताई थी। जो कह रहा था कि अपने लिए एक साईं चरित्र मैंने भी लिखा है हमें साईं चरित्र का दर्शन स्वप्न में हुआ था!
किन्तु अभी कुछ वर्षों से साईंयों को एक गलतफहमी हो गई है कि जिसकी मूर्तियाँ
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