शराबी कबाबी चिलमी मांसभक्षी साईंलोग क्या अपने को संत और धर्माचार्य समझने लगे हैं !आखिर क्यों दे रहे हैं साधू संतों को गालियाँ ?
साईं की संपत्ति देखकर संत ईर्ष्या नहीं कर रहे हैं अपितु संतों का सम्मान देखकर साईंयों को ईर्ष्या हो रही है शराबी कबाबी चिलमी मांस भक्षी साईँयों को लगने लगा है कि जैसे पिछले दरवाजे से साईं घुस आए और सनातन धर्मियों के भगवान बनने की फिराक में हैं ,इसी प्रकार से ऐसी ही सारे दुर्गुणों से भरी पुरी शास्त्रीय अयोग्यता से संपन्न साईंसंतानें अपने गुरु की तरह ही घुसपैठ करके संत एवं धर्माचार्य बनने की फिराक में हैं,साईं गिरोह के लोग बड़ी बड़ी बातें एवं बड़ी बड़ी गालियाँ बक रहे हैं सनातनी साधू समाज को इसके लिए इन विधर्मियों ने अर्थबल से मीडिया को भी प्रभावित कर रखा है अब ये विधर्मी अधर्म सभाओं का आयोजन कराना चाह रहे हैं कलियुगी पीठाश्वर प्रमोद साईं के नेतृत्व में तथाकथित अधर्म सभा के लिए नकली बाबा बनाए जा रहे हैं !ऐसे ही होंगी नकली धर्म सभाएँ !!
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