Sunday, 5 January 2020

मानसून एवं मौसम संबंधी RTI

आदरणीय प्रधानमंत्री जी
                                     सादर नमस्कार !

  विषय :मानसून एवं मौसम संबंधी गलत होने वाले दीर्घावधि पूर्वानुमानों को सही करने के विषय में -

  महोदय,

      1.  वर्षा का सही एवं सटीक पूर्वानुमान न मिलने के कारण किसानों के द्वारा की जाने वाली आत्महत्या की दुखद घटनाएँ देखने को मिल रही हैं कृषि कार्यों के लिए जिन दीर्घावधि मौसम पूर्वानुमानों की आवश्यकता होती है उन्हें उपलब्ध करवा पाने में भारतीय मौसम विभाग अभी तक असफल रहा है |ऐसी परिस्थिति में सरकार के द्वारा किसी क्या किसी अन्य विकल्प पर भी  विचार किया जा रहा है यदि हाँ तो क्या ?
       2. वर्षा बाढ़ आँधी तूफानों आदि प्राकृतिक घटनाओं के विषय में दीर्घावधि मौसम पूर्वानुमान लगाने की जो विधि ज्योतिषशास्त्र में बताई गई है उसके द्वारा अनुसंधान पूर्वक महीनों वर्षों पहले का मौसम संबंधी पूर्वानुमान लगा लिया जाता है ऐसा हमेंशा से होता रहा है तो अब ऐसा करने में कठिनाई क्या है ?
      3. सरकार ने संस्कृतविश्वविद्यालयों में ज्योतिष शास्त्र के शिक्षण के लिए जिन विद्वानों को नियुक्त कर रखा है जिनकी सैलरी समेत सारी सुख सुविधाओं का खर्च जनता से प्राप्त टैक्स के धन से सरकार वहन करती है वर्षा आदि के पूर्वानुमान का पता लगाने के लिए सरकार ऐसे विद्वानों का उपयोग क्यों नहीं करती है इसका कारण क्या है ?
    4. सरकार के द्वारा संचालित मौसमविज्ञान यदि मौसम संबंधी घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान लगाकर प्रकाशित करता है तो उसी मौसम संबंधी घटनाओंका पूर्वानुमान लगाने की विधि ज्योतिष शास्त्र में भी है उसे भी सरकार अपने खर्च से ही संचालित करती है उससे सरकार ऐसी अपेक्षा क्यों नहीं करती है इसका कारण क्या है ?
 5. आरटीआई के माध्यम से सरकार से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यदि सरकार के द्वारा यह बताया जाता है कि संस्कृतविश्वविद्यालयों के ज्योतिष विभागों में मानसून और प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान जानने के विषय में कोई शोध कार्यक्रम संचालित ही नहीं किया गया है तो इसका कारण क्या है और ऐसे अनुभव विहीन निरर्थक अध्ययन अध्यापन का उद्देश्य क्या है ?

बचाने

श्रीमान जी ,
         आपको सादर नमस्कार 

 विषय :निगमपार्षदों के भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली विधान सभा चुनाव हारने जा रही भाजपा को बचाने हेतु !

       महोदय,

       केंद्र सरकार के द्वारा इतने बड़े बड़े काम किए जाने के बाद भी भाजपा यदि दिल्ली विधान सभा का चुनाव हारेगी तो संघ परिवार के विविध आयामों से जुड़े किसी भी समर्पित स्वयं सेवक को जितना बुरा लगेगा उतना ही मुझे भी लग रहा है पिछले 34 वर्षों से मैं भी इस परिवार के प्रति समर्पित सेवक रहा हूँ |ईमानदारी पूर्वक समाज सेवा के साथ साथ भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाना संगठन का संकल्प रहा है इसी पवित्र पहचान के साथ भाजपा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी से सत्ता छीन लेने में सफलता पाई है | इसीलिए दिल्ली वासियों की भाजपा पहली पहचान रही है आज भी लोक सभा की सातों सीटें भाजपा ने जीती हैं ये उसका प्रमाण है |दूसरी ओर काफी लंबे समय से दिल्ली विधान सभा चुनाव भाजपा लगातार हारती आ रही है पहले काँग्रेस जीतती रही और अब आम आदमी पार्टी जीतने लगी है उसके 'भ्रष्टाचार से मुक्ति' वाले नारे को जनता ने स्वीकार कर लिया है और दिल्ली भाजपा को नकारा है इसका कारण दिल्ली के निगम पार्षदों की भ्रष्टाचार पूर्ण कार्यशैली है |निगमपार्षदों का जनता से सीधा संबंध होता है उनकी कार्यशैली का जनता के मन पर सीधा  असर पड़ना स्वाभाविक है |
   निगम पार्षद लोग जनता के सही काम करवाने के लिए तो घूस लेते ही हैं इसके अलावा गैरकानूनी निर्माण या व्यापार  आदि कार्यों को करवाने के लिए भी घूस लेकर उनकी सिफारिस करके ऐसे कार्य भी करवाते हैं इसके बाद फिर उन्हें नोटिश दिलवाकर दुबारा उनसे घूस माँगते और लेते हैं यदि वे दोबारा घूस देने से मना कर देते हैं यही निगमपार्षद उनके घरों ,दुकानों या फैक्ट्रियों आदि को सील करवा देते हैं |
      वैसे तो ऐसा पूरी दिल्ली में ही यही हो रहा है किंतु पूर्वी दिल्ली में विशेष अधिक है क्योंकि यहाँ घूसखोर भ्रष्ट पार्षदों को निगम के शीर्ष पदों पर बैठा दिया गया है हैं जिनकी घूसखोरी की चर्चा विरोधी पार्टियों के लोग तो करते ही हैं इसके साथ ही भाजपा के लोग भी उनके भ्रष्टाचार के अनेकों प्रमाण लिए घूम रहे हैं | स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन और मेयर आदि ने सबसे अधिक पार्टीपरिवार का नाम खराब किया है ऐसे भ्रष्ट निगमपार्षद पदाधिकारियों  से जनता घृणा करने लगी है जिसका दुष्प्रभाव पूर्वी दिल्ली की संपूर्ण सीटों पर  पड़ेगा !यदि इन्हें विधान सभा चुनावों से पूर्व अतिशीघ्र इनके पदों से हटाया नहीं जाता है तो इनके रहते हुए पूर्वी दिल्ली से एक भी सीट जीत पाने की भाजपा को आशा नहीं करनी चाहिए |यदि इनके रहते पार्टी विधानसभा चुनावों में उतरती है तो इन भ्रष्टाचारियों के कारण पराजय सुनिश्चित है |
   इसलिए स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन से लेकर मेयर तक न केवल अविलम्ब बदले जाने की आवश्यकता है अपितु समाज को यह सन्देश भी दिया जाना आवश्यक है कि इनके भ्रष्टाचार के कारण इन्हें हटाया जा रहा है इससे पार्टी की ईमानदार छवि निखार कर सामने आएगी और पार्टी की स्थिति काफी अधिक सुधर सकती है |
      इनके भ्रष्टाचारी प्रमाण स्वरूप एक पत्रक मैं इसके साथ संलग्न कर रहा हूँ जो पूर्वी दिल्ली कृष्णानगर वार्ड नंबर 21-E से संबंधित है | इस मकान में सेकेण्ड फ्लोर तक पुराना बना होने के कारण इसे वैध माना गया है जबकि इसके ऊपर थर्ड फ्लोर नया बनाया गया था इसलिए इस थर्ड फ्लोर को अवैध मानकर सन 2009 में ही सील कर दिया गया था तब भी भाजपा का ही निगम पार्षद था और अभी भी भाजपा का ही है |सन 2017 में वर्तमान पार्षद ने पैसे लेकर उसकी सील तोड़वा दी थी और उसमें किसी परिवार को किराए पर दे दिया गया है जबकि यह कागजों में यह अब भी सील है | 
    इस वर्ष की घूस की क़िस्त सन 2019 मई तक पार्षद को न मिलने के कारण जून 2019 में पार्षद ने उसे रिसील करने के लिए तुरंत खाली करवाने का नोटिश दिलवा दिया | उन लोगों ने घबड़ाकर निगम पार्षद को घूस की क़िस्त भेज दी तबसे आजतक कोई दिक्कत नहीं है वो परिवार उसी में रह रहा है | उस नोटिश की एक प्रति हम इसके साथ संलग्न भी कर रहे हैं | वे पार्षद पूर्वी नगर निगम में बड़े पदपर हैं इसलिए शिकायतों पर भी सुनवाई नहीं की जाती है | मैं वो पत्र संलग्न कर रहा हूँ आप अपने स्तर से उसकी जाँच करवा सकते हैं | 
      श्रीमान जी ! यह मार्केट का मामला है सबको पता है कि एक ओर तो घूस लेकर इतनी पुरानी सील तोड़कर उसमें अवैध रूप से परिवार को रखा गया है कई ऐसे अन्य प्रकरण भी हैं वहीं दूसरी ओर लोगों की वर्षों से चलती आ रही फैक्ट्रियाँ दुकानें मकान फ्लोर आदि सील किए जा रहे हैं इससे पीड़ित लोग पार्षद से कहते हैं उनकी सील आपने तोड़वा दी है मैं भी तोड़ लूँ आखिर हमारा सील क्यों करवा रहे हो तो स्थानीय पार्षद उनसे भी घूस माँगता है न देने के कारण उनकी प्रापर्टियॉं अभी भी सील पड़ी हुई हैं ऐसे पीड़ित लोग घूम घूम कर समाज में अपनी पीड़ा बताते घूम रहे हैं जिसका बुरा असर पार्टी की छवि पर पड़ा रहा है |उचित है कि या तो इस सील टूटे हुए फ्लोर को भी रिसील करवाया जाए या फिर अन्य लोगों की भी सील पड़ी प्रॉपर्टियों की सील तोड़वाई जाए और उन्हें भी रहने या काम करने दिया जाए अन्यथा भाजपा के इन भ्रष्ट निगम पार्षदों को सबक सिखाने के लिए आक्रोशित जनता भाजपा को वोट न देने का मन बना चुकी है इस आक्रोश को शांत करने के लिए ऐसे भ्रष्ट लोगों को उनके पदों से हटाने के अतिरिक्त संगठन के पास और दूसरा कोई विकल्प नहीं है |
                                                                         निवेदक |
                  भाजपा की संभावित पराजय से भयभीत संघ परिवार के प्रति समर्पित कुछ स्वयंसेवक