दिल्ली भाजपा का अपना खुद का वजूद क्या है ?और नहीं है तो क्यों नहीं है !जिसका वजूद चुनाव लड़ने लायक ही नहीं होगा वो सरकार चला लेगा इस पर भरोसा कैसे किया जाए !  
     मोदी जी की रैली और अमितशाह जी की संगठन शैली से जीता जाएगा  दिल्ली का चुनाव ! 
 "अमित शाह ने कहा कि अगली बार जब चुनावी रैली में मिलूँगा तो केजरीवाल का कच्चा चिट्ठा खोलूँगा! " 
 
    इस
 प्रकार से अमितशाह जी सँभालेंगेपार्टी के  दिल्ली चुनावों की कमान ! किरन 
वेदी के नेतृत्व में लड़ा जा सकता है  चुनाव ! साजिया इल्मी,जयाप्रदा एवं 
बिन्नी जैसे लोगों के भरोसे भाजपा जीतेगी दिल्ली का  चुनाव आखिर क्यों ? और यदि यही सच है तो दिल्ली भाजपा क्या करेगी !
 
 भाजपा का दिल्ली में अपना ऐसा वजूद क्यों नहीं है कि वो अपने बल पर चुनाव 
जीतने का साहस कर सके ! इतने लम्बे समय तक दिल्ली की सत्ता काँग्रेस के पास
 रही उसके बाद भी भाजपा उनसे  सत्ता छीनने का साहस नहीं कर सकी जबकि साल दो
 साल पुरानी आमआदमीपार्टी सत्ता के समीप तक पहुँच गई !
 
 भाजपा पुरानी पार्टी है उसके पास एक से एक बड़े नेता हैं उसके पास देश की 
सत्ता है उसका अतीत निष्कलंक एवं गौरवपूर्ण है स्वच्छ छवि का बेदाग़ नेतृत्व
 पाना भाजपा का हमेंशा से सौभाग्य रहा है संघ एवं उसके तमाम आनुषंगिक 
संगठनों के तपस्वियों का वरदहस्त जिसके शिर पर हो उस दिल्ली भाजपा के डग  
निहत्थे (सत्तारहित) केजरीवाल का सामना करने में डगमगा क्यों रहे  हैं ! 
केजरीवाल को तो दिल्ली भाजपा जैसी सुविधाएँ नहीं प्राप्त हैं फिर भी 
केजरीवाल अकेले ललकार रहे हैं ये उनका साहस है जबकि उनके बहुत साथी उन्हें 
छोड़कर जा चुके हैं फिर भी केजरीवाल के उत्साह में कोई कमी नहीं है किन्तु 
भाजपा में बड़े से बड़े लोग केजरीवाल पर निशाना साधते दिख रहे हैं, दिल्ली 
में अभी हाल ही में  हुई भाजपाई रैली में लोगों की उपस्थिति अपेक्षा से कम 
क्या रही भाजपा ने प्रसिद्ध पुरुषों के लिए न केवल अपने दरवाजे खोल दिए 
अपितु ऐसे लोगों की भर्ती धड़ाधड़ चालू कर रखी है !  कुछ लोग तो कलतक भाजपा 
को कोसते रहे किन्तु प्रसिद्ध हैं  इसलिए उनकी भी भाजपा को आज जरूरत है ! 
   
 दशकों से समर्पित भाजपा के अपने  पुराने कार्यकर्ता लोकरंजन के अभाव में 
जंगजर्जरित होने के कारण  चमक छोड़ते जा रहे हैं ! न वो भाजपा को छोड़ रहे 
हैं और न उन्हें भाजपा छोड़ रही है या यूँ कह लें कि वो भाजपा को ढो रहे हैं
 और भाजपा उन्हें ढो रही है ! उन्होंने भाजपा में घुसने वालों के लिए 
रास्ता जरूर रोक रखा है अर्थात किसी भले और योग्य आदमी को भाजपा में अब 
घुसने नहीं देंगे और किसी प्रकार से कोई यदि घुसने में सफल हो  भी गया तो 
उसको कोई ऐसा काम देंगे जिससे उसकी पहचान न बन सके इसी आदत के कारण भाजपा 
के पास आज योग्य कार्यकर्ताओं का टोटा पड़ा है  यही कारण  है  कि भाजपा के 
शीर्ष नेतृत्व को भी इस बात का ज्ञान हो गया  है यदि पता लग ही  गया है कि 
अपने कार्यकर्ताओं के बल पर दिल्ली के चुनाव जीते नहीं जा सकते और न ही  
इनके बलपर केजरीवाल का सामना ही किया जा सकता है ! ऐसी परिस्थिति में  ऐन 
चुनावों के समय विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध लोगों को इम्पोर्ट करने से 
अच्छा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व  अपनी कार्यकर्ता मैन्यूफैक्चरिंग 
पालसी में ऐसा सुधार करे जिससे जनसेवाव्रती सोर्स सिफारिस विहीन धनहीन 
कार्यकर्ताओं को भी अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का उचित अवसर एवं मंच मिले और 
पार्टी को जनसेवा समर्पित कार्यकर्ता मिल सकें जो हर परिस्थिति से जूझने को
 तैयार रहें  समाज भी  उनको अपना संपूर्ण समर्थन दे !अन्यथा इसप्रकार से 
इम्पोर्ट किए गए लोग जन सेवा के उद्देश्य से न कभी आते हैं और न ही करते 
हैं  केवल  शीर्ष नेतृत्व की विरुदावली बाँचते रहते हैं  किन्तु कुछ कर 
पाना उनके बश का नहीं होता  है।   
       आज
 लोगों में आज आम राय  है कि ऐसी बातों के लिए दिल्ली भाजपा के लोगों का 
विश्वास नहीं है क्या ! वो लोग आखिर कर क्या रहे हैं जो जनता का विश्वास 
जीतने में सफल ही नहीं हुए और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी विश्वास 
में नहीं ले पाए ! आज प्रान्त में पार्टी की पूरी टीम के मौजूद रहते हुए भी
 इसी  राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी के अध्यक्ष को केजरीवाल जैसे राजनैतिक 
विश्वसनीयता विहीन व्यक्ति का सामना करने के लिए स्वयं आगे आना पड़े ! इससे
 दिल्ली भाजपा का महत्व बढ़ता नहीं अपितु घटता है उचित तो ये है कि ऐसी 
बातों का सामना दिल्ली भाजपा को स्वयं करना चाहिए न कि केंद्रीय नेतृत्व को
 !
 
 
 
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