संघ के राष्ट्रवादी विचारों पर हो हल्ला क्यों ?
  हिंदुस्तान के लोगों ने हिंदुत्ववादी शक्तियों के हाथ सत्ता सौंपकर हिंदुत्व पर भरोसा किया है! 
    अब देश की जनता जो चाहेगी वो होगा कुछ लोगों के शोर मचाने से कुछ नहीं होगा !संघ परिवार की
 हिन्दू राष्ट्रवादी भावना से विश्व सुपरिचित है देश सुपरिचित है देश के 
सभी राजनैतिक दल एवं उनके नेता सुपरिचित हैं देशवासी सुपरिचित हैं देश का 
मीडिया सुपरिचित है !इसीलिए  भाजपा समेत समस्त आनुषांगिक  संगठनों के साथ 
सम्पूर्ण संघ परिवार  की  ही दशकों से आलोचना भी होती रही फिर भी अर्थात  
वो सब कुछ सहते हुए भी संघ परिवार ने अपनी  पहचान इसी रूप में बना रखी है। 
     दूसरी ओर देश के राजनैतिक वातावरण में दो प्रमुख  गठबंधन हैं NDA और UPA, 
हिंदुत्व समर्थक लोग NDA से जुड़ते गए  और जो विरोधी थे वो UPA से  जुड़ते 
चले गए ! इसीप्रकार से  भाजपा में मोदी जी की पहचान भी कट्टर  हिन्दू के 
रूप में ही बनी हुई है ।मोदी जी को P.M. प्रत्याशी के रूप में जैसे ही 
आगे बढ़ाया गया वैसे ही एक तथाकथित धर्म निरपेक्ष दल NDA को छोड़कर चला गया 
था !इन सब बातों से ये प्रमाणित हो ही चुका था कि अबकी NDA हिंदुत्व के पथ 
पर आगे बढ़ेगा  इसी बात का प्रचार प्रसार  UPA वालों ने खूब जोर शोर से किया भी था 
 इसके बाद भी देश की जनता ने हिंदुत्व(NDA)  को चुना और उस बनावटी 
धर्मनिरपेक्षता (UPA)को नकारा है ! इसलिए अब तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों एवं दलों को साम्प्रदायिकता का हो हल्ला करना बंद कर देना  चाहिए !और उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए कि देश की जनता का विश्वास उनसे टूट चुका है ! 
 
    
 
 
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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