Monday, 18 June 2018

अपराधी और अधिकारी एक सिक्के के दो पहलू !

घूसखोरअधिकारी और मदारी बराबर हैं !अधिकारी काम न करने के बहाने बताया करते हैं तो उनके बहुरुपिया बंदर घूस न मिलने तक सिर हिलाया करते हैं !
   घूस के पैसे मिलते ही दोनों दुम हिलाने लगते हैं फिर कोई कुछ भी करवा ले इन्हें केवल घूस देता जाए !विजय माल्या या नीरव मोदी जैसे लोगों ने इन्हीं बंदरों को पटा लिया होगा !जितने प्रकार के अपराध हो सकते हैं यदि उनकी कायदे से छानबीन हो तो उसकी जड़ में कोई घूसखोर अधिकारी ही निकलेगा भले वो सीधे तौर पर सम्मिलित न हो !
    सरकारी जमीनों पर कब्जे या मकानों में अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों ने इधर सरकार से सैलरी अवैध कब्जे या अवैध निर्माण न करने देने की ली और जनता से घूस अवैध कब्जे और अवैध निर्माण करवाने की ली !दोनों तरफ से सरकारी बन्दर मालामाल हो रहे हैं सरकार उनका क्या बिगाड़ ले रही है !
     ही एक्टिव हो जाते हैं !वस्तुतः घूस देकर इन्हें रिचार्ज करना पड़ता है ! घूस पाते ही ये कर्तव्यनिष्ठ शालीन सदाचारी हो जाते हैं !जनता को इन बहुरूपियों से जूझना पड़ता है थक हार के वो भी घूस देकर ही काम करा पाती है !विधायक सांसद सभी हिस्सा लेते होंगे तभी तो भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की हिम्मत नहीं कर पाते  हैं बेचारे !
      अधिकारी कमजोर पड़ेंगे तो अपराधी बढ़ेंगे ही और अधिकारी मजबूत होंगे तो मजाल है अपराधी अपराध कर जाएँ !अधिकारी ईमानदारी से परिश्रम पूर्वक कार्य करें भ्रष्टाचार को बढ़ावा न दें तो न बढ़ेंगे अपराधी और न  अपराध !अपराधों से तंग सरकार अपराधियों को पकड़ने में जी जान लगा देती है किंतु सरकार में हिम्मत है तो भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़े और उन पर करे कठोर से कठोर कार्यवाही जिसे देखकर घूसलेने में दूसरे अधिकारी के हाथ काँपें !घूस का पैसा वो घर ले जाएँ तो पत्नी बच्चे उन पैसों को छूने में भय खाएँ !भ्रष्टाचारियों की संतानें बाप की बेईमानी की कमाई का बहिष्कार करें !घूस खोर बाप से उनके बच्चे बोलना बंद कर दें !ऐसे भ्रष्ट अधिकारी पति का पत्नी बहिष्कार करे !घर के सदस्य उस पैसे का उपयोग न करें तब रुक सकते हैं अपराध !
     सरकारें भ्रष्ट अधिकारियों और अपराधियों के विरुद्ध भाषण तो बहुत देती हैं किंतु कार्यवाही करने में हिचकती हैं क्योंकि उसमें सरकारों में सम्मिलित लोगों के भी हाथ पैर फँसे होते हैं !अन्यथा घुस खोर अधिकारियों पर सरकारें कठोरता क्यों बरतें !
     सरकारें यदि घूसखोर अधिकारियों पर अंकुश लगा ले तो जड़ से समाप्त हो सकते हैं अपराध !सरकार उन्हें देश वासियों के खून पसीने की कमाई से सैलरी देती है तो उनसे ईमानदार कर्तव्य पालन की अपेक्षा क्यों नहीं रखती है !

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