अखिलेश जी ! जो नेता लोग आज आपके बाप के नहीं हुए वे आपके क्या होंगे !बुढ़ापे में धोखा !
सरकार बनने की सुगंध पाकर अखिलेश के पीछे पूँछ हिलाने वाले स्वार्थी नेता लोग अपने इन कुसंस्कारों से क्या प्रदेश वासियों को प्रभावित कर सकेंगे और पा सकेंगे वोट !ऐसे नेताओं के बलपर क्या सपा बना पाएगी सरकार ?जनता की नज़रों से गिर चुके हैं ये स्वार्थी सपाई !जो लोग नेता जी की इच्छा का सम्मान नहीं कर सके ऐसे संस्कार भ्रष्ट लोग प्रदेशवासियों की सेवा क्या खाक करेंगे !
वर्तमान परिस्थिति में समाजवादी पार्टी को बनाए और बचाये रखने के लिए इससे उत्तम दूसरा कोई विकल्प था ही नहीं कि अखिलेश को केवल मुख्यमंत्री रहना चाहिए बाकी सारे निर्णयों का अधिकार नेता जी के पास ही होना चाहिए !वर्तमान परिस्थिति में सभी को साथ लेकर चलने का जितना अच्छा दायित्व नेता जी निभा सकते हैं उतना अच्छा अखिलेश नहीं निभा सकते हैं सत्ता से हटने के बाद कितने लोग जुड़े रहेंगे अखिलेश के साथ जबकि सत्ता से हटने के बाद भी मुलायमसिंह जी का वजूद कभी घटा नहीं है !इसलिए नेता जी की बुढौती को चुनौती देना कतई ठीक नहीं होगा !अभी भी अखिलेश के लिए सर्वोत्तम सलाह यही है कि उन्हें पिता के निर्णय के आगे अभी भी सिर झुका देना चाहिए और मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए इसमें उनका कुछ घटेगा नहीं बिरासत की चाभी अखिलेश के पास ही बनी रहेगी और मुख्यमंत्री पद की प्रतिष्ठा उन्हीं के पास बनी रहेगी ! इसके अलावा अखिलेश यदि कोई भी दूसरा विकल्प चुनते हैं तो उससे बहुत सारी सीटें जीत कर भी अपना बहुत बड़ा नुक्सान कर लेंगे अखिलेश !उनकी सौम्य छवि ,विनम्र स्वभाव,संस्कारवान व्यक्तित्व एवं मधुर भाषण शैली आदि सद्गुणों के कारण ही उनकी प्रतिष्ठा बनी है केवल मुख्यमंत्री होने के कारण नहीं इसलिए उन्हें अपनी स्थापित छवि के अनुकूल ही आचरण करना चाहिए उनके लिए भी लाभप्रद होगा !पार्टी के अंदर अखिलेश के गुप्त विरोधियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही थी अखिलेश केवल टिकटार्थियों के अस्थाई समर्थन की चकाचौंध में खोए हुए थे इसलिए नेताजी को निभाना पड़ा प्रखर पितृत्व का सक्षम दायित्व ! ज्योतिषीय दृष्टि से मैंने भी कुछ ऐसी ही सलाह लिखकर चार पत्र डाक के द्वारा श्री नेता जी के पास भेजे थे संभव है कि ऐसा निर्णय लेने में हमारे सुझावों का भी कुछ असर रहा हो जिन्हें पढ़ने के लिए आप भी इस लिंक पर क्लिक करें और एकबार जरूर पढ़ेंsee more....http://bharatjagrana.blogspot.in/2016/12/blog-post_29.html
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