Tuesday, 4 February 2014

भ्रष्टाचार के स्रोत क्या हैं और इसे समाप्त कैसे किया जा सकता है ?

  जाति देखकर जब गरीबत नहीं आती है तो जाति  के आधार पर  आरक्षण या अन्य सुविधाएँ क्यों दी जाती  हैं ?
  जब जाति  क्षेत्र  सम्प्रदाय आदि देखकर गरीबत या कोई विपत्ति नहीं आती है तो इनके आधार पर   आरक्षण क्यों दिया जाता है ?
    सरकार के  हर विभाग में  भ्रष्टाचार व्याप्त है उससे छोटे से बड़े तक अधिकांश कर्मचारी लाभान्वित होते हैं इसलिए उन पर  भ्रष्टाचार की जो विभागीय जाँच होती है वहाँ क्लीन चिट  मिलनी ही होती है क्योंकि यदि नहीं मिली तो उसके तार उन तक जुड़े निकल सकते हैं  जो जाँच करsee  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/01/blog-post_19.html



दलितों के लिए आरक्षण या सम्मान?दोनों किसी को नहीं मिलते !

दलित शब्द का अर्थ कहीं दरिद्र या गरीब तो नहीं है ?

   समाज के एक परिश्रमी वर्ग का नाम पहले तो दलित अर्थात दबा, कुचला टुकड़ा,भाग,खंड आदि रखने की साजिश हुई। ऐसे अशुभ सूचक नाम कहीं मनुष्यों के होने चाहिए क्या?  वो भी भारत वर्ष की जनसंख्या के बहुत बड़े वर्ग को दलितsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2013/03/blog-post_2716.html





आरक्षण बचाओ संघर्ष आखिर क्या है ? और किससे ?

         4 घंटे  अधिक काम करने का ड्रामा !

     आरक्षणबचाओसंघर्ष या बुद्धुओं को बुद्धिमान बताने का संघर्ष आखिर क्या है ?ये संघर्ष उससे है जिसका हिस्सा हथियाने की तैयारी है।ये अत्यंत निंदनीय है ! 
    
     जिसमें  चार घंटे अधिक काम करने की हिम्मत होगी वो आरक्षण माँगेगा ही क्यों ?उसे अपनी कमाई और योग्यता का भरोसा होगा  किसी और की कमाई की ओर देखना ही क्यों? आरक्षण इससे ज्यादा कुछ है भी नहीं !
        चूँकि राजनैतिक दलों को पता है कि  देश में आरक्षण समर्थकों के वोट अधिक हैं औरsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_3571.html





यदि ऐसा है तो जाति देखकर आरक्षण क्यों दिया जाता है क्या आप गरीबों के सहयोग के लिए कोई जाति  बिहीन नीति बनाएँगे ?

    गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की भीख  मिलेगी ?

     चूँकि किसी भी प्रकार का आरक्षण कुछ गरीबों, असहायों को दाल रोटी की व्यवस्था करने के लिए दिया जाने वाला सहयोग है इससे जिन लोगों का हक मारा जाता है वे इस आरक्षण को भीख एवं जिन्हें दिया जाता है उसे भिखारी समझते हैं।इस दृष्टि से भीख में दाल रोटी तो मिल सकती है किन्तु कोई  घी लगा लगा कर रोटी दे ऐसा उसे कैसे बाध्य किया जा सकता है।इसी प्रकार शर्दी में ठिठुरते देखकर किसी को कुछ कपड़े तो भीख या सहयोग में मिल सकते हैंsee  more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_3184.html

आरक्षण एक बेईमान बनाने की कोशिश !

    गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की भीख  मिलेगी ?
     जो परिश्रम करके अपने को जितना ऊँचे उठा लेगा वह उतने ऊँचे पहुँचे यह  ईमानदारी है लेकिन जो यह स्वयं मान चुका हो कि हम अपने बल पर वहाँ तक नहीं पहुँच सकते ऐसी हिम्मत हार चुका हो । दूसरी ओर कुछ लोग सारी मुशीबत उठाकर भी ऊँचा पद पाने के लिए कठोर परिश्रम कर रहे हों ! ऐसे संघर्ष शील वर्ग को आरक्षण के माध्यम से  आगे बढ़ने से रोकना न केवल अन्याय अपितु अपराध भी माना जाना चाहिए ।यदि यही छेड़खानी शिक्षा को लेकर चलती रही तो क्यों कोई पढ़ेगा ?आखिर जो जिस लायक है उसे वो मिलना नहीं है और जो जिसsee  more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_8242.html


पहले नेताओं की संपत्ति जाँच तब हो आरक्षण की बात!

   
                  प्रतिभाओं के दमन का षड़यंत्र
     जब गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात उठी तो उस समय एक मैग्जीन में मेरा लेख छपा था   कि  आरक्षण एक प्रकार की भीख है जो किसी को नहीं लेनी चाहिए, तो आरक्षण समर्थक कई सवर्ण लोगों के पत्र और फोन आए कि जब सभी जातियों को आरक्षण चाहिए तो हमें भी मिलना चाहिए।मैंने उनका विरोध करके कहा था कि किसी को आरक्षण क्यों चाहिए।
   यहsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_6099.html

आरक्षण समर्थक नेताओं की संपत्ति की जाँच होनी चाहिए !

              
      गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की भीख  मिलेगी ?
             
                  प्रतिभाओं के दमन का षड़यंत्र

     जब गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात उठी तो उस समय एक मैग्जीन में मेरा लेख छपा था   कि  आरक्षण एक प्रकार की भीख है किसी को नहीं लेनी चाहिए, तो आरक्षण समर्थक कई सवर्ण लोगों के पत्र और फोन आए कि जब सभी जातियों को आरक्षण चाहिए तो हमें भी मिलना चाहिए।मैंने उनका विरोध करके कहा था कि किसी को आरक्षण क्यों चाहिए।
   यह बात सच है कि अमीर गरीब आदि सभीप्रकार के लोग हर वर्ग में होते हैं।दुनियाँ में वैसे सभी काम सभी के लिए कठिन होते हैं किंतु पढ़ाई उनमें सबसे कठिन काम है।जो लोग ईमानदारी से पढ़ाई करते हैं। मन को सारे विकारों से दूर रखकर शिक्षा की ओर ले जाना कोई हँसी खेल नहीं है।और काम तो विकारों के साथ भी कुछsee  more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_4640.html

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