देखना यह चाहिए कि जनता को हमने ऐसा नया क्या दिया है जो पहले नहीं दिया
जा सका था अन्य सरकारें नहीं दे सकती थीं !रही बात विपक्ष की तो तो चूँकि उन्होंने कुछ नहीं किया है इसी लिए जनता ने उन्हें बुरी तरह से पराजित किया है अब सरकारी लोग यदि बार बार विपक्षी सरकारों की लापरवाही के उदाहरण देते हैं इसका मतलब सरकारी तंत्र पराजय की ओर बढ़ रहा है
इसलिए सरकार को जान सेवा के नए मानक गढ़ने चाहिए जिसमें सरकार अभी तक सफल
नहीं हो पायी है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस योजना बनकर
सामने नहीं आ पायी है सरकारी आफिसों में काम अभी भी उन्हीं की मर्जी से
होता है वो चाहें तो करें न चाहें तो न करें या जिसे कोई जरूरी काम करवाना
हो वो पैसे देकर करवावे वो और बात है किन्तु सरकार ने जनता को उन्हीं
सरकारी कर्मचारियों के रहमोकरम पर छोड़ रखा है जहाँ पहले थी । महिलाएँ
सुरक्षित तब भी नहीं थीं अब भी नहीं हैं सरकारी स्कूलों में पढाई तब भी
नहीं थी अब भी नहीं है सरकारी अस्पातालों का जो हाल तब था वही आज भी है! कुल मिलाकर बदला क्या जा सका है !
भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
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