सभी प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जिन अधिकारियों कर्मचारियों और नेताओं की संचित संपत्तियाँ बेहिसाब हों उनके उद्गम के स्रोतों का पता न चल पा रहा हो ऐसी संपत्तियों की सघन जाँच हो वहाँ से जुड़े मिल सकते हैं अपराध के सूचना स्रोत ! ईमानदार कर्मचारियों आदि को तंग न किया जाए !
सरकार के जिस विभाग के जिस अधिकारी कर्मचारी के काम काज से जनता संतुष्ट न उन्हें आज तक दी गई सैलरी वापस ले सरकार !काम नहीं तो पैसा किस बात का ?
सरकार हर जिले में शिकायतें सुनने के लिए शिविर लगवावे जिस जिले के जिस विभाग के जिस अधिकारी कर्मचारी से संबंधित शिकायतें अधिक मिलें उन्हें प्रभाव से तुरंत सस्पेंड किया जाए और उनके स्थान पर नई नियुक्तियाँ की जाएँ !उनसे आज तक की सैलरी वसूली जाए !!
जिस क्षेत्र में जिन कामों को करने की अनुमति नहीं दी जाती है उन्हीं क्षेत्रों में उसी तरह के काम यदि किए जाते देखे जाते हैं ऐसे कामों की सूची बनवावे सरकार और जब से वे अवैध काम उन जगहों पर संचालित हो रहे हैं या अवैध जमीनों पर कब्जे किए गए हैं तब से लेकर आज तक ऐसे अवैध कामों या अवैध कब्जों को रोकने के लिए तैनात किए गए अलापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों को दी गई सैलरी वापस ले ली जाए ऐसे लोग रिटायर्ड हों तो भी उन्हें गैर जिम्मेदार अथवा घूसखोर मानते हुए उन्हें आज तक दी गई सैलरी उनके संचित कोष से या उनकी सम्पत्तियों से वसूली जाए !
जिस अधिकारी कर्मचारी को जब जो नौकरी मिली थी उस समय सरकारी कागजों में उसकी जितनी जो भूसंपत्तियाँ या संचित धन था उसके बाद जो सैलरी मिलती रही उससे मासिक खर्च काटकर उसके अलावा जो भी बढ़ी हुई संपत्तियाँ बनती हैं उन्हें सरकार उनसे छीन कर सरकारी कोष में जमा करे !जप्त करे
जिन नेताओं ने जिस सन में पहला चुनाव लड़ा उस समय उनके नाम सरकारी कागजों में जितनी जो भूसंपत्तियाँ या संचित धन था उसके बाद जो सैलरी मिलती रही उससे मासिक खर्च काटकर उसके अलावा जो भी बढ़ी हुई संपत्तियाँ नेताओं के पास हैं वो सारी उनसे छीन कर सरकारी कोष में जमा की जाएँ !
सरकार ईमानदार है तो उसे अपनी ईमानदारी का बखान नहीं करना चाहिए अपितु अपने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को सफल बनाकर दोषियों को दण्डित करके अपनी ईमानदारी के प्रति जनता के मन में भरोसा पैदा करे !
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