Sunday, 1 February 2015

राजनैतिक दलों की चिंता - ' केजरीवाल ने क्यों खाई बच्चों की कसम !'

     केजरी वाल ने तो अपने बच्चों की कसम खाई थी वो भी एक बार किन्तु हमने तो प्रभु श्री राम जी की कसमें असंख्य बार खाई हैं वो भी श्री राम मंदिर बनाने के लिए! क्या हुआ उन कसमों का !यदि केजरीवाल ने बच्चों की कसम एक बार खाई थी वे इतने बड़े दोषी !तो  हमने तो श्री राम जी की कसमें असंख्य बार खाई हैं है होश ! हम कितने बड़े दोषी !!

      मैंने सुना है कि जिसकी झूठी कसमें खाई जाती हैं उसे पीड़ा पहुँचती है!कहीं हमारी कसमों का ही दुष्परिणाम तो नहीं है कि श्री राम लला जी चबूतरे पर पड़े शर्दी गर्मी वर्षा की कठोर पीड़ा सह रहे हैं ! दुनियाँ  देख रही है हमारी श्री राम निष्ठा  को ! 

    किसके कहने पर हमने खाई थीं श्री राम जी की कसमें जरा याद करो उन्हें ! जिनके कहने पर खाई थीं वो उस पद तक पहुँच गए जहाँ पहुँचाने के लिए कसमें खाई गई थीं किंतु वो वहाँ पहुँच कर भी वहाँ नहीं पहुँच पाए जहाँ सबसे पहले पहुँचना चाहिए था किन्तु अमेरिका तक घूम आए !बेघर हुए श्री रामलला आज भी दीर्घ दीर्घायित नेत्रों से निर्निमेष बाट जोह रहे हैं उनकी !     चबूतरे पर  तंबू में  बैठे श्री रामलला  शर्दी गर्मी वर्षा जिनके लिए सह रहे हैं उन्हें पूर्ण बहुमत दिया श्री राम भक्त जनता ने आखिर अब क्या चाह रहे हैं वे लोग !किसकी प्रतीक्षा में हैं अब वे ! श्री राम मंदिर बनाने की बात करने वाले बाबा लोग अब बच्चों की संख्या बढ़ाने की बातें कर रहे हैं अब यह बताने को कोई तैयार नहीं है कि आखिर कब बनाया जाएगा  श्रीराम मंदिर !क्यों नहीं करते हैं तारीखों का ऐलान !

       बंधुओ ! ऐसे ही तो अन्य सरकारें भी डर  रही थीं  फिर क्यों कोसा जा रहा था उन्हें ! उनके विरुद्ध क्यों चलाए जा रहे थे आंदोलन ! क्यों दी गईं गिरफ़्तारियाँ !यदि  'सत्य और श्री राम' से लगाव हो तो साहस के साथ अभी भी आगे बढ़ा जा सकता है प्रभू श्री राम क्षमा कर देंगे अन्यथा सारी  चतुराई चित्त होने की कगार पर है !भगवान रक्षा करें  इनकी ! जिनकी दृष्टि में श्री राम काज  सबके बाद !बारे रामभक्तो !

       श्री राम काज कीन्हें बिना मोहिं कहाँ विश्राम ।

    इसका उद्घोष करने वाले बड़े बड़े दिग्गज आज कहाँ धमका कर बैठा दिए गए हैं !हिंदुत्व के बड़े बड़े मसीहा मौन बैठे हैं लगता है कि सबको धमका कर चुप करा दिया गया है कि खबरदार श्री राममंदिर का नाम लिया तो !तब कहा जा रहा था कि संसद में गूँजेगा 'जय श्री राम 'किन्तु सरकार बने इतने दिन बीत गए आज तक तो सुनाई नहीं दिया संसद  में 'जय श्री राम 'तब कहा जा रहा था कि संसद पर फहरेगा भगवा ध्वज ! किन्तु अब तो कोई ऐसी चर्चा भी नहीं करता है !  

    'केजरीवाल ने बच्चों की कसम गलत खाई थी ' बच्चों की कसम उन्हें नहीं खानी चाहिए थी क्योंकि बच्चे उनके हैं और बच्चों के वे प्रिय पिता हैं , भगवान न करे बच्चों को कोई पीड़ा हो ईश्वर उनकी रक्षा करे ! किन्तु इनके हिसाब से केजरीवाल जी को कसम ही खानी थी तो उनकी खाते जिनका कोई नहीं है और जो किसी के नहीं हैं अर्थात प्रभु श्री राम जी की !उन्हें कोई पीड़ा भी होगी तो किसी को क्या लेना देना वो खुद भोगेंगे !जैसे कि हो रहा है अब !!

       भाजपा ने श्री राममंदिर बनाने का बचन दिया था इसलिए हम लोग भाजपा को सत्ता में लाने के लिए जुट गए अब यदि भाजपा इस मुद्दे को भूलती है तो राम भक्तों का कर्तव्य क्या होना चाहिए ?

    केजरीवाल ने लोकपाल पास करके भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने का बचन दिया था यदि वो इससे भटकते हैं तो देश भक्तों का पहला दायित्व क्या होना चाहिए ?

 

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