केजरी वाल ने तो अपने बच्चों की कसम खाई थी वो भी एक बार किन्तु हमने तो प्रभु श्री राम जी की कसमें असंख्य बार खाई हैं वो भी श्री राम मंदिर बनाने के लिए! क्या हुआ उन कसमों का !यदि केजरीवाल ने बच्चों की कसम एक बार खाई थी वे इतने बड़े दोषी !तो हमने तो श्री राम जी की कसमें असंख्य बार खाई हैं है होश ! हम कितने बड़े दोषी !!
मैंने सुना है कि जिसकी झूठी कसमें खाई जाती हैं उसे पीड़ा पहुँचती है!कहीं हमारी कसमों का ही दुष्परिणाम तो नहीं है कि श्री राम लला जी चबूतरे पर पड़े शर्दी गर्मी वर्षा की कठोर पीड़ा सह रहे हैं ! दुनियाँ देख रही है हमारी श्री राम निष्ठा को !
किसके कहने पर हमने खाई थीं श्री राम जी की कसमें जरा
याद करो उन्हें ! जिनके कहने पर खाई थीं वो उस पद तक पहुँच गए जहाँ पहुँचाने के लिए
कसमें खाई गई थीं किंतु वो वहाँ पहुँच कर भी वहाँ नहीं पहुँच पाए जहाँ सबसे पहले पहुँचना चाहिए था किन्तु अमेरिका तक घूम आए !बेघर हुए श्री रामलला आज भी दीर्घ दीर्घायित नेत्रों
से निर्निमेष बाट जोह रहे हैं उनकी ! चबूतरे पर तंबू में बैठे श्री रामलला
शर्दी गर्मी वर्षा जिनके लिए सह रहे हैं उन्हें पूर्ण बहुमत दिया श्री राम भक्त जनता ने आखिर अब
क्या चाह रहे हैं वे लोग !किसकी प्रतीक्षा में हैं अब वे ! श्री राम मंदिर बनाने की बात करने वाले बाबा लोग अब बच्चों की संख्या बढ़ाने की बातें कर रहे हैं अब यह बताने को कोई तैयार नहीं है कि आखिर कब बनाया जाएगा श्रीराम मंदिर !क्यों नहीं करते हैं
तारीखों का ऐलान !
बंधुओ ! ऐसे ही तो अन्य सरकारें भी डर रही थीं फिर क्यों कोसा जा रहा था उन्हें ! उनके विरुद्ध क्यों चलाए जा रहे थे आंदोलन ! क्यों दी गईं
गिरफ़्तारियाँ !यदि 'सत्य और श्री राम' से लगाव हो तो साहस के साथ अभी भी
आगे बढ़ा जा सकता है प्रभू श्री राम क्षमा कर देंगे अन्यथा सारी चतुराई
चित्त होने की कगार पर है !भगवान रक्षा करें इनकी ! जिनकी दृष्टि में श्री राम काज सबके बाद !बारे रामभक्तो !
श्री राम काज कीन्हें बिना मोहिं कहाँ विश्राम ।
इसका उद्घोष करने वाले बड़े बड़े दिग्गज आज कहाँ धमका कर बैठा दिए गए हैं !हिंदुत्व के बड़े बड़े मसीहा मौन बैठे
हैं लगता है कि सबको धमका कर चुप करा दिया गया है कि खबरदार श्री राममंदिर का नाम
लिया तो !तब कहा जा रहा था कि संसद में गूँजेगा 'जय श्री राम 'किन्तु सरकार बने इतने दिन बीत गए आज तक तो सुनाई नहीं दिया संसद में 'जय श्री राम 'तब कहा जा रहा था कि संसद पर फहरेगा भगवा ध्वज ! किन्तु अब तो कोई ऐसी चर्चा भी नहीं करता है !
'केजरीवाल ने बच्चों की कसम गलत खाई थी ' बच्चों की कसम उन्हें नहीं खानी
चाहिए थी क्योंकि बच्चे उनके हैं और बच्चों के वे प्रिय पिता हैं , भगवान न करे बच्चों को कोई पीड़ा हो ईश्वर
उनकी रक्षा करे ! किन्तु इनके हिसाब से केजरीवाल जी को कसम ही खानी थी तो उनकी खाते
जिनका कोई नहीं है और जो किसी के नहीं हैं अर्थात प्रभु श्री राम जी की
!उन्हें कोई पीड़ा भी होगी तो किसी को क्या लेना देना वो खुद भोगेंगे !जैसे कि हो रहा है अब !!
बंधुओ !हमसे कुछ लोग पूछते हैं कि आप किस पार्टी से जुड़े हैं क्योंकि हमें वो किसी एक पार्टी से बँधकर लिखते नहीं देखते !
मित्रो !मैं अपने ब्राह्मण धर्म का निर्वाह इस रूप में करना चाहता हूँ कि सभी जाति धर्म दलों सरकारों से जुड़े नैतिक लोगों का समर्थन करके उन्हें देश एवं धर्म के प्रति उनके दायित्व का बोध कराते रहें !फिर भी जो लोग इन दायित्वों से भटकने लगें उन्हें उसकी याद दिलाना और देश में जन जागरण करके उन्हें दायित्व निर्वाह के लिए पुनः प्रेरित करना !मेरा सोचना है कि यदि कोई राजनैतिक दल मुझे अपना नहीं समझता तो मैं किसी दल या नेता के साथ क्यों चिपका घूमूँ ये भी तो उचित नहीं है !गोपिकाओं ने उद्धव से कहा था -"माना कि कृष्ण सब कुछ अर्थात समुद्र हैं और हम कुछ नहीं अर्थात एक बूँद के समान हैं इसलिए बूँद यदि समुद्र में मिल जाती है वह भी समुद्र रूप ही हो जाएगी किंतु इसके लिए उसे अपनी पहचान अर्थात बूँदता खोनी
किन्तु हम उनसे जानना चाहते हैं कि हम किसी पार्टी से क्यों जुड़ें! अपितु उल्टा कोई पार्टी आकर हमसे क्यों न जुड़े ! अपराध ,सुरक्षा,महँगाई,भ्रष्टाचार आदि हमारे मुद्दे स्पष्ट हैं जिस भी ईमानदार दल में साहस हो वो ईमानदारी से स्वीकार करे हमारी चुनौती हम सभी देशवासी मिलकर देंगे उसका साथ !
हमारा सपना किसी को मंत्री मुख्यमंत्री प्रधान मंत्री आदि बनाना नहीं है कोई हमारा रिश्तेदार नहीं लगता है हमें तो काम प्यारा है जिसमें जनाकांक्षाओं पर खरा उतरने का साहस है सो सामने आए ! बातें बकवास बंद !सपने दिखाना बंद करो !जन हित के अभी तक जिसने जो जो काम किए हैं वो जनता की अदालत में पेश करो !जहाँ तक रही बात ये कि अभी तक कुछ नहीं किया सत्ता मिलेगी तो ये ये काम करोगे ऐसे अकर्मण्य लोग न अभीतक कुछ कर पाए और न ही आगे कर पाएँगे और सत्ता पाने के बाद तो लँगड़े लूले अपाहिज भी बहुत कुछ करने लायक हो जाते हैं क्योंकि सत्ता मिलने के बाद तो व्यक्ति गौण हो जाता है और सत्ता ही सब कुछ करती है यदि सत्ता भोगने की भावना अपने जन प्रतिनिधि में न हो तो !
भाजपा ने श्री राममंदिर बनाने का बचन दिया था इसलिए हम लोग भाजपा को सत्ता में लाने के लिए जुट गए अब यदि भाजपा इस मुद्दे को भूलती है तो राम भक्तों का कर्तव्य क्या होना चाहिए ?
केजरीवाल ने लोकपाल पास करके भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने का बचन दिया था यदि वो इससे भटकते हैं तो देश भक्तों का पहला दायित्व क्या होना चाहिए ?
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