Monday, 7 December 2015

जनरल वीके सिंह जी यदि ' सिंह' न होते और वो लोग दलित न होते तो भी वीके सिंह जी की बात के निकाले जाते क्या ऐसे ही उत्तेजक अर्थ !

जनरल वीके सिंह जी यदि ' सिंह' न होते और वो लोग दलित न होते  तो भी वीके सिंह जी की बात के निकाले जाते क्या ऐसे ही उत्तेजक अर्थ !
वीके सिंह जी यदि मोदी सरकार के मंत्री न होते तो भी क्या विपक्ष इस बात पर ऐसे ही एकजुट होता ?
    जनरल वी के सिंह जी की सबसे बड़ी गलती कि वो 'सिंह' हैं दूसरी बड़ी गलती कि वे वे मोदी सरकार के मंत्री हैं तीसरी बड़ी गलती कि वो भाजपा के हैं चौथी बड़ी गलती कि वो अफसर रह चुके हैं ये सब बातें असहिष्णु  विपक्ष पचा नहीं पा रहा है ।जनरल वी  के  सिंह जी के नाम में यदि 'सिंह' न लगा होता और वो भाजपा में न होते तो भी क्या वो इतने ही गलत माने जाते !
    बंधुओ !ये जनरल वीके सिंह जी का बयान नहीं अपितु एक पत्रकार के प्रश्न का उत्तर है बयान  और उत्तर के अंतर को समझा जाना चाहिए !बयान  स्वतंत्र होता है उत्तर पराधीन होता है । उत्तर को स्वतंत्र बयान नहीं माना जा सकता ! उत्तर तो हमेंशा प्रश्न के अनुरूप होता है । 
    पत्रकार महोदय के प्रश्न पर वीके सिंह जी के उत्तर को यदि ध्यान से देखा जाए तो गलती पत्रकार से हुई है उन्हें इस अत्यंत दुखद दुर्भाग्य पूर्ण प्रश्न के साथ राजनीति नहीं घुसानी चाहिए थी वो प्रश्न अलग से किया जाना चाहिए था । चूँकि एक प्रश्न में ही दो प्रश्न थे इसीलिए एक उत्तर में ही दो उत्तर दिए गए !
  पत्रकार महोदय ने पूछा - "हरियाणा में दलित परिवार को जला कर मार दिया गया क्या सरकार वहाँ फेल हो गई है !"
    वीके सिंहजी ने कहा - "कभी स्थानीय घटनाओं का सरकार से ताल्लुक मत रखिए उसके ऊपर इंक्वायरी बैठा दी गई है परिवारों के बीच मतभेद था !वो मतभेद किस रूप में परिवर्तित हुआ यहाँ पर इंतजामों का फेलियर है एडमिनिस्ट्रेशन का !उसके बाद फिर सरकार के ऊपर आते हैं ।" " हर चीज के अंदर कि जी वहाँ पर पत्थर मार दिया गया कुत्ते के तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।"
         बंधुओ ! यदि ये प्रश्न अलग अलग होते तो उत्तर भी अलग अलग ही होते स्वाभाविक है ऐसे -       

    1.  प्रश्न :- हरियाणा में दलित परिवार को जला कर मार दिया गया !
     1. उत्तर :-कभी स्थानीय घटनाओं का सरकार से ताल्लुक मत रखिए उसके ऊपर इंक्वायरी बैठा दी गई है परिवारों के बीच मतभेद था !वो मतभेद किस रूप में परिवर्तित हुआ यहाँ पर इंतजामों का फेलियर है डमिनिस्ट्रेशन का !  
      2. प्रश्न :- क्या सरकार वहाँ फेल हो गई है !
      2. उत्तर :-एडमिनिस्ट्रेशन के बाद फिर सरकार के ऊपर आते हैं ।" " हर चीज के अंदर कि जी वहाँ पर पत्थर मार दिया गया कुत्ते के तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।"
         यदि ये दोनों बातें अलग अलग करके देखी  जाएँ तो साफ पता चल जाता है कि कुत्ते वाली बात उस दुखी परिवार के लिए नहीं अपितु सरकारी इंतजामों के लिए कही गई है उस परिवार से सम्बंधित बात तो उस उत्तर के साथ ही समाप्त हो गई थी । 
       इसके बाद जब वीके सिंह जी को पता लगा कि मेरी बात मेरी भावना के विरुद्ध गलत ढंग से परोसी जा रही है समाज में तो उन्होंने कहा
      "अगर किसी की गलती से मेरी गलती से अगर इनको मिक्स करके ऐसा बिठाने का प्रयास किया गया है कि किसी समुदाय विशेष की इज्जत में कमी आई है या उनको ठेस पहुँची है तो मैं उसके लिए माफी माँगता हूँ मुझे कोई संकोच नहीं है !"       see more .... https://www.youtube.com/watch?v=a2Ku-69aPnQ
       इसके बाद भी पता लगा कि राहुल गांधी जी धरने पर बैठे हैं क्यों आखिर क्या चाहते हैं वो ?
  वीके सिंह जी ने ऐसा कहा क्यों या पीड़ित परिवार दलित है इसलिए !इसीप्रकार से पत्रकार ने भी जब पूछा था तब उसने भी 'दलित' शब्द का प्रयोग किया था ऐसे ही अखलाक वाले केस में भी पीड़त परिवार के प्रति उतनी संवेदना नहीं दिख रही थी जितनी उसके मुस्लिम होने पर थी इसे ही किसी महिला का केस होगा तो अपराध गौण हो जाता है उसका महिलात्व  आगे आ जाता है आखिर क्यों ?क्या देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा की समान जिम्मेदारी नहीं है सरकार की फिर उसमें हिन्दू मुस्लिम दलित सवर्ण स्त्री पुरुष क्यों ?

 जाति आधारित राजनीति पर पढ़ें हमारा ये लेख भी -
  ब्राह्मणों को गालियाँ दे देकर लोग कितने बड़े बड़े पदों पर पहुँच गए किंतु ब्राह्मणों ने कभी किसी का बुरा नहीं किया !
विधायक सांसद मंत्री मुख्यमंत्री आदि क्या क्या नहीं बन गए ब्राह्मणों को गालियाँ देकर लोग !ब्राह्मण गलत कभी नहीं रहे यही कारण है कि अंबेडकर साहब ने भी दूसरी शादी ब्राह्मण के यहाँ ही की थी और उनके शिक्षक तो ब्राह्मण थे ही !
 अंबेडकर साहब ने जिनके कहने पर अपने नाम से 'सकपाल' टाइटिल  हटाकर 'अंबेडकर' जोड़ा था वो उनके आत्मीय शिक्षक ब्राह्मण थे उनका नाम था महादेव अंबेडकर !इसी प्रकार से अंबेडकर साहब की दूसरी पत्नी  सविता अम्बेडकर भी  जन्म से ब्राह्मण थीं !
     अम्बेडकर साहब से उनके शिक्षक महादेव अंबेडकर जी न केवल बहुत अधिक स्नेह see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/12/blog-post_6.html

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