Tuesday, 30 September 2014

कुछ पुलिस वाले तो भिखारियों से भी माँग लेते हैं भीख !

         दिल्ली में तीस हजारी मेट्रो स्टेशन से उतर कर जब तीस हजारी की ओर चलने लगो तो वहाँ कुछ लंगड़े लूले भिखारी बैठे होते हैं एक दिन मैं वहाँ से निकल रहा था तो एक भिखारी  अपनी अधकटी टाँग बीच रास्ते तक फैलाए था लोग बचा बचा कर निकल रहे थे यह देखकर मैंने उससे कहा कि पैर समेट कर रख लो तो उसने कहा क्यों रख लूँ मैंने कहा कहीं चोट लग जाएगी तो वो कहने लगा ऐसे कैसे लग जाएगी मार के देखो तो सही मैंने कहा मैं मारने  को नहीं कह रहा हूँ मैं तो ये कह रहा हूँ कि लग सकती है खैर वो ज्यादा गरम हुआ तो मैंने कहा मैं अभी पुलिस बोलाता हूँ था तो उसने कहा बोला लो क्या कर लेगा वो रोज बीस रूपए हमसे लेता है दस रूपए बैठने के और दस रूपए ये घायल वाली टाँग आगे करके बैठने  के इसी टाँग को देखकर लोग पैसे देते हैं !यह सुनकर मुझे आश्चर्य जरूर हुआ किन्तु सच्चाई श्री राम जी जाने ! हाँ ,यदि ऐसा वास्तव में है  तो बहुत गलत है इस पर नियंत्रण किया जाना चाहिए !अन्यथा पुलिस का गौरव घटता जा रहा है !

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