राजनैतिक पार्टियाँ  टिकट देते समय प्रत्याशियों का पारदर्शी परीक्षण कैसे करती होंगी !क्या क्या देखा जाता होगा उनका !चरित्र शिक्षा संस्कार सदाचार बात व्यवहार आदि या इसका उलट सब कुछ पसंद किया जाता है राजनीति में !आखिर कुछ नेताओं के बात व्यवहार से तो बहुत निराशा  लगती है ।  
राजनैतिक दलों के मालिक नेता लोग पैसे लेकर प्रत्याशियों को टिकट देते हैं तो देने दो तुम उन्हें वोट न दो न किसी और को देने दो !टिकट खरीदकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं और पार्टियों को वोट देकर पाप क्यों किया जाए ?
राजनैतिक दलों के मालिक नेता लोग पैसे लेकर प्रत्याशियों को टिकट देते हैं तो देने दो तुम उन्हें वोट न दो न किसी और को देने दो !टिकट खरीदकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं और पार्टियों को वोट देकर पाप क्यों किया जाए ?
 
     जो व्यापारी राजनैतिक पार्टियों से पैसे देकर टिकट खरीदेगा वो यदि 
चुनाव जीत जाएगा तो उसे टिकट लेने में लगा अपना पैसा इसी राजनीति से 
निकालना चाहिए या नहीं !और नहीं तो क्यों और हाँ तो कैसे !भ्रष्टाचार भी न 
करे और वो करोड़ों रूपया निकाल भी ले ऐसा हो ही नहीं सकता इसके लिए वो 
भ्रष्टाचार करेगा ही और उसे करना भी चाहिए क्योंकि उसकी पार्टी ने टिकट 
देने के बदले उससे पैसे लिए हैं इसलिए उसे भी क्यों नहीं लेना चाहिए ?ऐसी 
टिकट व्यापारी पार्टी के  ऐसे अयोग्य प्रत्याशियों को वोट देकर हम लोग पाप क्यों करें ?
   प्यारे भाई बहनें 
लोकतंत्र की रक्षा का व्रत लें और कसम खाएँ कि अपराधी अयोग्य अनपढ़ ,कम पढ़े 
लिखे या अनुचित तरीके से टिकट हासिल कर लेने वाले नेताओं को वोट नहीं देंगे
 !
    
 बड़े बड़े नेताओं के नाते रिस्तेदार होने के नाते टिकट पाने वाले या पैसे के
 बल पर टिकट खरीदने वाले प्रत्याशियों को न अपना वोट देंगे और न ही औरों को
 ही देने देंगे ! अपराधियों
 और अयोग्य नेताओं को संसद और विधान सभा जैसे पवित्र सदनों में बिलकुल न 
पहुँचने दो !ऐसे नेताओं को चुनावों में हराने का हर संभव प्रयासकर पुण्य के
 भागी बनें !आपका गुप्त मतदान कोई नहीं देखता है इसलिए बिना किसी डर के 
योग्य और ईमानदार लोगों को ही वोट दें वो किसी भी दल के क्यों न हों !
    
 चुनावों में पापी प्रत्याशियों को वोट न खुद दो न औरों को देने दो अन्यथा 
चुनाव जीतकर ऐसे प्रत्याशी जो भी पाप करेंगे उसका दोष आपको भी लगेगा 
क्योंकि उन्हें आपने ही इस योग्य बनाया है अन्यथा चाहकर भी वे ऐसा न कर 
पाते !इसलिए दोष पूर्ण प्रत्याशियों को हरवाने का हर संभव प्रयास करके 
पुण्य कमाने का सुनहरा अवसर !
    
 जिन राजनैतिक पार्टियों का मालिक एक ही परिवार का बना रहता हो ये लोकतंत्र
 के लिए घातक है जिन राजनैतिक दलों में पार्टी को चलाने की योग्यता केवल एक
 व्यक्ति या एक ही परिवार में मानी जाती हो बाकी कार्यकर्ताओं को भेड़ 
बक़डियों की तरह भर लिया जाता हो जिन्हें पार्टियों के मालिक दिहाड़ी मजदूरों
 की तरह अपनी इच्छाओं का गुलाम बनाकर सेवाएँ लेते हों !राजनीति से ऐसी 
ठेकेदारी पृथा समाप्त करने के लिए ऐसी पार्टियों के प्रत्याशियों को बिलकुल
 वोट न दिए जाएँ !ऐसे प्रत्याशी जनता का पक्ष न लेकर अपनी पार्टी के मालिक 
की इच्छा के अनुशार ही आचरण करेंगे इस लिए ऐसे सभी प्रत्याशियों का चुनावों
 में बहिष्कार किया जाए !
 राजनैतिक पार्टियों पर भरोसा करके किसी प्रत्याशी को वोट क्यों दे दिया जाए ?
 
       राजनैतिक पार्टियाँ देश को केवल एक आँख से देखती हैं वो आँख है 
चुनावों  में अपनी एवं अपनी पार्टी की विजय !वो कैसे भी मिले उसके लिए अपने
 सिद्धांतों से कितने भी बड़े समझौते क्यों न करने पड़ें !प्रत्याशी बहुत 
बुरा हो किंतु वो यदि अपनी आपराधिक प्रवृत्ति के कारण समाज को डरा धमका कर 
भी वोट हासिल करके चुनाव जीतने की ताकत रखता है तो भी वो राजनैतिक दलों की 
पहली पसंद बन सकता है !किंतु वो अपराधी चुनाव जीतने के बाद अपनी अपराध करने
 की प्रवृत्ति छोड़  देगा क्या ?अपने पुराने अपराधी मित्रों को छोड़ देगा 
क्या ?ऐसे आपराधिक पृष्ठ भूमि वाले नेताओं को वोट देकर उनके समर्थन का पाप 
हम क्यों करें !
  संसद जैसे सदन उच्चस्तरीय चर्चा के मंच होते हैं जो नेता कम पढ़े लिखे होने के कारण चर्चा करने और समझने योग्य न हों उन्हें वोट देकर पाप क्यों किया जाए ?
    अशिक्षा अल्पशिक्षा  अयोग्यता या अनुभव हीनता के कारण जो सदस्य लोग संसद और विधान सभाओं की चर्चा में भाग ले पाने लायक न हों जो बोलने और समझने की योग्यता न रखते हों वे
 सदन में शांत बैठे रहते हों !चर्चा के समय कुर्सी छोड़कर समय पास करने बाहर
 निकल जाते हों या सदनों के अंदर ही कुर्सी पर बैठे सोने लगते हों या 
मोबाईल फोन में वीडियो देखने लगते हों या अपनी पार्टी के मालिक का इशारा 
पाकर हुल्लड़ मचाने लगते हों !ऐसे अयोग्य प्रत्याशियों को वोट देकर हम लोग पाप क्यों करें ?
  नेताओं
 के नाते रिश्तेदार या घर परिवार वाला होने के नाते किसी को प्रत्याशी 
बनाया गया हो तो ऐसे नेताओं को वोट देकर पाप क्यों किया जाए ?
   राजनैतिक
 पार्टियों के मालिक लोग चरित्रवान सदाचारी ईमानदार लोगों को अपनी 
पार्टियों में सम्मिलित करने में इसीलिए डरते हैं क्योंकि उन्हें पता होता 
है कि ये बेईमानी न करेगा न करने देगा !इसलिए भले लोगों को तो राजनैतिक 
पार्टियों में नेता लोग घुसने ही नहीं देते ! योग्यता
 ईमानदारी ,जन सेवा और सदाचरण के बल पर चुनाव जीतने की हिम्मत रखने वाले 
नेताओं की उपेक्षा करके उन बड़े बड़े नेताओं के घर वालों या सगे  सम्बन्धियों
 को चुनावी टिकट दे दिए गए हों !किसी नेता पर भ्रष्टाचार जैसे कोई आरोप 
लगें तो उसके बीबी बच्चों को प्रत्याशी बना दिया गया हो !ऐसे अयोग्य 
प्रत्याशियों को वोट देकर हम लोग पाप क्यों करें ?राजनैतिक दलों के ऐसे 
पापों में जनता सम्मिलित क्यों हो ?
 
 राजनीति में सबसे बड़ा दान किसी भी पार्टी के पापी प्रत्याशियों को वोट न 
देना है !ऐसे लोगों को टिकट देने वाले दलों का बहिष्कार किया जाए !
    
 मकरसंक्रांति  के पवित्र अवसर पर हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प लीजिए कसम 
खाइए कि इस देश में पाप अब और नहीं होने देंगे और विश्व गुरु भारत को एक 
बार फिर से विश्व गुरुत्व के पद पर प्रतिष्ठित करेंगे !अपने घरों के मंदिर 
या तीर्थ क्षेत्र में जाकर कसम खाएँ कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए चुनाव लड़ने वाले पापी प्रत्याशियों को पराजित करके पुण्य कमाएँगे  !ऐसे दलों का बहिष्कार करेंगे !
     
 चुनाव लड़ाए जाने वाले प्रत्याशियों के चरित्र ,शिक्षा,संस्कार और व्यवहार 
पर क्यों न ध्यान दिया जाए !जो पार्टियाँ ऐसा नहीं करती हैं इसका सीधा सा 
मतलब है कि वो या तो चुनावी टिकटें बेंच रही हैं या अपने नाते रिश्तेदारों 
परिचितों को दे रही हैं जो दल ऐसे अलोक तांत्रिक कार्यों में लगे हुए हैं 
ऐसे दलों के कार्यकर्ता लोगों से निवेदन है कि वे ऐसे लोगों के बहकावे में न
 आएँ और पैसे एवं परिचय के बल पर चुनावी टिकट पाने वालों का बहिष्कार करें !
 उन्हें चुनावों में पराजित करके पुण्य लाभ कमाएँ करें का उन्हीं पार्टियों
 कार्यकर्ता यदि ऐसा नहीं किया see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2017/01/blog-post_8.html
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