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तलाक होगा ही नहीं यदि आप ऐसा करें तो !
1.आवश्यकता पड़ने पर आप जैसे अच्छा डॉक्टर ,मास्टर,वकील ,इंजीनियर आदि खोज लेते हैं | वैसे ही अपना या अपने बच्चों का विवाह बिचारने के लिए अच्छा ज्योतिषी भी खोजिए !
2. अच्छे डॉक्टर मास्टर वकील इंजीनियर की सेवा लेते समय उसकी डिग्री देखते हैं | उसने जिस विश्व विद्यालय से डिग्री ली है | उसकी विश्वसनीयता देखते हैं | ज्योतिषी की भी योग्यता का परीक्षण ऐसे ही कीजिए !
3. डॉक्टर मास्टर वकील इंजीनियर की सेवा लेकर उनकी फीस दी जा सकती है तो ज्योतिषी की फीस देने में कंजूसी मत कीजिए !आप फीस कम देंगे वो काम कमजोर करेगा !
जो लोग लापरवाही और कंजूसी के कारण विवाह के लिए अच्छे ज्योतिषी की सेवाएँ नहीं ले पाते हैं उन्हें तलाक के लिए अच्छे वकील की सेवाएँ लेनी पड़ती हैं | ऐसे लोगों के यहाँ होते हैं तलाक !
राजज्योतिषी अपना आप भी चुनो !
प्राचीनकाल में राजालोग अपना राजज्योतिषी चुना करते थे | इस युग में आप भी चुनो अपना राजज्योतिषी !राजा लोग मौसम और महामारी संबंधी भविष्यवाणियाँ ज्योतिषियों से करवाया करते थे | जिसकी भविष्यवाणी अधिक सही निकलती थी वो राजज्योतिषी !जिसकी भविष्यवाणी सबसे अधिक सही निकलती थी उसे प्रधान राजज्योतिषी मान लिया जाता था | मैंने काशी हिंदू विश्व विद्यालय से ज्योतिषबिषय में पीएचडी तो की ही है| विगत पॉंच वर्षों से सरकार को सही मौसम पूर्वानुमान भी देता रहा हूँ |महामारी की प्रत्येक लहर का सही पूर्वानुमान भी पीएमओ की मेल पर भेजता रहा हूँ | कोरोना की वर्तमान लहर की सूचना मैंने 4 मार्च को ही पीएमओ को भेज दी थी | जो सही हो रही है | आओ स्वयं देखिए - आप भी अपने ज्योतिषी को पहचानिए उसकी मौसम एवं महामारी संबंधी सही भविष्यवाणियों से !
महामारी से सबसे अधिक खतरा किसे होता है ?
जिसका अपना समय खराब होता है उसके संक्रमित होने की संभावना सबसे अधिक होती है | जिसका समय जितना अधिक खराब होता है वो उतना गंभीर रोगी होता है | उसी समय जिसका मारकेश होता है उसकी मृत्यु हो जाती है |
अच्छा और बुरा समय हमेंशा आते जाते रहता है | बहुत बुरा समय अपने साथ महामारी लेकर आता है किंतु केवल बुरे समय वाले लोगों को ही संक्रमित करता है | महामारी के समय भी अच्छे समय वाले लोग संक्रमितों के साथ नहाने धोने खाने पीने सोने जागने के बाद भी संक्रमित नहीं होते हैं | संपूर्ण कोरोना काल में छोटे छोटे बच्चे भोजन की लाइनों में दिन दिन भर खड़े रहते रहे किंतु संक्रमित नहीं हुए | दिल्ली मुंबई सूरत से श्रमिकों का पलायन हुआ वो सबको छूते रहे सबका छुआ खाते रहे किंतु संक्रमित नहीं हुए |हरिद्वार के कुंभ में,दिल्ली के किसान आंदोलन में,बिहार बंगाल की चुनावी रैलियों में लोग सबको छू कर भी संक्रमित नहीं हुए | जिसका समय अच्छा होता है वो सभी जगह सुरक्षा कर ही लेता है | यदि आप ही सुरक्षित हो जाएँ तो महामारी और प्राकृतिक आपदाओं से आपको कैसा हर !आपका समय कैसा चल रहा है ये पता लगाने के लिए करें हमारे यहाँ संपर्क !
भूकंप संबंधी अनुसंधानों के लिए विज्ञान कहाँ है ?
जो अनुसंधान जनता के विकास के लिए या फिर संकट से सुरक्षा के लिए किए जाते हैं |उन पर जनता का धन खर्च किया जाता है तो जनता के धन का सदुपयोग होता है | भूकंप संबंधी अनुसंधानों से जनता को क्या मिलता है | भूकंप संबंधी अनुसंधान यदि न किए जा रहे होते तो भूकंपों से जनता का इससे भी अधिक नुक्सान हो सकता था क्या ?जिसे भूकंप विज्ञान कह कर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है | क्या वो वास्तव में भूकंपविज्ञान ही है ये कैसे पता लगा ! उसके द्वारा भूकंपों के किसी रहस्य को सुलझाया जा सका है क्या ?यदि नहीं तो भूकंपविज्ञान को विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित किए जाने के लिए तर्कसंगत आधार क्या हैं ? विज्ञान के बिना भी अनुसंधान हो सकते हैं क्या ?भूकंपों पर अनुसंधानों के लिए धरती में गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं | भूकंपों के आने के कारण उन गड्ढों में मिले क्या ?मनुष्यों के शरीरों में जब कंपन होता है,तो उस कंपन का कारण खोजने के लिए उनका पेट तो नहीं खोलना पड़ता है | मनुष्यों के कुछ अंगों में कभी कभी वात विकृति के कारण कंपन होने लगता है | ठंड में शीतल हवाएँ लगने के कारण मनुष्यों के शरीरों में कंपन होने लगता है |सामने सिंह आकर खड़ा हो जाए या कोई अन्य भय उपस्थित हो जाए तो शरीर में कंपन होने लगता है | मनुष्य शरीरों की तरह ही पृथ्वी में होने वाले कंपनों का कारण भी यदि पृथ्वी के पिंड से बाहर हुए तो पृथ्वी में गहरा गड्ढा खोद देने से कैसे पता लग जाएँगे !
मौसमविज्ञान में विज्ञान की खोज !
बादल हों या आँधी तूफ़ान ये यदि उपग्रहों रडारों से दिखाई पड़ने लगते हैं तो वो जिस गति से जिस दिशा में जा रहे होते हैं | उस आधार पर ये कब कहाँ पहुँच सकते हैं |इसका अंदाजा उसी तरह लगा लिया जाता है जैसे किसान नहरों में छोड़े गए पानी का अंदाजा लगा लेते हैं कि ये कब कहाँ पहुँच सकता है | नदियों में अचानक आए बाढ़ के पानी का अंदाजा भी ऐसे ही लगाया जाता है | इस प्रक्रिया में विज्ञान तो कहीं नहीं है |
यदि एक के बाद एक ऐसे चार तूफान आने हों तो जो जो दिखाई पड़ते जाते हैं | वो वो बताते रहे जाते हैं | इसी प्रक्रिया से वर्षा होने का अंदाजा किस्तों में
लगाया जाता है |दस दिन यदि लगातार वर्षा होनी है तो पहले तीन दिन का फिर
दो दिन कई फिर और दो दिन का ऐसे अंदाजे बार बार लगाए और किस्तों में बताए जाते हैं | कई बार जहाँ बाढ़ आनी होती है | वहाँ वर्षा होना शुरू होने पर तीन दिन वर्षा होने की भविष्यवाणी कर दी जाती है | लोग तीन दिन का राशन जुटा लेते हैं | उसके बाद दो दिन और वर्षा होने की बात कह दी जाती है | उसके लिए राशन नहीं होता है तब तक घरों में पानी घुस चुका होता है | इसके बाद भी वर्षा बंद नहीं हुई तो तीन दिन और वर्षा होने की भविष्यवाणी कर दी जाती है | इससे नुक्सान यह हुआ कि जनता अब अपने बल पर उस स्थान को छोड़कर कहीं जा भी नहीं सकती है | तब तक इतनी बाढ़ आ चुकी होती है |
दूसरी बात महामारी के समय विमानों की उड़ाने बंद हो जाती हैं तो विमानों से मिलने वाली मौसम संबंधी सूचनाएँ भी बंद हो जाती हैं |
महामारी वैज्ञानिकों से पूछो क्या है महामारी !
विश्व के महामारी वैज्ञानिकों के द्वारा क्या महामारी का पूर्वानुमान लगाया जा सका !पता लगा पाए !महामारी पैदा कैसे हुई महामारी प्राकृतिक है या मनुष्यकृत क्या यह पता लगा पाए !
महामारी से सुरक्षा की तैयारी क्या थी ?
तांत्रिकों से पूछो क्यों नहीं रोक पाए महामारी ?
महामारी को समझे बिना ही बना दी गई दवाई ?
लोगों में प्रतिरोधक क्षमता घटती जा रही थी पता क्यों नहीं लगा ?
महामारी का पूर्वानुमान बिना विज्ञान के लगाया जाता रहा कैसे ?
पूर्वानुमान पहली लहर के कितने सही कितने गलत !
पूर्वानुमान दूसरी लहर के गलत ही गलत !
पूर्वानुमान तीसरी लहर के कितने सही !
महामारी कंट्रोल कर लेने के दावे कितने सही !
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माननीय चेयरमैन साहब !
(प्रसारभारती )
आपको सादर नमस्कार
विषय : महामारी से बचाव के विषय में विनम्र निवेदन !
महोदय,
महामारी का वेग इतना अधिक होता है कि बहुत बड़ी संख्या में लोग अचानक
संक्रमित होने लगते हैं |तुरंत की तैयारियों के बल पर उन्हें बचाया जाना
संभव नहीं होता है | दूसरी बात इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में
संक्रमितों के लिए इतनी अधिक मात्रा में औषधीय द्रव्यों का संग्रह करकेऔषधि
तैयार किया जाना संभव नहीं है | पहले से तैयारियाँ करके रखने के लिए महामारी के बिषय में पहले से सही
पूर्वानुमान चाहिए |महामारी और उसकी लहरों के
विषय में विश्ववैज्ञानिकों के द्वारा लगाए गए 200 से अधिक पूर्वानुमान पूरी तरह
गलत निकल चुके हैं |
ऐसी कठिन समय में मेरे द्वारा वैदिक विज्ञान के आधार पर महामारी और उसकी लहरों के
विषय में लगाए जाते रहे पूर्वानुमान पूरी तरह सही निकलते रहे हैं
|महामारी और उसकी प्रत्येक लहर के विषय में मैं आगे से आगे सही पूर्वानुमान
लगाकर उसकी तारीखें पीएमओ की मेल पर भेजता रहता हूँ | वे पूरी तरह सही भी निकलते रहे हैं |
वर्तमान समय में जो कोरोना की लहर कुछ देशों में चल रही है |मैंने
उसकी सूचना पीएमओ को मेल करके 4 मार्च 2025 को ही दे दी थी | उस मेल की फोटो और वह वीडियो मैं आपको भेज रहा हूँ |
श्रीमान जी !जिस महामारी के विषय में विश्व वैज्ञानिकों के द्वारा
पूर्वानुमान लगाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है | वैदिक विज्ञान के आधार
पर महामारी की प्रत्येक लहर का पूर्वानुमान सही निकलने से ये निश्चय होता
है कि मेरे द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान महामारी से बचाव के लिए विशेष सहायक
सिद्ध हो सकते हैं |
अतएव मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है जनहित के उद्देश्य से आप
मुझे मिलने लिए समय देने की कृपा करें !
निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी (Ph.d. By BHU)
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983
के विषय में विनम्र निवेदन !
महोदय,
महामारी का वेग इतना अधिक होता है कि बहुत बड़ी संख्या में लोग अचानक
संक्रमित होने लगते हैं |तुरंत की तैयारियों के बल पर उन्हें बचाया जाना
संभव नहीं होता है | दूसरी बात इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में
संक्रमितों के लिए इतनी अधिक मात्रा में औषधीय द्रव्यों का संग्रह करकेऔषधि
तैयार किया जाना कैसे संभव है | पहले से तैयारियाँ करके रखने के लिए सही
पूर्वानुमान चाहिए |महामारी और उसकी लहरों के
विषय में वैज्ञानिकों के द्वारा लगाए गए 200 से अधिक पूर्वानुमान पूरी तरह
गलत निकले हैं | सरकार के द्वारा गठित सूत्र मॉडल भी सही पूर्वानुमान नहीं
उपलब्ध करा पाया है| विश्व के वैज्ञानिकों की भी यही स्थिति रही है |ऐसा
कोरोना महामारी के समय में प्रमाणित हो चुका है |मेरे पास प्रमाणों के साथ
यह सच्चाई संग्रहीत है |
आयुर्वेद की चरकसंहिता में वर्णित विधि से महामारी और उसकी लहरों के
विषय में मेरे द्वारा लगाए जा रहे पूर्वानुमान पूरी तरह सही निकल रहे हैं
|महामारी और उसकी प्रत्येक लहर के विषय में मैं आगे से आगे सही पूर्वानुमान
लगाकर उसकी तारीखें पीएमओ की मेल पर भेजता रहता हूँ | वो सही भी निकलते
हैं | वर्तमान समय में जो कोरोना की लहर कुछ देशों में चल रही है |मैंने
उसकी सूचना पीएमओ को मेल करके 5 मार्च 2025 को दे दी थी | उस मेल की फोटो
भी मैं आपको भेज रहा हूँ | इसी संदर्भ में मैं आपसे मिलने के लिए समय चाहता
हूँ |
श्रीमान जी !जिस महामारी के विषय में विश्व वैज्ञानिकों के द्वारा
पूर्वानुमान लगाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है | आयुर्वेद में उस समस्या
का समाधान निकलने से संपूर्ण विश्व में आयुर्वेद की प्रतिष्ठा बनती है |
अतएव मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है जनहित के उद्देश्य से इस विषय में आप
मुझे मिलने लिए समय देने की कृपा करें !
निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी (Ph.d. By BHU)
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983
______________________________________________
माननीय प्रधानमंत्री जी !
सादर नमस्कार
विषय : महामारी से जनसुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु आपसे विनम्र निवेदन !
महोदय,
कोरोना महामारी की आगामी लहर 16 फरवरी 2025 को बननी प्रारंभ हो गई है
|इसका संपूर्ण स्वरूप तो अगस्त 2025 के पूर्ण होने पर ही सामने आ पाएगा
किंतु प्राकृतिक वातावरण में अभी तक जो इसके लक्षण उभर रहे हैं | स्वरशास्त्र एवं भूकंपविद्या से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार ही प्राकृतिक लक्षण घटित होते देखे जा रहे हैं | इसके साथ ही मैंने जो
गणितीय पूर्वानुमान लगाए हैं |उनसे बहुत डरावने संकेत प्राप्त हो रहे हैं |
कोरोनामहामारी की आगामी लहर का
जन्म जहाँ हुआ है वो स्थान पृथ्वी से अधिक दूरी पर है |वहाँ प्रत्यक्ष
संसाधनों के द्वारा पहुँचा जाना संभव नहीं है | वहाँ से ही आकर महामारी की यह लहर 25 सितंबर 2025 को प्रशांत महासागर के ऊपर वायुमंडल में प्रवेश करेगी| यहीं से प्राकृतिक वातावरण बिषैला होना प्रारंभ होता जाएगा ! उसमें साँस लेने से लोग तेजी से संक्रमित होने लगेंगे | | इसका विस्तार संपूर्ण विश्व में होगा | यह लहर 25 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर 31जनवरी 2026 तक संपूर्ण वायुमंडल को बिषैला बनाती चली
जाएगी |उसके बाद स्वयं ही इस पर विराम लगने लगेगा | 12 फरवरी 2026 के बाद समाज को भी यह
भरोसा
होने लगेगा | अब महामारी से मुक्ति मिल जाएगी |इससे केवल वही लोग सुरक्षित रह पाएँगे जिनका अपना समय बहुत अच्छा चल रहा होगा |
विश्व वैज्ञानिक अगले लाखों वर्षों तक महामारी तथा भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाओं को समझ नहीं सकते !महामारी
की इस लहर को समझ पाना या इसका पूर्वानुमान लगा पाना भी मुझे छोड़कर विश्व
वैज्ञानिकों या वैज्ञानिक समूहों के बश की बात नहीं है
|प्राकृतिक बिषयों में विश्व के सभी वैज्ञानिक एक साथ मिलकर भी मेरी वैज्ञानिकक्षमता को छू पाने में समर्थ नहीं हैं |
प्रधानमंत्री जी !भगवती के जिस कृपाबल से मैंने महामारी
की दूसरी लहर को 2 मई 2021 को बश में कर लिया था| उसी कृपाबल से
प्रार्थनापूर्वक महामारी की इस लहर को भी बश में करके समस्त विश्व को
महामारी के कोप से बचाया जा सकता है | इसके लिए महामारी प्रारंभ होने से
पहले वैश्विक स्तर पर प्रभावी प्रयत्न प्रारंभ करने होंगे |इसमें विश्व के
देशों की सरकारों का सहयोग अपेक्षित है | अतएव मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है जनहित के उद्देश्य से इस विषय में आप मुझे मिलने लिए समय देने की कृपा करें !
निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983 माननीया मुख्यमंत्री जी !
सादर नमस्कार
विषय : कोरोना
महामारी की लहर आ रही है ये मैंने 4 मार्च को ही पीएमओ को सूचित कर दिया
था !
महोदया
विनम्र निवेदन यह है कि महामारी के विषय में सही पूर्वानुमान लगाने का
जो कार्य अभी तक विश्व के वैज्ञानिकों के द्वारा नहीं किया जा सका है|वही
कार्य वेदविज्ञान के आधार पर मेरे द्वारा सफलता पूर्वक कर लिया गया है |
इसके पहले भी महामारी की प्रत्येक लहर के विषय में आगे से आगे पीएमओ को
पूर्वानुमान भेजे जाते रहे हैं | वे मेलें अभी भी सुरक्षित हैं |
भविष्य में झाँके बिना किसी भी प्राकृतिक घटना के विषय में
पूर्वानुमान लगाया जाना संभव नहीं है |अभी तक ऐसा कोई विज्ञान नहीं है |
जिसके द्वारा भविष्य में झाँकना संभव हो | इसीलिए महामारी और मौसम संबंधी
घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान लगाने की आशा आधुनिक वैज्ञानिकों से नहीं की जानी चाहिए |
महामारी और प्राकृतिक आपदाओं का वेग इतना अधिक होता है ,इनसे तुरंत की
तैयारियों के बलपर जनधन की सुरक्षा नहीं की जा सकती है | इनसे बचाव के लिए
पहले से मजबूत तैयारियाँ करके रखनी ही पड़ेंगी | ऐसा किया जाना तभी संभव है
जब ऐसी घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान पहले से पता हो | पूर्वानुमान लगाने
के लिए जब कोई विज्ञान और वैज्ञानिक हैं ही नहीं तो महामारी या प्राकृतिक
आपदाओं से सुरक्षा के लिए अग्रिम तैयारियों के नाम पर कोई मजबूत एवं सार्थक
प्रयत्न सकते हैं |
विश्व में ऐसा कोई भी वैज्ञानिक अभी तक प्रकाश में नहीं आया है जो
महामारी के विषय में इतना स्पष्ट पूर्वानुमान लगाने में सफल हो सका हो |जो
मैंने लगाए हैं | मेरे द्वारा पीएमओ को भेजी गई मेल की फोटो इसी के साथ
संलग्न है | निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983____________________________
माननीय गृहमंत्री जी !
सादर नमस्कार
विषय : कोरोनामहामारी से जनसुरक्षा के उद्देश्य से विनम्र निवेदन !
महोदय,
कोरोनामहामारी की प्रत्येक लहर के बिषय में पहले से सही पूर्वानुमान लगाकर मैं पीएमओ की मेल पर भेजता रहा हूँ | हमारी लिखी हुई पूर्वानुमान की तारीखें पूरी तरह सही निकलती रही हैं | वर्तमान समय में जो कोरोना महामारी का संक्रमण फिर बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है | इसकी सूचना मैंने 4 मार्च को ही मैंने पीएमओ की मेल पर भेज दी थी | मेरे द्वारा भेजा गया वही पूर्वानुमान अब सच होते देखा जा रहा है | ऐसा मैंने सभी लहरों के बिषय में किया है किंतु इस बिषय में न तो पीएमओ की ओर से कोई उत्तर भेजा गया है और न ही स्वास्थ्य मंत्रालय की और से | इसलिए मेरे द्वारा लगाए जा रहे पूर्वानुमानों से समाज को जो मदद मिलनी चाहिए या सरकार से हमारे अनुसंधानों को जो मदद मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पा रही है |
श्रीमान जी ! कोरोना महामारी के विषय में विश्व वैज्ञानिकों के द्वारा लगाए जाते रहे पूर्वानुमान सही नहीं निकलते रहे हैं,जबकि मेरे द्वारा वैदिक विज्ञान के आधार पर लगाए जाते रहे पूर्वानुमान सही निकलते रहे हैं| इनका जनहित में बड़ा उपयोग हो सकता है | इनसे जनसुरक्षा की दृष्टि से चिकित्सा प्रक्रिया में बड़ी मदद मिल सकती है | इसी संदर्भ में मैं आपसे मिलने के लिए समय चाहता हूँ | समय देने की कृपा करें |
निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983
माननीय अध्यक्ष जी ! ( नीतिआयोग)
सादर नमस्कार
विषय : कोरोनामहामारी से जनसुरक्षा के विषय में विनम्र सुझाव !
महोदय
महामारी का वेग बहुत अधिक होता है |इसलिए महामारी की पहचान ही तब हो पाती है ,जब उससे हजारों लोग संक्रमित हो चुके होते हैं |संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही होती है |ऐसे भयंकर स्वास्थ्य संकट से मनुष्यों की सुरक्षा तुरंत की तैयारियों के बलपर नहीं की जा सकती है |
महामारी से बचाव के लिए
पहले से मजबूत तैयारियाँ करके रखनी ही पड़ेंगी | ऐसा किया जाना तभी संभव है
जब महामारी के विषय में पूर्वानुमान पहले से पता हो |पूर्वानुमान लगाना तभी संभव है | जब पूर्वानुमान लगाने में सक्षम वैज्ञानिक हों और ऐसा कोई विज्ञान हो जिसके द्वारा भविष्य में झाँकना संभव हो |
विश्व में अभी तक ऐसा न तो कोई विज्ञान है और न ही वैज्ञानिक !जो भविष्य की घटनाओं के विषय में सही पूर्वानुमान लगाने में सक्षम हो | कोरोना महामारी की लहरों के विषय में स्वदेश से लेकर विदेश तक के वैज्ञानिकों के 200 से अधिक अनुमान पूर्वानुमान आदि विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे| उनमें से एक भी पूर्वानुमान सही नहीं निकल पाया था | ऐसे अनुमानों पूर्वानुमानों के आधार पर किए जाने वाले चिकित्सकीय प्रयत्न कितने विश्वसनीय हो सकते हैं | ये चिंतन की बात है |
ऐसे में विनम्र निवेदन यह है कि महामारी के विषय में सही पूर्वानुमान लगाने का
जो कार्य अभी तक विश्व के वैज्ञानिकों के द्वारा नहीं किया जा सका है|वही
कार्य वेदविज्ञान के आधार पर मेरे द्वारा सफलता पूर्वक कर लिया गया है |
इसके पहले भी महामारी की प्रत्येक लहर के विषय में आगे से आगे पीएमओ को
पूर्वानुमान भेजे जाते रहे हैं | जो सही निकलते रहे हैं | वे मेलें अभी भी सुरक्षित हैं |
विश्व में ऐसा कोई वैज्ञानिक अभी तक प्रकाश में नहीं आया है | जो
महामारी के विषय में इतना स्पष्ट पूर्वानुमान लगाने में सफल हो सका हो |जो
मैंने लगाए हैं |वर्तमान समय में चल रही लहर के विषय में मेरे द्वारा पीएमओ को भेजी गई मेल की फोटो इसी के साथ
संलग्न है |जो पूरी तरह सही निकली है |
इसलिए आपसे विनम्र निवेदन है कि सरकार हमारे अनुसंधानों की आर्थिक मदद करती रहे | मैं सही पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने में सरकार का सहयोग करता रहूँगा |
निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983