दो. काँग्रेस इस देश में भूल चुकी है रेस ।
शोर मचाती फिर रही लूट लिया जब देश ॥
दो. घोटाले जिसने किए अब तक अपरम्पार ।
महँगाई का मूल है मनमोहन सरकार ॥
दो. काँग्रेस ने खुब करी दस वर्षों तक ऐश।
खाली कर गई कोष सब भोग रहा है देश ॥
दो. रेल हुई महँगी अब महँगा होगा तेल ।
देश समझ नहिं पा रहा महँगाई का खेल ॥
दो. रेल तेल वा खेल में हुए घोटाले घोर ।
कुछ तो पहुँचे जेल तक बच गए कोयला चोर ॥
दो. दस वर्षों तक जो करी काँग्रेस ने ऐश ।
आज भाजपा क्या करे महँगी होगी गैस ॥
संन्यासियों का धन काला धन है या नहीं !
शोर मचाती फिर रही लूट लिया जब देश ॥
दो. घोटाले जिसने किए अब तक अपरम्पार ।
महँगाई का मूल है मनमोहन सरकार ॥
दो. काँग्रेस ने खुब करी दस वर्षों तक ऐश।
खाली कर गई कोष सब भोग रहा है देश ॥
दो. रेल हुई महँगी अब महँगा होगा तेल ।
देश समझ नहिं पा रहा महँगाई का खेल ॥
दो. घोटाले जिसने किए अब तक अपरम्पार ।
महँगाई का मूल है मनमोहन सरकार ॥
महँगाई का मूल है मनमोहन सरकार ॥
दो. रेल तेल वा खेल में हुए घोटाले घोर ।
कुछ तो पहुँचे जेल तक बच गए कोयला चोर ॥
दो. दस वर्षों तक जो करी काँग्रेस ने ऐश ।
आज भाजपा क्या करे महँगी होगी गैस ॥
पीएम बनते ही मोदी ने बुरे दिनों की शुरुआत कर दी: मायावती -पंजाब केशरी
जरूर देवी ! बुरे दिन तो आ गए हैं किन्तु किसके जिनके चेहरे की झाइयाँ देखकर तो यही लग रहा है कि आजकल रात रात भर नीद नहीं आ रही है कि न जाने कब किसके कितने नंबर वाले घोटाले की फाइल खुल जाए! क्या जाने कब सी.बी.आई.की क्लीनचिटें कैंसिल हो जाएँ ! अब अल्पमत की सरकार भी नहीं है जो समर्थन देने के बदले में क्लीन चिट माँगे ही मिल जाए वैसे भी अबकी बार तो जनता ने आपको कुछ देने लायक भी नहीं रखा है । चार दिन की आम आदमी पार्टी का फिर भी जनता ने विश्वास किया किन्तु बेचारी बसपा तो साफ ही हो गई.… !देवी ! ये भी मनुवाद के कारण ही हुआ है क्या ?
जरूर देवी ! बुरे दिन तो आ गए हैं किन्तु किसके जिनके चेहरे की झाइयाँ देखकर तो यही लग रहा है कि आजकल रात रात भर नीद नहीं आ रही है कि न जाने कब किसके कितने नंबर वाले घोटाले की फाइल खुल जाए! क्या जाने कब सी.बी.आई.की क्लीनचिटें कैंसिल हो जाएँ ! अब अल्पमत की सरकार भी नहीं है जो समर्थन देने के बदले में क्लीन चिट माँगे ही मिल जाए वैसे भी अबकी बार तो जनता ने आपको कुछ देने लायक भी नहीं रखा है । चार दिन की आम आदमी पार्टी का फिर भी जनता ने विश्वास किया किन्तु बेचारी बसपा तो साफ ही हो गई.… !देवी ! ये भी मनुवाद के कारण ही हुआ है क्या ?
संन्यासियों का धन काला धन है या नहीं !
यदि सब कुछ छोड़कर विरक्त जीवन जीना ही संन्यास है तो संन्यास लेने के बाद
दवा दारू आदि बेचना या अन्य किसी भी प्रकार का व्यापार करने वाले किसी
तथाकथित संन्यासी को क्यों न कहा जाए भ्रष्ट ! और संन्यास लेने के बाद
जितना भी धन इकठ्ठा किया है उसे क्यों न माना जाए कालाधन ?और इस काले
धन को देश हित में जब्त किया जाना चाहिए क्या ?
यदि
संन्यास का अर्थ होता है सब कुछ छोड़कर विरक्त जीवन जीना तो जिन लोगों ने
संन्यास लेने के बाद जितना भी धन इकठ्ठा किया है उसे क्यों न माना जाए
कालाधन ?
अब की बार 5 साल तक इस्तीफा नहीं दूंगा: केजरीवाल.
किन्तु योगेंद्र और प्रशांत जी जैसे और भी पूर्व आपी लोग भी कुछ कर रहे हैं याद ये भी रखना चाहिए अन्यथा जिन्हें आपकी सरकार और पार्टी दोनों में कोई पद प्रतिष्ठा नहीं दी गई है उनके घर वाले और नाते रिश्तेदार पूछते तो उनसे भी होंगे कि आप कुछ क्यों नहीं बनाए गए क्या आपके ऊपर 'आप'के प्रमुख देवता भरोसा नहीं करते हैं तो इतना झूठ वो कहाँ तक बोलेगे कि अगले महीने बना देंगे किंतु ऐसे विधायकों के पास यदि कभी कोई सुन्दर सा ऑफर मंत्री बनने का आया तो फिर मुख्यमंत्री कोई बने मंत्री तो वो भी बनना ही चाहेंगे और इसमें गलत भी क्या है जिसके पास दो विधायक होंगे वो मंत्री बना दिया जाएगा ऐसा श्लोगन वैकल्पिक सरकार बनाने में प्रभावी हो सकता है और जब आप मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं छोड़ सके आज पार्टी छोड़ छोड़कर जा रहे हैं लोग तो वो विधायक मंत्री बनने की इच्छा क्यों छोड़ देंगे ये राजनीति है यहाँ सत्ता के लिए एक से एक भले लोग पागल हो उठते हैं और देने लगते हैं गालियाँ !तो वो विधायक भी यदि अंदर अंदर मंत्री बनने के लिए हाथ पैर मार ही रहे हों तो क्या पता !साथ ही उन्हें ये भी पता है कि आमआदमी पार्टी में अभी तक तो केवल आपकी चल रही थी किंतु अब उनकी चलेगी जो आप के अपने लोग हैं जिन्होंने आप को आप प्रमुख बनाने में झूठ साँच बोलकर या आपकी दी हुई गालियों तक को पवित्र बताकर आपका समर्थन किया है आज वो लोग क्या उठा धरेंगे अपने को महत्वपूर्ण सिद्ध करने में !आखिर उन्हें भी तो अपनों के बीच अपना वजूद सिद्ध करना है और वो तभी संभव है जब वो महीने पंद्रह दिन मेहनत करके पार्टी के अंदर के अपने अपने विरोधियों के स्टिंग करें फिर उसे बाहर निकलवा दें और विरोधी तो सबके होते हैं और बुराई भी हर कोई हर किसी की एकांत में अपने अपने स्वभावानुसार करता ही है यदि उसका स्टिंग मान्य हुआ तो पार्टी में बचेगा कौन एक दिन सब बहार होंगे केवल मंत्री और मुख्यमंत्री ही विराजेंगे पार्टी और पार्टी के पदों पर !
यदि अच्छे दिन आ जाएँ तो मोदी सरकार अन्यथा जैसे 10 वर्ष काँग्रेस के सहे वैसे ही 5 वर्ष और मान लेना !
आखिर क्यों बढ़ाना पड़ा रेल का किराया ?
काँग्रेस और भाजपा सरकार । महँगाई से हाहाकार ॥
एक बार एक व्यक्ति ने अपना मकान बेचा किन्तु जब जाने लगा तब नल टूँटी पंखा
बल्व मोटर आदि सब कुछ खोलकर अपने साथ ले गया ! जब मकान का नया मालिक घर
आया तो देखा कि यहाँ के तो पंखा बल्ब तक सब गायब हैं जब वो पंखा आदि खरीद
कर बाजार से लाने लगवाने लगा तो लोग कहने लगे कि इसमें पैसे बेकार क्यों
खर्च कर रहे हो जैसे वो लोग अभी तक रह रहे थे वैसे ही हम लोग भी रह लेंगे
,किन्तु उन्हें क्या पता था कि ये काँग्रेसी जाते समय पंखा बल्ब तक खोल ले
गए हैं जिसे फिर से लाइन पर लाने के लिए बढ़ाना पड़ा रेल का किराया !अब जनता
को क्या पता कि मोदी जी क्या फेस कर रहे हैं !
रही बात काँग्रेस के मित्रों की तो वो लोग अंदर तो कोष को ऐसा करके
निकले हैं कि नई सरकार की कम से कम साल छै महीने पिटे भद्द अर्थात ये किसी
प्रकार का विकास कर ही न पाए और सरकार से बाहर आकर महँगाई के विरुद्ध
धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें पता है कि जब हमने वहाँ कुछ रखा ही नहीं
है तो देखते हैं कैसे अच्छे दिन आने वाले हैं !किन्तु जनता को ये चुनौती भी
स्वीकार करनी चाहिए और परखे एक बार मोदी जी को भी और करे उनका उत्साह
बर्धन ! क्या पता आ ही जाएँ अच्छे दिन !
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