भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Wednesday, 24 September 2014
फेस बुक पर जन्म दिन की बधाई देने के रीति रिवाज !
अजीब सी बात है आशीर्वाद किसी को भी कभी भीख में नहीं मिलता है उसे विनम्रता पूर्वक आशीर्वाद पाने की मुद्रा में उपस्थित होना होता है । उसकी तरफ से अभिवादन के दो शब्द लिखने चाहिए किन्तु यह ढंग ठीक नहीं है कि बेटे की फोटो तो शोफा पर जूता पहने टाँग उठाए लेटने की या अन्य प्रकार के हास परिहास की डालकर और मित्रों को आशीर्वाद देने के लिए प्रेरित करते हैं !अरे सिखाना ही है तो संतानों को अभिवादन करना सिखाइए आशीर्वाद देने वालों को अपने दायित्व का एहसास होता ही है !
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