फर्जी डिग्री
सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में
ज्योतिषाचार्य एक डिग्री है जो एम.ए.के समकक्ष होती है इस दृष्टि से
ज्योतिषाचार्य का मतलब ज्योतिष विषय में एम.ए.की डिग्री हासिल करने वाला
होता है जिसके लिए पाठ्य क्रम के हिसाब से लगभग बारहवर्ष पढ़ना पड़ता है ।ऐसी परिस्थिति में कुछ लोग बिना किसी सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से
ज्योतिषाचार्य की डिग्री हासिल किए हुए भी अपने नाम के साथ बिना किसी रोक टोक के ज्योतिषाचार्य जैसी
बड़ी डिग्री का उपयोग करते हैं या टी.वी.चैनलों पर ज्योतिषाचार्य के रूप
में ही अपने को प्रचारित करवाते हैं ।
यदि किसी संस्कृत
विश्व विद्यालय से 'ज्योतिषाचार्य' जैसी डिग्री लिए बिना भी कुछ लोग बिना किसी रोक टोक के ज्योतिषाचार्य जैसी
बड़ी डिग्री का उपयोग करते हैं या टी.वी.चैनलों पर ज्योतिषाचार्य के रूप
में ही अपने को प्रचारित करवाते हैं ऐसी परिस्थिति में 'ज्योतिषाचार्य'की डिग्री किसी सरकारी संस्कृत
विश्व विद्यालय से हासिल करने का क्या महत्त्व है ?एवं उनके इस कार्य को कितना अनुचित माना
जाए ? ऐसा करना क्या अपराध की श्रेणी में आता है ?और यदि हाँ तो ऐसे लोगों
के विरुद्ध क्या कुछ कार्यवाही का प्रावधान है और ऐसे लोगों की शिकायत
किससे की जा सकती है ?
एक ओर संस्कृत विश्व विद्यालयों के संचालन का भारी भरकम खर्च सरकार बहन करती है दूसरी ओर उनमें निर्धारित पाठ्यक्रम को बिना पढ़े और वहाँ से बिना कोई डिग्री हासिल किए हुए भी उस डिग्री का उपयोग करने वाले लोगों पर यदि सरकार की ओर से कोई कार्यवाही होते नहीं दिखती है तो ऐसी परिस्थिति में संस्कृत विश्व विद्यालयों के निरुद्देश्य संचालन पर सरकार के द्वारा खर्च की जा रही भारी भरकम धनराशि को सरकार के बहन करने का औचित्य आखिर क्या है ?
सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में
ज्योतिषाचार्य एक डिग्री है जो एम.ए.के समकक्ष होती है इस दृष्टि से
ज्योतिषाचार्य का मतलब ज्योतिष विषय में एम.ए.की डिग्री हासिल करने वाला
होता है जिसके लिए पाठ्य क्रम के हिसाब से लगभग बारहवर्ष पढ़ना पड़ता है ।ऐसी परिस्थिति में कुछ लोग बिना किसी सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से
ज्योतिषाचार्य की डिग्री हासिल किए हुए भी अपने नाम के साथ बिना किसी रोक टोक के ज्योतिषाचार्य जैसी
बड़ी डिग्री का उपयोग करते हैं या टी.वी.चैनलों पर ज्योतिषाचार्य के रूप
में ही अपने को प्रचारित करवाते हैं ।ऐसा करने वाले टीवी चैनल,अखवार या विज्ञापन करने वाली अन्य निजी संस्थाओं के ऊपर अंकुश लगाने के लिए कोई कानूनी प्रावधान है क्या ?और यदि है तो उसका अनुपालन किया जा रहा है क्या और उससे अभीतक किसी पर कोई कार्यवाही की गई है क्या ?
विज्ञापन करने वाली सभी संस्थाओं के लिए भी क्या ऐसा कोई नियम है जिसमें ऐसे लोगों के लिए विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी या ज्योतिषाचार्य जैसी डिग्रियों का प्रयोग करने से पूर्व सम्बंधित विषयों में किसी प्रमाणित विश्व विद्यालय से प्रदान किए गए डिग्री प्रमाण पत्रों की एक कापी सत्यापन प्रति के रूप में अपने पास रखकर उसी की सीमा में रहकर संबंधित व्यक्ति का विज्ञापन करने के आदेश का अनुपालन करें !
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