ऐसे लोगों का मुख नहीं देखना चाहते बाबा केदारनाथ हों या बाबा पशुपतिनाथ !जो साईं में आस्था रखते हुए भगवान के यहाँ भी हाजिरी लगाना चाहते हैं किन्तु वो ये क्यों नहीं सोचते हैं कि ऐसा करना तो भगवान का अपमान है !
साईं जैसे पीरों फकीरों को भगवान बनाकर पूजने के कारण बार बार आ रहे हैं भूकंप!बाढ़,बीमारियाँ ,बलात्कार ,हत्या ,लूटपाट आदि सभी प्रकार के अपराध, भ्रष्टाचार आदि बढ़ते जा रहे हैं !जब साईं पूजा का प्रचार प्रसार कम था तब न तो इतने अपराध थे और न ही इतनी प्राकृतिक आपदाएँ !आज देश का धार्मिक धन या तो साईं के पास या अन्य पाखंडियों के पास समिटता जा रहा है यज्ञ बंद होते जा रहे हैं इसके साइड इफेक्ट तो होंगे ही !
बंधुओ ! यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी की जगह उसी घर में किसी दूसरी स्त्री को रखैल बनाकर रख ले तो क्या उसकी पत्नी सह जाएगी !यदि ऐसा ही कोई स्त्री करे तो क्या उसका पति सह जाएगा ?इसी प्रकार से कोई अपने बाप की जगह किसी और को बाप बनाकर अपने घर में रखना चाहे तो क्या उसका पिता सह जाएगा !यदि नहीं तो देवी देवता क्यों सह जाएँ उनके मंदिरों में मची साईं भगदड़ को !इसलिए भलाई इसी में है कि साईं नाम के घुसपैठियों से सनातन धर्म के मंदिरों को मुक्त करवाया जाए !
साईं जैसे पीरों फकीरों को भगवान बनाकर पूजने के कारण बार बार आ रहे हैं भूकंप!बाढ़,बीमारियाँ ,बलात्कार ,हत्या ,लूटपाट आदि सभी प्रकार के अपराध, भ्रष्टाचार आदि बढ़ते जा रहे हैं !जब साईं पूजा का प्रचार प्रसार कम था तब न तो इतने अपराध थे और न ही इतनी प्राकृतिक आपदाएँ !आज देश का धार्मिक धन या तो साईं के पास या अन्य पाखंडियों के पास समिटता जा रहा है यज्ञ बंद होते जा रहे हैं इसके साइड इफेक्ट तो होंगे ही !
बंधुओ ! यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी की जगह उसी घर में किसी दूसरी स्त्री को रखैल बनाकर रख ले तो क्या उसकी पत्नी सह जाएगी !यदि ऐसा ही कोई स्त्री करे तो क्या उसका पति सह जाएगा ?इसी प्रकार से कोई अपने बाप की जगह किसी और को बाप बनाकर अपने घर में रखना चाहे तो क्या उसका पिता सह जाएगा !यदि नहीं तो देवी देवता क्यों सह जाएँ उनके मंदिरों में मची साईं भगदड़ को !इसलिए भलाई इसी में है कि साईं नाम के घुसपैठियों से सनातन धर्म के मंदिरों को मुक्त करवाया जाए !
बंधुओ ! देवी देवताओं की उपेक्षा करके यदि साईं आदि पीरों फकीरों को पूजोगे तो यही होगा !
बंधुओ ! जब केदार नाथ जी में इतने लोग मरे तो संपूर्ण समाज की तरह मैं भी बहुत दुखी था दिन रात बेचैनी थी तो मैंने भगवान शिव का ध्यान करके रोते हुए कहा " स्वामी !हम सांसारिक लोगों पर इतना क्रोध !ऐसा तांडव !अपने चारों और लगा लिए शवों के ढेर !स्वामी आप तो गलतियाँ क्षमा कर देते रहे हैं आप पर तो आपके भक्तों को इतना भरोसा है कि आपके भक्त आपका नाम लेकर बड़ी बड़ी बिपत्तियाँ सह जाते हैं आपके भरोसे हमेंशा गरजा करते हैं वे !और आप ही यदि ऐसे ठुकराएँगे तो वे अनाथ हो जाएँगे !आप तो भोले बाबा हैं और आपका अपने भक्तों पर ऐसा क्रोध !स्वामी !आपके भक्तों का संहार कोई दूसरा कर ही नहीं सकता ये तो आपकी इच्छा के बिना संभव ही नहीं है !फिर अपने भक्तों की गलतियाँ माफ कर देते तो !स्वार्थी दुनियाँ से उकता कर लोग आपकी शरण में आते हैं स्वामी आप भी क्रोध करेंगे तो किसकी ओर ताकेंगे निराश हताश लोग !बंधुओ !ऐसा कहते भाव विभोर लोग होता हुआ सो गया मैं !
रात में स्वप्न में एक शिव मंदिर दिखा जिसमें शिव जी का मंदिर सूना पड़ा था किंतु उसी में रखे साईं पत्थर की पूजा बड़े धूम धाम से हो रही थी !वहीँ किसी की एक अज्ञात आवाज आ रही थी कि इसे गलती नहीं गुंडई कहते हैं जिसका मंदिर उसकी उपेक्षा और भूत प्रेतों का पूजन वो भी भोले बाबा के सामने !मतलब क्या वो गलतियाँ माफ कर देते हैं तो कुछ भी करोगे !इसलिए ईश्वरी शक्तियों को भी अब अपना परिचय देना चाहिए!
इसके बाद सपना टूट गया ! इस विषय में बहुत सोच विचार पूर्वक मैंने निर्णय किया कि ईश्वर के मंदिरों में होने वाली पीरों फकीरों भूतों प्रेतों की पूजा बंद करवाने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए !दूसरी बात इन पीरों फकीरों को पूजने वाले लोगों का ईश्वर के मंदिरों में प्रवेश बंद किया जाना चाहिए !अन्यथा साईंवालों का मनहूस चेहरा देखते ही देवी देवता क्रोध से तमतमा उठते हैं और हो जाता है भूकंप ,आँधी तूफान ,बाढ़ जैसा कोई न कोई बड़ा उपद्रव !
ये तो हम सब लोगों को सोचना होगा कि आखिर क्यों आ रहे हैं
बार बार भूकंप ?आँधी तूफान ,बाढ़ आदि !गाँव के गाँव नदियों की बाढ़ में बहते जा
रहे हैं आखिर क्यों !कहीं डेंगू तो कहीं स्वाइन फ्लू !हर तरफ से संहार ही
संहार नजर आ रहा है आखिर क्यों ?जब साईं पूजा नहीं थी तब इतने उपद्रव नहीं होते थे और न ही इतने बलात्कार ,हत्याएँ लूट पाट आदि ही थी आज क्यों ये सब होने लगा है !
अरे पापियों ! भगवानों के
मंदिरों में भगवानों को दिखा दिखा कर साईं पत्थरों को पूजोगे तो ऐसे ही
आएँगे भूकंप और बहुत सारी प्राकृतिक आपदाएँ !कुछ लोगों के साईंपापों का फल
आज संपूर्ण समाज भोगने को मजबूर है !
साईं के बहाने पूजा पाठ मंदिरों शास्त्रों एवं परंपराओं को ड्रामा सिद्ध करने की तैयारी !
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