Sunday, 22 November 2015

nitiish

नितीश जी का लोकतंत्र विरोधी बंशवादी गिरोह उन्हें PM बनाने की बात करके चढ़ा रहा है बाँस पर !!
 गलतियाँ करेंगे अयोग्य नेता पुत्र और माफी माँगेगे नितीश कुमार ऐसे चलेगी बिहार सरकार !
    यदि पाँच वर्ष चलगई तो मनमोहन सिंह जी की तरह होगा राजनीति से किनारा अपर नहीं चला तो फिर जनता का सहारा !
   जिनके पास CM बनने की संख्या अपनी नहीं है उन्हें PM बनाने की बात बारे फारुख साहब !बारे सहयोगी बारी हमदर्दी !किंतु सरकार की सारे शक्तिवान मंत्रालय अपनी ओर खींच ले गए हैं लालू जी ।उन्होंने तो मनमोहन सिंह जी जैसा बनाकर रखा है नीतीश जी को ।  दूसरी बात राहुलगाँधी जी ,फारूक अब्दुल्ला जी ,शरद पवार जी , मुलायमसिंह जी, सुखबीरसिंह बादल,केजरीवाल जी तथा सुना है कि शिव सेना आदि लोकतंत्र  की दुहाई देने वाले  ये अधिकांश वो लोग थे जिन्हें केवल वोट लेने के लिए ही याद  रहता है लोकतंत्र !
    लालू जी की पार्टी के विधायक कैसे सहते हैं इतना अपमान !see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/pm.html


 लालू जी से पेट लड़ाकर दिल्ली पहुँचे केजरीवाल जी का शुद्धीकरण हो तो कैसे ?अन्ना जी के बचनोदकी छींटे क्या पवित्र कर सकेंगे उन्हें !
बंधुओ !  जिन लालू जी का नाम लिए बिना भ्रष्टाचार विरोधी बड़ी से बड़ी गाली अधूरी मानी जाती हो उन 'शकुनीश्री' से पेट लड़ाकर  आए केजरीवाल जी !लोकतंत्र के लिए ये कोई छोटी घटना तो नहीं है !लालू जी यदि भ्रष्टाचारी हैं तो पेट क्यों लड़ाया गया और यदि वे ऐसे नहीं हैं तो उन पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए गए !
    इससे  ये बात तो अब पूरी तरह स्पष्ट हो ही गई है कि अन्ना आंदोलन से अरविंद केजरीवाल जी के जुड़ने का लक्ष्य  भ्रष्टाचार का विरोध करना न होकर अपितु  केवल मुख्यमंत्री बनना था ! इस प्रकार अनेकों प्रकार से केजरीवाल जी की सच्चाई समाज के सामने आ जाने के बाद उन पर अविश्वास होना स्वाभाविक है !इसलिए अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि अन्ना जी के आंदोलन का उद्देश्य  क्या केवल केजरीवाल जी को ही राजनीति में लांच करना मात्र था ?और यदि ये सच है तो जनता के विश्वास के साथ ऐसा छल किया क्यों गया और यदि ये सच नहीं है तो रामलीला मैदान में आंदोलन के समय बात बात में पिनकने वाले अन्ना हजारे जी अब मौन क्यों हैं ? उन्हें समाजsee more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_61.html

नितीश जी के शपथ ग्रहण समारोह के महत्त्वपूर्ण आकर्षक अंश !
 अशिक्षित मंत्री अपने अनुशार चलाएँगे IAS अफसरों को !अफसरों का मनोबल कैसे बढ़े ! ये व्यवहार किसी अपमान से कम है क्या ?
    इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी  तो पढ़ जाते हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़ नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र  ! ऐसे लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_47.html




No comments:

Post a Comment