Sunday, 22 May 2016

मोदी जी ! भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर सबसे पहले अंकुश लगाइए ! इनके सताए हुए लोग अभी भी कंप्लेन करने से डरते हैं !

 मोदी  सरकार के दो वर्ष होने का पर्व जनता भी मना रही है क्या ?या केवल सरकार में सम्मिलित लोग और केवल पार्टी के पदाधिकारी ही !कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि जनता को भी विश्वास में लिया जाए और जनता भी मोदी सरकार के वर्षद्वय पर में भावनात्मक रूप से सम्मिलित हो !अन्यथा वर्तमान खुशफहमी कहीं अटल जी की सरकार का फीलगुड बन कर न रह जाए !  

   मोदी जी ! जनता का बहुत बड़ा वर्ग भ्रष्टअधिकारियों और भ्रष्टनेताओं की धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है उसे बचने के लिए कुछ कीजिए !ये दोनों लोग ही करवा रहे हैं सभी प्रकार के अपराध !अन्यथा अपराधियों में इतनी हिम्मत कहाँ होती है कि वो अपने बल पर अपराध करें और उनके पास इतना धन कहाँ होता है कि वे घूस देकर बच जाएँ किंतु मददगारों के बल पर वो उठा जाते हैं बड़े बड़े कदम !इस लिए उन मदद गारों की पहचान करके उन पर अंकुश लगाना होगा !इन लोगों पर अंकुश लगाए बिना 2019 की वैतरणी पार कर पाना आसान नहीं होगा !
इसके अलावा मोदी जी आखिर कैसे बंद हों अपहरण हत्या बलात्कार जैसे अपराध ! अपराधियों को गले लगाते हैं गुंडे और गुंडों को गले लगाती हैं राजनैतिक पार्टियाँ !इसी प्रकार से अपराध के कारोबार से कमाई करते हैं अपराधी और अपराधियों से कमाई करते हैं भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी !यदि सरकारी अधिकारी ,कर्मचारी ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होते तो न हत्याएँ होतीं न होते बलात्कार !इसलिए अपराधियों पर अंकुश लगाने से पहले भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर काबू पावे सरकार !उसके पहले विकास संबंधी सारी बातें बेकार ! 
    प्रधानमंत्री जी ! सरकार के हाथ पैर तो सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ही होते हैं जिनके अच्छे बुरे व्यवहार के आधार पर ही सरकार के काम काज का मूल्यांकन  होता है क्योंकि अधिकारियों और कर्मचारियों से ही जनता को जूझना पड़ता है वो ही यदि भ्रष्टाचारी हैं तो आप कितने भी अच्छे बने रहें किंतु जनता के मन में आपकी छवि भ्रष्टाचार समर्थक के रूप में  ही बनी रहेगी !अपराधों पर अंकुश लगाने के नाम पर भाषण चाहें जितने हों किंतु काम बिलकुल नहीं हो रहा है ! 
   जेल में बैठकर  मीटिंगें कर रहे हैं अपराधी !एक साधारण किसान की गारंटी पर हजारों करोड़ का लोन मिल जाता है ऐसे असंख्य अपराध कर रहे हैं सरकारी अधिकारी ,कर्मचारी इन्हें कोई देखने रोकने वाला ही नहीं है तभी तो अंकुश नहीं लग पा रहा है अपराधों पर !        सरकारी नीतियाँ इतनी अंधी हैं कि अधिकारियों कर्मचारियों से काम लेना तो सरकार के बश का ही नहीं है इनके  भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना भी सरकार के बश का नहीं है फिर भी इनकी सैलरी बढ़ाए जा रही है सरकार जबकि सरकारी हर काम काज का भट्ठा बैठा रखा  है इन्होंने !आखिर सरकार अपने  कर्मचारियों से इतनी खुश क्यों है!
    सरकारी शिक्षा विभाग ,डाकविभाग दूरसंचार विभाग चिकित्साविभाग चौपट तो इन्हीं सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों ने कर  रखा है इनसे बहुत कम सैलरी पाकर भी प्राइवेट टीचर, कोरियरकर्मी, प्राइवेटदूर संचार कर्मी,चिकित्साकर्मी अपने अपने क्षेत्र में कितनी अच्छी अच्छी सेवाएँ दे रहे हैं । 
    सरकार के कर्मचारी तो इतने कामचोर हैं कि जिस आफिस के कर्मचारियों की एक एक महीने की सैलरी पर पचासों लाख रूपए खर्च हो रहे होते हैं उस आफिस के कर्मचारी अपना कम्प्यूटर और प्रिंटर बिगाड़ कर उसी बहाने कई कई दिन काम न करके जनता को टरकाया करते हैं ऊपर से जनता के साथ मिलकर वो लोग  भी सरकार तथा सरकारी व्यवस्थाओं को गालियाँ देते हैं !         इनके काउंटरों पर नंबर की तलाश में खड़ी जनता को जानवरों की तरह कभी भी खदेड़ देते हैं ये इटरनेट न आने का बहाना बनाकर!कई कई दिन बीत जाने पर भी काम  न होने पर घूस देने को मजबूर कर दी जाती है जनता !उसके पास इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प ही नहीं होता है । सरकारी तंत्र की ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जहाँ जनता इस विश्वास के साथ शिकायत करे कि उसका काम समय से हो जाएगा !
       सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से काम कराने के लिए घूस देने के अलावा जनता के पास कोई अधिकार नहीं हैं जिस अधिकारी से शिकायत की जाती है वो उलटे जनता को ही काटने दौड़ता है सरकार तक जनता की पहुँच नहीं होती है !
     कुल मिलाकर अपराध छोटे हों या बड़े इसे करने वाला किसी न किसी कोने में मूर्ख होता है तभी तो ऐसा  रास्ता चुनता है ।अपराधी केवल यंत्र की भाँति होता है इसी कारण ऐसे लोगों का ऊपरी कमाई के लालच में उपयोग करते हैं भ्रष्टअधिकारी कर्मचारी और गुंडेनेता !जहाँ अधिकारियों कर्मचारियों की ऊपरी कमाई का साधन बने हैं अपराधी वहीँ भ्रष्टनेताओं  का दबदबा बनाने में सहायक होते हैं  अपराधी !यही अधिकारी और यही नेता उन अपराधियों की हर समय हर प्रकार से रक्षा करते रहते हैं इस सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता है इसलिए  ऐसे लोगों पर अंकुश लगाए बिना अपराधों पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है । 
     

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