माननीय -
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमान एम.
वेंकैया नायडू जी
सादर नमस्कार !
विषय : चुनावी भविष्यवाणियों के प्रसारण पर रोक लगाने हेतु !
महोदय ,
आदिकाल में ज्योतिष जब बनी थी तब 'राजा' हुआ करते थे 'राजतंत्र' के उस युग में चुनावी मतदान होता ही नहीं था इसलिए ज्योतिष शास्त्र में चुनावों से संबंधित हार जीत से जुड़ी भविष्यवाणी करने के कहीं भी कोई भी प्रमाण नहीं मिलते हैं यहाँ तक कि इस विषय की चर्चा क्या संकेत तक
नहीं मिलते हैं !सरकार चाहे तो इस विषय में सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों के ज्योतिषविभागों के विद्वान रीडर प्रोफेसरों से भी सलाह ले सकती है !कुल मिलाकर चुनावी राजनीति से जुड़ी सभी प्रकार की भविष्यवाणियाँ सौ प्रतिशत झूठ होती हैं इसमें कहीं कोई शक की गुंजाइस ही नहीं है !इसलिए अंधविश्वास फैलाने वाले ऐसे सभी प्रकार के पाखंडपूर्ण प्रसारणों पर प्रभाव पूर्वक रोक लगाई जाए !
ऐसी चुनावी भविष्यवाणियाँ करने के नाम पर लोगों की आँखों में ऐसे धूल झोंकी जाती है । ज्योतिष के नाम पर चुनावी भविष्यवाणियों का धंधा करने वाले लोग पहले तो अलग अलग समयों में अलग अलग चैनलों पत्र पत्रिकाओं आदि में हार जीत की संभावना रखने वाली संबंधित पार्टियों और नेताओं के हारने और जीतने संबंधी दोनों ही प्रकार की भविष्यवाणियाँ प्रकाशित करवा लेते हैं !दोनों प्रकार के लोगों को जिताने के लिए पूजा पाठ अनुष्ठान उपाय आदि करने का नाटक करते हैं ! समाज किसी के विषय में इतना ध्यान देता नहीं है अगर किसी की प्रकाशित भविष्यवाणी पढ़ भी ली तो न उसे याद रखता है और न ही उसका संग्रह रखता है जबकि अंधविश्वास फैलाने वाले लोग अपने ऐसे सभी सौ प्रतिशत झूठीप्रकाशित भविष्यवाणियों का संग्रह रखते हैं चुनावों के बाद जिन जिन पार्टियों के जो जो नेता जीतते हैं या जिन पार्टियों को बहुत मिलते दिखता है और जिनकी सरकार बनने लगती है उनसे संबंधित लेख सबको दिखाते फिरते हैं वही पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाया करते हैं कि देखो हमारी ये भविष्यवाणी सच हुई है !जबकि सच्चाई ये है कि ऐसे सौ प्रतिशत लोग न तो ज्योतिष पढ़े होते हैं और न ही इनके पास ज्योतिष सब्जेक्ट की कोई प्रमाणित डिग्री ही होती है और न ही ये ज्योतिष जानते ही हैं ।
श्रीमान जी ! ऐसे फ्रॉड लोग ज्योतिषशास्त्र का सम्मान घटाते हैं ज्योतिष सब्जेक्ट से जुड़े शिक्षकों विद्यार्थियों का उपहास करवाया करते हैं ज्योतिष शास्त्र का सम्मान घटाते रहते हैं
महोदय ! अतएव आपसे निवेदन है कि ऐसे सभी पाखंडों और पाखंडियों के द्वारा प्रकाशित एवं प्रसारित करवाई जाने वाली झूठी भविष्यवाणियों पर अविलंब अंकुश लगाया जाए !
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