अपने अनुशार सरकार चलाना क्या इस सरकार में बैठे लोगों का लोकतान्त्रिक अधिकार नहीं है क्या ?क्या इन्हें जनता ने चुनकर नहीं भेजा है !ये विपक्ष से आज्ञा माँग माँग कर काम करें क्या ? इमरजेंसी हो या नसबंदी अभियान उन सरकारों को जनता ने सहा है तो इस सरकार को भी सहेगी !और इन्हें भी काम करने का पूरा अवसर देगी ताकि इनसे भी जवाब माँगा जा सके ! अरे भारत बंद करने वाले नेताओ !निजी स्वार्थों के चक्कर में संविधान भावना की उपेक्षा क्यों ?
जनता को बुरा लगा तो उनसे लोकतांत्रिक ढंग से जनता ने ही निपटा था इस सरकार के आचरण भी बुरे लगेंगे तो इनसे भी उसी ढंग से जनता स्वयं निपटेगी किंतु इस सरकार में बैठे लोगों पर शक कर कर के उन्हें कुछ करने क्यों नहीं देना चाहता है विपक्ष !विपक्षी नेता वर्तमान सरकार को अपनी इच्छा का गुलाम बनाकर क्यों रखना चाहते हैं
क्या ये वर्तमान सरकार का लोकतान्त्रिक अधिकार नहीं है कि ये अपनी इच्छा से कार्य कर सके !आखिर अपने काम काज का जनता को जवाब इन्हें देना है न कि विपक्ष को !विपक्षी नेता वर्तमान सरकार को अपनी इच्छा का गुलाम बनाकर क्यों रखना चाहते हैं कि जैसे ये कहें वैसे सरकार चले अन्यथा ये संसद नहीं चलने देंगे !ये राजनैतिक गुंडागर्दी नहीं तो क्या है !आखिर जनता के द्वारा चुनी गई है ये सरकार भी इनके भी कुछ अधिकार होने चाहिए या नहीं !चंद्रशेखर ,देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल जी की सरकारें इसी आदत के कारण ही तो गिराई गई थीं इसीलिए तो जनता ने अबकी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है तब भी सत्ता की चाभी अपने पास रखना चाहता है विपक्ष !इस कैसे होने दिया जा सकता है !
संसद के गतिरोध को आम जनता के पैसे की बर्बादी क्यों न माना जाए !
तरह तरह के हथकंडे अपना कर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की हवा निकालने में लगे हैं कालेधन वाले लोग !सरकार ऐसे लोगों की संचित संपत्तियों और उनके आय स्रोतों की जाँच करवाए और उनसे पूछे कि यदि उनका कालेधन से लगाव नहीं है तो उन्हें सरकार के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार निरोधक निर्णय से सहमत होने में आखिर उन्हें आपत्ति क्या है !रही बात जनता की तो जनता अपनी बात नेताओं को मनवाने में सक्षम है उसे कालेधन के समर्थक नेताओं की मदद की आवश्यकता नहीं है उन्हें और उनकी चल अचल संपत्तियों एवं उनके राजसी रहन सहन को भी जनता देख रही है जो ईमानदारी से अर्जित किया गया होगा इसकी संभावनाएँ बिलकुल न के बराबर हैं !
भ्रष्टनेतालोग अपने कालेधन को बचाने के लिए फेल करना चाह रहे हैं मोदी जी का नोटबंदी अभियान !
भ्रष्टाचारी नेता लोग आतंकवादियों को इसीलिए पालकर रखते रहे हैं ताकि जनता
का ध्यान उधर भटका रहे और इधर ये भ्रष्ट लोग देश की संपत्तियाँ लूटते रहें
?
बंधुओ ! जो नेता लोग जब राजनीति में आए थे तब कौड़ी जेब में नहीं थी आज
करोड़ों अरबों के मालिक बने राज सुख भोग रहे हैं कहाँ से आता है ये पैसा
!इन्होंने कभी कोई व्यापार किया नहीं! नौकरी की नहीं धन इनके पास था नहीं
आखिर ये अपार संपत्तियाँ इनके पास आईं कहाँ से !ये कालाधन नहीं तो क्या है !
समय समय पर सरकारों में रह चुके भ्रष्ट नेता लोगों ने सरकारों के भीतर से लेकर बाहर तक हर जगह अपने लोग पहले से ही फिट
कर रखे हैं जो ईमानदार सरकारों का भ्रष्टाचार विरोधी कोई अभियान सफल ही
नहीं होने देते हैं अंत में थक हार कर वो भी चुप बैठ जाते हैं !वही स्थिति
आज है मोदी सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी महान प्रयास की हवा निकालने में
जुटा है भ्रष्टाचार परिवार !
इन भ्रष्ट नेताओं ने अपना धन सफेद करने के लिए अपने में से कुछ
भ्रष्टलोगों को बाबा बना रखा है कुछ ने ट्रस्ट सोसायटी आदि टैक्स मुक्ति माध्यम बना रखे हैं और ट्रस्ट के
पैसों पर टैक्स नहीं होगा के नियम बना रखे हैं !लंबे समय से सत्ता में रहने के कारण इन्हीं लोगों ने उस समय अपने कुछ भ्रष्ट
लोगों को सरकारी नौकरियों में घुसा रखा है वो उन उन विभागों से ऐसे लोगों के अपने ऊपर किए गए एहसान का बदला चुकाने में लगे उनकी सेवा कर रहे
हैं वो उन्हीं लोगों की सेवा खुशामद में व्यस्त हैं में व्यस्त हैं आम जनता का काम कौन करे बैंकों एटीएमों के आगे लंबी लंबी लाइनें लगती जा रही हैं वो कर्मचारी आम जनता जनता को तंग करके हवा निकाल रहे हैं मोदी सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी
अभियान की !
ऐसे नेताओं के द्वारा संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जा रही है बाहर जनता को आत्म हत्या करने
हुल्लड़ मचाने झगड़ा करने के लिए उकसाया जा रहा है !कुछ भ्रष्ट बैंक कर्मियों की
मदद से बैंकों में आम जनता का काम काज बहुत धीरे धीरे किया जा रहा है सेठों
साहूकारों की सेवा में लगे हैं बैंक कर्मचारी लोग !जनता से लंबी लंबी
लाइनें लगवाई जा रही हैं अंदर काम बड़े लोगों का या बैंक कर्मियों के
परिचितों एवं उनके नाते रिस्तेदारों का हो रहा है बाकी तो केवल शोभा बढ़ा
रहे हैं ! लंबी लंबी लाइनों के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा
है और जनता को मोदी सरकार के विरुद्ध भड़काया जा रहा है !यदि सरकारी मशीनरी
भी सरकार की योजनाओं में निष्पक्ष साथ नहीं देगी तो प्रधानमन्त्री जी
अकेले क्या क्या कर लेंगे !
ये हैं भ्रष्टाचारी नेताओं के भ्रष्टाचार परिवार के सम्मानित सदस्य !जो अंदर बाहर हर जगह से मदद कर रहे हैं भ्रष्टाचारी नेताओं और उनके सगे सम्बन्धियों की !
1.भ्रष्टनेता2.भ्रष्टबाबा3.भ्रष्टसरकारी कर्मचारी
सभी
प्रकार के अपराधियों के जन्मदाता होते हैं ऐसे क्षेत्रों से जुड़े सफेदपोश
दिखने वाले भ्रष्ट लोग !
आज नोटबंदी में आम जनता की कठिनाइयों का बहाना ले लेकर हुल्लड़ मचा रहे हैं
कालेधन वाले नेता लोग !तरह तरह के ट्रस्ट बनाए बैठे बाबा लोग काले धन को
सफेद करने में लगे हैं उन्हें तो पैसे चाहिए कैसे भी मिलें अपने अपने
व्यापार छोड़ अब बाबाओं ने इसी काम को धंधा बना लिया है !
उधर बैंक कर्मचारियों को अपने नाते रिस्तेदारों परिचितों एवं बैंक से जुड़े
बड़े व्यापारियों से फुरसत ही कहाँ है कि वे आम जनता की लगी लाइनों पर
ध्यान दें वे तो उन्हीं अपनों के ब्लैक को ह्वाइट करने में लगे हैं उनके
पास थोड़ा बहुत समय बचता है तो लाइन में खड़े लोगों से भी बात कर लेते हैं
अन्यथा आम जनता सुबह लाइन में खड़ी की जाती है और शाम को खदेड़ दी जाती है न
ब्रेकफास्ट न लंच !
ऐसे निराश हताश हैरान परेशान जरूरत मंद लोगों के साथ घट रही हैं
दुर्घटनाएँ ये काले धन और बैंक कर्मियों की आपसी साँठ गाँठ से जाम कर दिया
जा रहा है बैंकों से जुड़ा आम जनता का जरूरी काम काज !इसीलिए बैंकों के
सामने आम जनता की लाइनें घटने का नाम ही नहीं ले रही हैं ।
कई बैंकों में तो कर्मचारी साढ़े दस ग्यारह बजे आते हैं साढ़े ग्यारह बजे
काम शुरू करते हैं पहले जो अपनों का अपनी जेबों बैगों में डालकर काम लाए
होते हैं वो निपटाते हैं फिर चाय पीते हैं तब जनता का नंबर आता है तब तक
लंच हो जाता है !
इसके बाद जनता से पहले बड़े लोगों की लेबर ही लाइनों में आगे खड़ी होती है
बैंकों की मिली भगत से बाबू जी अंदर घुसा लिए जाते हैं वो अंदर ही अंदर
निपटा रहे होते हैं करोड़ों का काम काज !आम जनता अपने जरूरी कामों के लिए
हजार दो हजार रुपयों के लिए लाइनों में खड़ी अपनी बारी का इंतज़ार कर रही
होती है पौने तीन बजे लंच ख़त्म होता है फिर समय ही कितना बचता है फिर
शुरू होता है वही खेल फिर कुछ लोग अंदर भेज दिए जाते हैं बाकी लोगों के
लिए 3 -4 बजे बंद कर दिया जाता है बैंक !फिर शुरू होता है अपना और अपनों का
काम !
ऐसे बैंक कर्मियों के द्वारा मोदी सरकार को करवाया जा रहा है बदनाम !
बंधुओ !एक बार इस लेख को आप जरूर पढ़ें खोलें यह लिंक -
'सरकार और भ्रष्टाचार' एक सिक्के के दो पहलू !'दोनों को चाहिए दोनों का सहयोग !भ्रष्टाचार की जड़ों पर प्रहार करे सरकार अन्यथा सारी कवायद कम असरदार ! सरकार और सरकारी कर्मचारियों के सहयोग के बिना हो ही नहीं सकता है भ्रष्टाचार ! see more... http://samayvigyan.blogspot.in/2016/11/blog-post_67.html
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