Thursday, 27 April 2017

अवैध जमीनों के विरुद्ध होगी कार्यवाई कितनी हकीकत कितनी हवा हवाई !

  गाँवों में अवैध कब्जे करवाने का सारा  जुगाड़ लेखपाल करता है वही पैसे लेकर झूठ साँच नाम चढ़ा देता है बड़ा काम हुआ तो बड़े अधिकारियों से सेटिंग करवाकर उसकी दलाली खुद ले लेता है और अधिकारी को अधिकारी का हिस्सा दिला देता है  अवैध कब्जों का सारा बंदोबस्त करने वाले लेखपाल या अन्य अधिकारी कर्मचारी अवैध जमीनों के विषय में सरकार को सही सही जानकारी देंगे क्या?
     बड़े बड़े अधिकारियों कर्मचारियों नेताओं के संरक्षण में होते हैं अवैध कब्जे !यदि ऐसे गलत कामों में सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को सम्मिलित न किया जाए तो सरकारी मशीनरी होने ही नहीं देगी ऐसे गलत काम !
      इसलिए अवैध कब्जे यदि वास्तव में खोजने हैं तो वर्तमान लेखपाल आदि सरकारी मशीनरी से अलग कोई तंत्र विकसित किया जाए और उससे खोजवाई  जाएँ सरकारी जमीनें !उनकी लिस्ट बनाकर  इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को सबसे पहले कटघरे में खड़ा किया जाए और उनसे पूछा जाए कि आखिर ये अवैध कब्जे रोकने की आपकी जिम्मेदारी थी किन्तु आपने रोके क्यों नहीं !घूस लेकर चुप बैठे रहे या AC आफिसों में सोते रहे आपको कुछ पता ही नहीं चला !जब पता चला तब ऐसे कब्जे खाली करवा लेते किन्तु ऐसा नहीं किया क्यों ? उन्हें गैर जिम्मेदारी और अकर्मण्यता के लिए सर्वप्रथम दण्डित किया जाए इसके बाद मुक्त करवाई जाएँ अवैध कब्जों में पड़ी जमीनें !फिर अवैध कब्ज़ा करने वालों पर हो शक्त कार्यवाही !
     कल्याणपुर कला कानपुर में मैंने भी प्लॉट ख़रीदा था !उसके एक तरफ तालाब की खाली पड़ी हुई जमींन  थी सामने चौड़ा सा रोड !और भी आसपास सरकारी जमीनें पड़ी थीं किंतु अब सब धीरे धीरे कब्ज़ा कर ली गईं न स्कूल न पार्क अब तो घर बन गए !मंदिर बन गए पार्क बना दिए गए ऐसे ही सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा किया जाता है !
      जब कल्याणपुर को शहर की तरह विकसित किया जाने लगा था तो जो मकान बने थे उन्हें नम्बर दे दिए गए थे जो खेत थे उनके उन लोगों के पास कागज थे किंतु जिन मकानों के न नम्बर मिले और न ही कागज थे उन सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा किए गए कैसे !वो भी अधिकारियों की देख रेख में !क्या उन्हें हटवाएगी सरकार !या पुरानी बस्ती में चिपकाकर चतुराई पूर्वक बनाए गए ऐसे अवैध मकानों को भी छीन पाएगी सरकार !ऐसे सुस्थापित लोग घूस देकर बचने बचने का प्रयास तो यहाँ भी करेंगे !नोटबंदी की तरह ही सरकारी मशीनरी ही तो नहीं सरकार के साथ दगा कर जाएगी और सरकार ताल ठोंकते रह जाएगी !
   इसी कानपुर के कल्याण पुर कला में पुराने शिवली रोड से पनकी रोड के बीच पड़ी सरकारी जमीनों को बेच बेच कर बहुत लोग रईस हो गए !कब्जाकर कर के बहुत लोग जमींदार हो गए ! करोड़ों की जमीनों में कब्ज़ा करने के लिए लाखों की घूस तो बनती है और आफिसों में बैठे अगर अपना हिस्सा मिलता रहे तो बुराई भी क्या है लेने में ! वैसे भी उन सरकारी जमीनों में यदि पार्क स्कूल आदि बन भी जाते तो उन अधिकारियों कर्मचारियों के अपने बच्चे तो खेलने पढ़ने नहीं आते !
       यदि वे कब्जे नहीं भी होने देते तो जो उनके बाद अधिकारी आते वे करवा देते !जब कब्ज़ा करने वाला पैसे खर्च करने को तैयार है तो सामने वाले को करवाने में क्या एतराज !
      वैसे भी अवैध कब्जे करने वाले अक्सर रसूखदार लोग होते हैं मुझे नहीं लगता कि सरकार उनके गिरेबांन में हाथ डाल कर कोई रिस्क लेगी !इसमें भी गरीबों की ही बलि दी जाएगी केवल झुग्गियाँ उजड़ी जाएंगी !किंतु यदि सरकार ऐसा करती है तो ये बड़ा विशवास घात होगा जिसे जनता पचा नहीं पाएगी !
     इसी बस्ती में कई जगह जेई ने रोड बनवाते समय रोड के नीचे लेट्रिन के टैंक बनवाए हैं उसका भी पेमेंट लिया होगा !बड़े बड़े लम्बे चौड़े गड्ढों में यदि कभी कोई हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा !
      सरकारी जमीने बेच बेच  कर बड़े बड़े लोग जमींदार हो गए !जो कभी प्रापर्टी डीलर थे फिर लैंड माफिया बने अब उनकी गणना प्रतिष्ठित लोगों में होती है जहाँ क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों का अक्सर जमावड़ा लगा रहता हो उनके अवैध कब्जों के विषय में सरकार को सही सही जानकारी देगा कौन !उसमें कई बड़े अधिकारियों कर्मचारियों की अपनी भी पद प्रतिष्ठा नौकरी दाँव पर लग जाएगी !
     कई लोगों ने50 गज जमींन खरीदी डेढ़ सौ गज में मकान बनाकर खड़ा कर दिया है रोड की जमींन  कब्ज़ा कर ली है सरकार उनके मकानों की जमीनें नपवाएगी क्या !
      कई लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा की नियत से 5 इंच चौड़ी दीवारों पर बिना किसी पिलर के चार पाँच मंजिल के घर बनाकर किराए पर उठा रखे हैं किराया खा रहे हैं भूकंप आदि में ऐसे मकान गिरेंगे तब क्या होगा और उन्हें रोकने की जिम्मेदारी जिनकी थी उन्होंने बिना पैसे खाए बनाने दिए होंगे क्या ?सरकार उन घूसखोरों पर आखिर क्या कार्यवाही करेगी !
      सरकार को चाहिए कि वो न केवल ईमानदारी पूर्वक अवैध कब्जे हटवावे अपितु इन्हें करने और करवाने वालों पर भी कठोर कार्यवाही करे !ताकि दोबारा ऐसी नौबत ही न आवे !
      इसलिए सरकार अवैध कब्जे हटवावे तो सबके हटवावे अन्यथा ड्रामा करके केवल गरीबों को ही न तंग करे !

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