Saturday, 15 September 2018

vikki

                                              हिंदी केवल भाषा ही नहीं अपितु बहुत बड़ा विज्ञान है !

      हिंदीविज्ञान में प्रत्येक अक्षर का अर्थ अलग अलग है प्रत्येक अक्षर के परस्पर एक दूसरे के सामने आ जाने से उनका एक दूसरे के प्रति व्यवहार बदल जाता है !हर किसी के नाम के पहले अक्षर के स्वभाव के अनुसार  हर व्यक्ति का अपना स्वभाव बनता है !इसी प्रकार से जिस अक्षर के नाम वाले व्यक्ति के सामने दूसरा  जिस अक्षर के नाम वाला जो व्यक्ति पड़ता है अलग अलग अक्षरों के होने के कारण उनका उनके प्रति व्यवहार बदला करता है जिसे कोई एक व्यक्ति गलत मान रहा होता है उसी को दूसरा व्यक्ति बहुत अच्छा मान रहा होता है!ये उन दोनों पर उनके नाम के पहले अक्षर का असर होता है !
       नाम के पहले अक्षर के कारण ही तो बहुत लोग संगठन संस्थान पार्टियाँ सरकारें परिवार वैवाहिक जीवन आदि बर्बाद हो गए !राजनैतिक पार्टियों में होने वाले गठबंधन बिगड़ गए !कुछ नेताओं को कुछ राजनैतिक पहले नहीं इस कारण उनका जीवन बर्बाद हो गया !चुनावों में किस नाम के संसदीय दल में किस नाम के प्रत्याशी के सामने किस नाम के प्रत्यासी को चुनाव लड़ाया जाए तो जीत मिलेगी ये नाम के अनुशार होता है किस नाम के नेता के नेतृत्व में किस नेता को चुनाव लड़ाया जाए तो पार्टी जीतेगी ये नाम के अक्षर के अनुशार होता है !किस नाम का नेता किस पार्टी पर भारी है ये उन दोनों के नाम के पहले अक्षर के आधार पर होता है !
उदाहरण - अ अक्षर वाला व्यक्ति यदि अ  अक्षर के सामने आवे तो क्या होता है आप स्वयं देखिए -
 अन्ना आंदोलन बर्बाद क्यों हुआ ?- न्ना,रविंद,ग्निवेश और मित त्रिवेदी आपस में भिड़ गए !
  •  अन्ना का लोकपाल बिल -लोक सभा में पास हुआ राज्यसभा में भिषेकमनुसिंघवी और रुण जेटली में बहस हुई न्ना का लोकपाल बिल रोक दिया गया !
  •  मआदमीपार्टी का नाम अक्षर पर है इसमें शुतोष ,जीत झा,  अलकालांबा,शीष खेतान,अंजलीदमानियाँ ,आनंद जी,दर्शशास्त्री,सीमअहमद जेश ,जय,खिलेश,निल,अमान उल्लाह खान आदि अ अक्षर वाले लोग ऊपरी पंक्ति में थे ये पार्टी उन्हें पचा नहीं सकी बेचारे एक एक करके जाते जा रहे हैं कुछ लोग चले गए शुतोष और शीषखेतान तो अभी गए मानतउल्ला खां ,रुषी ,लकालांबा और रविंदकेजरीवाल जैसे लोग भी अभी तक तो हैं आगे.... !
  • रविंदकेजरीवाल के विवादों का कारण है अक्षर !उपराज्यपाल निल बैजल,मुख्यसचिव अंशुप्रकाश ,दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर रहे लोकवर्मा उसके बाद मूल्यपटनायक ,सत्ताधारीदल के अध्यक्ष मितशाह
  • समाजवादी पार्टी में अक्षर -पहले जमखान और मरसिंह तब आजम खान निकाले गए थे फिर खिलेश का प्रवेश हुआ !तो मरसिंह निकल गए जमखान अल्पसंख्यक होने के नाते...!पार्टी में अ अक्षर वाले और भी बड़े लोग हैं !जो अखिलेश को नहीं पचा पाएँगे !
  • समाजवादीपरिवार में खिलेशयादव के छोटे भाई की पत्नी पर्णायादव शिवपाल का पुत्र दित्य, बेटी नुभा यादव /रामगोपाल का पुत्र : क्षय यादव, भांजा रविंद प्रताप यादव परिवार में अ अक्षर वाले और भी लोग हैं !ये अखिलेश को नहीं पचा पाएँगे !
  •  मर सिंह उनके छोटे भाई रविंद सिंह,उनके मित्र मिताभबच्चन, भिषेकबच्चन , अनिलअम्बानी, इसके बाद जीतसिंह की पार्टी में भी गए !
  • अमर सिंह के लिए भाजपा में मित शाह हैं !म आदमी पार्टी में रविन्द केजरीवाल हैं सपा में खिलेश,पश्चिमी उप्र में जीत सिंह जाएँ तो कहाँ !
  • दिल्ली काँग्रेस के पिछले चुनावों में बुरी तरह हारने का कारण -जय माकन ,रविंदर सिंह,शोक वालिया 
  • भाजपा में पहले टल जी थे उनके बाद मितशाह किंतु उप्र में दित्य नाथ ,मित-दित्य ?खैर !
            विशेष  -  इस विषय में अधिक जानने के लिए हमारी वेवसाइट देखिए - www.drsnvajpayee.com/              
                                                                                                              - निवेदक डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
 
  

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