हिंदी केवल भाषा ही नहीं अपितु बहुत बड़ा विज्ञान है !
हिंदीविज्ञान में प्रत्येक अक्षर का अर्थ अलग अलग है प्रत्येक अक्षर के परस्पर एक दूसरे के सामने आ जाने से उनका एक दूसरे के प्रति व्यवहार बदल जाता है !हर किसी के नाम के पहले अक्षर के स्वभाव के अनुसार हर व्यक्ति का अपना स्वभाव बनता है !इसी प्रकार से जिस अक्षर के नाम वाले व्यक्ति के सामने दूसरा जिस अक्षर के नाम वाला जो व्यक्ति पड़ता है अलग अलग अक्षरों के होने के कारण उनका उनके प्रति व्यवहार बदला करता है जिसे कोई एक व्यक्ति गलत मान रहा होता है उसी को दूसरा व्यक्ति बहुत अच्छा मान रहा होता है!ये उन दोनों पर उनके नाम के पहले अक्षर का असर होता है !
नाम के पहले अक्षर के कारण ही तो बहुत लोग संगठन संस्थान पार्टियाँ सरकारें परिवार वैवाहिक जीवन आदि बर्बाद हो गए !राजनैतिक पार्टियों में होने वाले गठबंधन बिगड़ गए !कुछ नेताओं को कुछ राजनैतिक पहले नहीं इस कारण उनका जीवन बर्बाद हो गया !चुनावों में किस नाम के संसदीय दल में किस नाम के प्रत्याशी के सामने किस नाम के प्रत्यासी को चुनाव लड़ाया जाए तो जीत मिलेगी ये नाम के अनुशार होता है किस नाम के नेता के नेतृत्व में किस नेता को चुनाव लड़ाया जाए तो पार्टी जीतेगी ये नाम के अक्षर के अनुशार होता है !किस नाम का नेता किस पार्टी पर भारी है ये उन दोनों के नाम के पहले अक्षर के आधार पर होता है !
उदाहरण - अ अक्षर वाला व्यक्ति यदि अ अक्षर के सामने आवे तो क्या होता है आप स्वयं देखिए -
अन्ना आंदोलन बर्बाद क्यों हुआ ?- अन्ना,अरविंद,अग्निवेश और अमित त्रिवेदी आपस में भिड़ गए !
- निवेदक डॉ.शेष नारायण वाजपेयी हिंदीविज्ञान में प्रत्येक अक्षर का अर्थ अलग अलग है प्रत्येक अक्षर के परस्पर एक दूसरे के सामने आ जाने से उनका एक दूसरे के प्रति व्यवहार बदल जाता है !हर किसी के नाम के पहले अक्षर के स्वभाव के अनुसार हर व्यक्ति का अपना स्वभाव बनता है !इसी प्रकार से जिस अक्षर के नाम वाले व्यक्ति के सामने दूसरा जिस अक्षर के नाम वाला जो व्यक्ति पड़ता है अलग अलग अक्षरों के होने के कारण उनका उनके प्रति व्यवहार बदला करता है जिसे कोई एक व्यक्ति गलत मान रहा होता है उसी को दूसरा व्यक्ति बहुत अच्छा मान रहा होता है!ये उन दोनों पर उनके नाम के पहले अक्षर का असर होता है !
नाम के पहले अक्षर के कारण ही तो बहुत लोग संगठन संस्थान पार्टियाँ सरकारें परिवार वैवाहिक जीवन आदि बर्बाद हो गए !राजनैतिक पार्टियों में होने वाले गठबंधन बिगड़ गए !कुछ नेताओं को कुछ राजनैतिक पहले नहीं इस कारण उनका जीवन बर्बाद हो गया !चुनावों में किस नाम के संसदीय दल में किस नाम के प्रत्याशी के सामने किस नाम के प्रत्यासी को चुनाव लड़ाया जाए तो जीत मिलेगी ये नाम के अनुशार होता है किस नाम के नेता के नेतृत्व में किस नेता को चुनाव लड़ाया जाए तो पार्टी जीतेगी ये नाम के अक्षर के अनुशार होता है !किस नाम का नेता किस पार्टी पर भारी है ये उन दोनों के नाम के पहले अक्षर के आधार पर होता है !
उदाहरण - अ अक्षर वाला व्यक्ति यदि अ अक्षर के सामने आवे तो क्या होता है आप स्वयं देखिए -
अन्ना आंदोलन बर्बाद क्यों हुआ ?- अन्ना,अरविंद,अग्निवेश और अमित त्रिवेदी आपस में भिड़ गए !
- अन्ना का लोकपाल बिल -लोक सभा में पास हुआ राज्यसभा में अभिषेकमनुसिंघवी और अरुण जेटली में बहस हुई अन्ना का लोकपाल बिल रोक दिया गया !
- आमआदमीपार्टी का नाम अ अक्षर पर है इसमें आशुतोष ,अजीत झा, अलकालांबा, आशीष खेतान,अंजलीदमानियाँ ,आनंद जी, आदर्शशास्त्री, असीमअहमद अजेश ,अजय,अखिलेश,अनिल,अमान उल्लाह खान आदि अ अक्षर वाले लोग ऊपरी पंक्ति में थे ये पार्टी उन्हें पचा नहीं सकी बेचारे एक एक करके जाते जा रहे हैं कुछ लोग चले गए आशुतोष और आशीषखेतान तो अभी गए अमानतउल्ला खां ,आरुषी ,अलकालांबा और अरविंदकेजरीवाल जैसे लोग भी अभी तक तो हैं आगे.... !
- अरविंदकेजरीवाल के विवादों का कारण है अ अक्षर !उपराज्यपाल अनिल बैजल,मुख्यसचिव अंशुप्रकाश ,दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर रहे अलोकवर्मा उसके बाद अमूल्यपटनायक ,सत्ताधारीदल के अध्यक्ष अमितशाह
- समाजवादी पार्टी में अ अक्षर -पहले आजमखान और अमरसिंह तब आजम खान निकाले गए थे फिर अखिलेश का प्रवेश हुआ !तो अमरसिंह निकल गए आजमखान अल्पसंख्यक होने के नाते...!पार्टी में अ अक्षर वाले और भी बड़े लोग हैं !जो अखिलेश को नहीं पचा पाएँगे !
- समाजवादीपरिवार में अखिलेशयादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णायादव शिवपाल का पुत्र आदित्य, बेटी अनुभा यादव /रामगोपाल का पुत्र : अक्षय यादव, भांजा अरविंद प्रताप यादव परिवार में अ अक्षर वाले और भी लोग हैं !ये अखिलेश को नहीं पचा पाएँगे !
- अमर सिंह उनके छोटे भाई अरविंद सिंह,उनके मित्र अमिताभबच्चन, अभिषेकबच्चन , अनिलअम्बानी, इसके बाद अजीतसिंह की पार्टी में भी गए !
- अमर सिंह के लिए भाजपा में अमित शाह हैं !आम आदमी पार्टी में अरविन्द केजरीवाल हैं सपा में अखिलेश,पश्चिमी उप्र में अजीत सिंह जाएँ तो कहाँ !
- दिल्ली काँग्रेस के पिछले चुनावों में बुरी तरह हारने का कारण -अजय माकन ,अरविंदर सिंह,अशोक वालिया
- भाजपा में पहले अटल जी थे उनके बाद अमितशाह किंतु उप्र में आदित्य नाथ ,अमित-आदित्य ?खैर !
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