मानसून -
यह वर्षा विज्ञान का दूसरा पक्ष है
मानसून -
सरकारी मौसम भविष्यवक्ताओं के द्वारा मानसून के आने और जाने की जो तारीखें निश्चित की गई हैं वे काल्पनिक हैं इसीलिए उनका सच्चाई से कोई संबंध कभी सिद्ध हुआ ही नहीं उनके द्वारा निश्चित की गई तारीखों पर आज तक कितने बार मानसून आया और कितने बार गया ये शोध का विषय है आखिर क्यों बार बार ये तारीखें गलत होती रहती हैं और यदि इनका कोई आधार ही नहीं है तो इनके बताने या जान्ने से लाभ ही क्या है ?
मानसून की विदाई और वर्षा समाप्त होने की भविष्यवाणियाँ सरकारी मौसम भविष्यवक्ताओं के द्वारा 2 सितंबर सन 2019 से की जाने लगी थीं बार बार तारीखें बदली जाती रहीं किंतु अक्टूबर समाप्त होने के बाद भी दक्षिणपूर्वी भारत में वर्षा और बाढ़ का क्रम चलता जा रहा है |
सरकारी मौसम भविष्यवक्ताओं के द्वारा मानसून के आने और जाने की जो तारीखें निश्चित की गई हैं वे काल्पनिक हैं इसीलिए उनका सच्चाई से कोई संबंध कभी सिद्ध हुआ ही नहीं उनके द्वारा निश्चित की गई तारीखों पर आज तक कितने बार मानसून आया और कितने बार गया ये शोध का विषय है आखिर क्यों बार बार ये तारीखें गलत होती रहती हैं और यदि इनका कोई आधार ही नहीं है तो इनके बताने या जान्ने से लाभ ही क्या है ?
मानसून की विदाई और वर्षा समाप्त होने की भविष्यवाणियाँ सरकारी मौसम भविष्यवक्ताओं के द्वारा 2 सितंबर सन 2019 से की जाने लगी थीं बार बार तारीखें बदली जाती रहीं किंतु अक्टूबर समाप्त होने के बाद भी दक्षिणपूर्वी भारत में वर्षा और बाढ़ का क्रम चलता जा रहा है |