Wednesday, 29 April 2020

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वैदिक वैश्विक मौसमपूर्वानुमान: मई - 2020

      विश्व के अधिकाँश भागों में मई के महीने में बारिश और आँधी तूफानों की घटनाएँ कई बार घटित होंगी !पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी एवं मैदानी क्षेत्रों में वर्षा होने की घटनाएँ इस बार मई के महीने में भी घटित कई बार घटित होंगी |  कहीं कहीं अधिक वर्षा एवं ओले गिरने से कृषि कार्यों में रुकावट पैदा होगी तथा जान धन की हानि एवं उपज के संरक्षण की समस्या पैदा हो सकती है | विशेष कर भारत के उत्तर प्रदेश बिहार मध्यप्रदेश उड़ीसा झारखंड छत्तीस गढ़ जैसे क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ भी घटित होंगी जिनसे बचाव के लिए वर्षा का वातावरण बनने पर विशेष सतर्कतावरती जानी चाहिए |इसके साथ ही मई के महीने में दो बार चक्रवाती तूफानों का निर्माण होगा ऐसे तूफ़ान जिस दिशा और देश की ओर रुख करेंगे वहाँ वायु के अत्यंत तीव्र वेग एवं अधिक वर्षा से कृषि कार्यों में प्रबल बाधा के साथ साथ जनधन की हानि संभव है | कुछ क्षेत्रों गर्मी बढ़ेगी तथा आग लगने की घटनाएँ भी अधिक घटित होंगी |लू जैसी अत्यंत गर्म हवाओं का प्रभाव विश्व के कुछ देशों प्रदेशों में ही दिखाई पड़ेगा किंतु विश्व के अधिकाँश भागों में इस महीने भी तापमान बहुत अधिक बढ़ जाने की संभावना नहीं है | मई महीने के मौसम के विषय में विशेष बात यह है कि  विश्व के कुछ देशों के साथ साथ भारत के भी विशेषकर पूर्वोत्तर प्रदेशों में  वर्षा तथा बर्फबारी आदि की घटनाएँ भी घटित होंगी इसलिए ऐसे वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में हवाएँ तो तेज चलेंगी किंतु वर्षा के कारण तापमान अधिक न बढ़ने से लू जैसी गर्म हवाओं का प्रभाव बहुत अधिक नहीं  बढ़ने पाएगा !
     वायु प्रदूषण :वायु प्रदूषण 7 से 10 मई एवं 19 से 24 मई तक विश्व के कुछ देशों में मध्यमस्तर तक बढ़ जाने की संभावना है बहुत नहीं बढ़ेगा |  5,10,19,24 मई को आग लगने की घटनाएँ घटित होने की संभावना अधिक है इन दिनों में अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान भी बढ़ जाएगा तथा वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |  
     कोरोना : इसके साथ ही विश्व के अधिकाँश भाग को अपने चपेट में ले चुके कोरोना जैसे  महारोग का 6 मई के बाद क्रमशः तेजी से समाप्त होना प्रारंभ हो जाएगा क्योंकि प्रकृति में विद्यमान जिन बिषाणुओं के कारण इस रोग का उदय हुआ था वे प्रायः समाप्त हो चुके हैं इसलिए इसका इससे अधिक आगे बढ़ पाना अब संभव नहीं है | इतना अवश्य है कि इस रोग से पीड़ितों की जहाँ जितनी कम या अधिक संख्या है उसी क्रम में इसकी समाप्ति होती चली जाएगी |विशेष बात यह है कि इस घटते क्रम में भी अन्य दिनों की अपेक्षा 4,6,11,13,18,20,25,27 तारीखों में कोरोना जैसे महारोग का प्रकोप कुछ बढ़ सकता है किंतु उसका स्तर बहुत अधिक एवं स्थाई नहीं होगा | 
    5 से 10 मई के बीच में अधिकाँश लोगों की मानसिक बेचैनी बढ़ेगी जिससे कुछ घरों , समुदायों एवं देशों की मानसिकता तनाव पूर्ण एवं कलह प्रिय होगी !जिन्हें पहले से कोई तनाव चला आ रहा है उनकी इस समय अधिक  बेचैनी बढ़ेगी बाकी लोगों या परिवारों को ऐसे समय का विशेष अनुभव नहीं होगा | ऐसे समय में संयम एवं सहनशीलता पूर्वक पारिवारिक विवादों को बढ़ने से रोका जा सकता है |
    इसी  प्रकार से 5 मई से 10 मई तक एवं 19 मई से 24 मई तक प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी जिसका प्रभाव पृथ्वी की गहराई से लेकर आकाश की ऊँचाई  तक होते देखा जाता है | इस समय के प्रभाव से पृथ्वी के अंदर भूकंप जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जाती हैं एवं आकाश में विमान दुर्घटना बड़े तूफान बज्रपात एवं ओले गिरने जैसी दुखद घटनाएँ घटित हो सकती हैं | इसके अतिरिक्त आंदोलन,वाहन दुर्घटना, बसों का खाई में गिरना,समाज में उन्माद या दंगा फैलना,बम विस्फोट आदि आतंकी उपद्रव एवं देशों की सीमाओं पर तनाव बढ़ने जैसी घटनाओं के रूप में भी इसका प्रभाव पृथ्वी पर देखा जाता है |ऐसे समय में लोगों के चिंतन में उन्माद की मात्राअन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ते देखी  जाती है |भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,देश की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी आदि से संबंधित घटनाओं के घटित होने की संभावनाएँ बनते देखी जाती हैं | 


 

  वैदिक मौसम पूर्वानुमान: मई - 2020

 

समुद्री क्षेत्रों में दो बार के महीने के प्रारंभ होते ही तापमान बढ़ना प्रारंभ जाएगा !यहीं से ग्रीष्म ऋतु की गर्मी की शुरुआत हो जाएगी | 14 अप्रैल से वायु का वेग बढ़ते बढ़ते क्रमशः लू में परिवर्तित होता चला जाएगा |अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में आँधी तूफान जैसी घटनाएँ घटित होने की संभावना है |
     जबकि कुछ अन्य देशों एवं क्षेत्रों के साथ साथ भारत के दक्षिण पश्चिमी प्रदेशों में तापमान बढ़ने के कारण वातावरण में गर्मी एवं लू जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा |दक्षिण भारत में वर्षा संबंधी वातावरण बनने की संभावनाएँ कुछ दिनों के अतिरिक्त अत्यंत कम हैं | इस वर्ष अप्रैल के महीने में भी  अन्य वर्षों की अपेक्षा बारिश और बर्फवारी कई बार घटित होने की संभावना है किंतु बहुत अधिक बारिश नहीं होगी |

     

 

    1 से 6 मई तक पूर्वोत्तर प्रदेशों में अधिक वर्षा की संभावना है यद्यपि यह वर्षा भारत के अधिकाँश प्रदेशों में घटित होगी इतना अवश्य है कि पूर्वोत्तर की अपेक्षा दक्षिणी प्रदेशों में वर्षा होने की मात्रा कुछ कम हो सकती है|इन्हीं दिनों में भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फवारी  एवं ओले गिरने आदि की घटनाएँ घटित होंगी|2,3,4 को दक्षिण पश्चिम में भी वर्षा होगी |6 मई को भारत के दक्षिणप्रांतों में भी वर्षा होगी |  

       पूर्वोत्तर भारत में 7 से 9 अप्रैल तक बादल रहेंगे और मध्यम वर्षा तथा बर्फवारी होगी |10, 11 और 12 को तेज हवा के साथ पूर्वी और उत्तरी प्रदेशों में  मध्यम वर्षा होने की संभावना है |13 को वर्षा नहीं होगी ,14 को देश के मध्य एवं पश्चिमी भागों में वर्षा होगी | 15,16,17 को वर्षा की मात्रा कुछ अधिक हो सकती है | 18 को सामान्य बादलों के साथ कहीं कहीं हल्की वर्षा होने की संभावना है |19 को वर्षा होगी | 20 को सामान्य बादल रहेंगे एवं कुछ क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है |21 को वर्षा की संभावना अत्यंत कम है | 22 को आकाश में कुछ बादलों के साथ मौसम सामान्य रहेगा | 23,24 को हवाओं का वेग बढ़ जाएगा एवं चक्रवाती वर्षा के अतिरिक्त भी पूर्वी और उत्तरी प्रदेशों में मध्यम वर्षा होगी  | 25,26,27 को दक्षिणी प्रदेशों में भी मध्यम वर्षा होगी |  28 ,29, 30 अप्रैल में भी कुछ प्रदेशों में सामान्य वर्षा कारक है |

   आँधी तूफ़ान का पूर्वानुमान :

    1 से 8 तारीख़ के  बीच वायुवेग कुछ बढ़ा रहेगा ! 9 से 13 तक वायु का वेग काफी अधिक बढ़ा होने के कारण आँधी तूफ़ान जैसी  घटनाएँ भी घटित होंगी |14 से 22 तक हवा का वेग तो अधिक रहेगा किंतु बड़े आँधी तूफानों की संभावना नहीं है |23 से 26अप्रैल के बीच देश के विभिन्न प्रदेशों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ घटित होने की संभावना है |27 से 30 के बीच वायु वेग अधिक होगा किंतु इन तारीखों में तेज आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ नहीं घटित होंगी |

  तापमान का पूर्वानुमान :

      तापमान अप्रैल के संपूर्ण  महीने में घटता बढ़ता रहेगा  स्थाई तौर पर अधिक बढ़ने की संभावना नहीं है और न ही अधिक लू चलने की संभावना है !इस वर्ष अप्रैल महीने की गर्मी बिषैली होने से रोग कारक है !  वर्षा होते रहने के बाद भी तापमान में विशेष गिरावट नहीं होगी !हुमश वाली गर्मी अक्सर होती रहेगी |  अप्रैल के महीने की 8,13,21,27 तारीखों में आग लगने की घटनाएँ घटित होने की संभावना अधिक रहेगी |इस समय में थोड़ी भी लापरवाही घातक हो सकती है |इन दिनों में वर्षा होने की संभावना बिल्कुल नहीं है |इसके साथ ही अन्य समय की अपेक्षा इस समय में तापमान कुछ अधिक होगा |

   उत्पात का पूर्वानुमान :

      8 9,10,11,12 एवं 22, 23,24,25,26 तारीखों में हिंसक वातावरण बनने का समय होगा | इसका असर अधिकाँश विश्व पर  पड़ेगा | पृथ्वी की गहराई से लेकर आकाश की ऊँचाई तक सब कुछ इस समय के प्रभाव से प्रभावित होता है| इसीलिए इस समय में भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,देश की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी आदि से संबंधित घटनाओं के घटित होने की संभावनाएँ अन्य समय की अपेक्षा अधिक निर्मित होंगी  |

    वायु प्रदूषण बढ़ने का पूर्वानुमान :

       इस वर्ष अप्रैल के महीने में वर्षा एवं वायु प्रवाह इतना अच्छा रहेगा कि वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना बिलकुल न के बराबर है फिर भी जिन क्षेत्रों में वर्षा या वायु प्रवाह अच्छा नहीं होगा उन क्षेत्रों में 10,11,12,13,14 तथा 24,25,26,27,28 तारीखों  में वायुप्रदूषण अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहेगा | 

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