लवजिहादी और आतंकवादी शब्द मुशलमान शब्द के पर्यायवाची शब्द तो नहीं ही हैं फिर मुशलमानों को राष्ट्र भक्त मानने में बुराई क्या है ?
मोदी जी मुशलमानों को राष्ट्र भक्त भी बताते हैं और उनके विरुद्ध लव जिहाद को मुद्दा बनवाकर नफरत भी फैला रहे हैं -मायावती -IBN -7
किन्तु मायावती जी ये बात मोदी जी की यदि आपकी समझ में नहीं आ रही है तो इसमें मोदी जी का क्या दोष ! मोदी जी ने मुशलमानों को राष्ट्र भक्त माना है किन्तु लवजिहाद है आतंकवाद है इसका विरोध करने के लिए तो मुशलमान भी मोदी जी के साथ हैं आपको ऐसा क्यों लगता है कि लवजिहादी और आतंकवादी दोनों मुशलमान शब्द के ही पर्यायवाची शब्द हैं मोदी जी ने मुशलमानों को राष्ट्र भक्त माना है न कि लवजिहादियों या आतंकवादियों को उनसे तो देश का कानून स्वयं निपटेगा किन्तु भले मुशलमानों को शांति पूर्वक जीने का हक़ होना चाहिए उसी का एहसास मोदी जी उन्हें करवाना चाह रहे हैं इसमें बुरा क्या है ?
मायावती जी !ये सब कुछ पढ़ना समझना तो आपको ही पड़ेगा अन्यथा विगत चुनावों में क्यों होती आपकी पार्टी की दुर्दशा !जनता ने सबकी बात मानी सबपर भरोसा किया किंतु बसपा पर भरोसा नहीं किया क्योंकि जनता को पता है कि ये झूठी पार्टी है कभी दलितों को कभी मुशलमानों को केवल डरवाकर ही राजनीति करना जानती है सवर्णों का हौआ दलितों को और हिन्दुओं का मुस्लिमों को दिखा दिखा कर वोट माँगा करती हैं आप !आपका ये झूठ जनता आखिर कब तक सहे !इसीलिए सालभर पुरानी आम आदमी पार्टी का भरोसा तो जनता ने कर लिया किन्तु बसपा का भरोसा नहीं किया और इतनी पुरानी पार्टी को वो भी देश के सबसे बड़े प्रदेश की सत्ता सँभाल चुकने वाली एवं बहुसंख्यक दलितों की हितैषी होने का दम्भ भरने वाली पार्टी इन चुनावों में किसी के द्वारा नहीं अपनायी गई सबने दुदकार दिया किसी ने मुख नहीं लगाया यहाँ तक कि दलित बंधुओं ने भी नहीं !इसलिए मायावती जी अब दलितों और मुस्लिमों को डरा धमका कर वोट माँगने की आदत छोड़ दीजिए और बदल दीजिए अपनी पार्टी का चाल चरित्र और चेहरा !वैसे भी जब तक मोदी जी जनता का विश्वास जीत पाने में सफल हैं तब तक आपके वश का कुछ नहीं है !
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