Saturday, 1 November 2014

साईं नाम से शिरडी संस्थान में केवल दो ही काम होते हैं
पहला काम केवल लड्डू बनाए और बेचे जाते हैं और चन्दा इकठ्ठा किया जाता है वहाँ धर्म नाम की कोई चीज है ही नहीं और हो भी कैसे !साईं के यहाँ धर्म को न किसी ने पढ़ा है और न समझा है केवल धन इकठ्ठा करने किए बिना शिर पैर वाले साईं जैसे काल्पनिक पात्रों की मूर्तियाँ बनवाकर मंदिरों में देवी देवताओं की तरह पुजने  पुजाने का ड्रामा करना ही साईं संस्थान का काम है जो ठीक नहीं है !

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